नई दिल्ली:
श्रीलंका सीरीज मौका है, भारतीय टीम के लिए अपने खिलाड़ियों को अलग-अलग हालात में परखने का। इस सीरीज में कुछ ऐसी अहम कड़ियां हैं, जिन्हें जोड़ने उतरेगी भारतीय टीम। सबसे पहला सवाल पवन नेगी के रोल को लेकर ही रहने वाला है। क्या वह जडेजा की जगह स्पिनर ऑलराउंडर के तौर पर खेलने जा रहे हैं या फिर धीमी पिचों पर टीम को एक और स्पिनर ऑलराउंडर का विकल्प देंगे।
ऐसे में अंतिम 11 में हार्दिक और नेगी में से किसी एक को ही मौका मिलेगा। मतलब साफ है कि पिच अगर तेज गेंदबाजी के अनुकूल है तो पांड्या टीम का हिस्सा होंगे और धीमी है तो नेगी टीम में शामिल किए जाएंगे।
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर क्या नेगी अपनी ताबड़तोड़ बल्लेबाज़ी बरकरार रख सकेंगे, यह इस सीरीज़ के बाद साफ़ हो जाएगा। हाल ही में खत्म हुई घरेलू टी-20 मुश्ताक अली ट्रॉफ़ी में नेगी का रिकॉर्ड शानदार रहा। उन्होंने दिल्ली के लिए 173 की स्ट्राइक रेट से रन बनाए। ऑस्ट्रेलिया दौरे पर हार्दिक की गेंदबाज़ी तो देख ली है। रफ़्तार उनके पास है, लेकिन घरेलू पिचों पर उन्हें लय पकड़नी होगी। साथ ही बल्ले से वह बड़े हिटर के तौर पर मशहूर हैं। इस साल मुश्ताक अली में उनका रिकॉर्ड शानदार रहा है और वह टूर्नामेंट के सबसे सफल बल्लेबाज़ बनकर उभरे, लेकिन अंतरराष्ट्रीय स्तर पर क्या वह उसे दोहरा सकते हैं, क्या वह कप्तान धोनी के भरोसे पर खरा उतर सकते हैं। यह जवाब इस सीरीज़ के बाद ही साफ होगा।
नए खिलाड़ियों के लिहाज से ही नहीं युवराज सिंह जैसे कमबैक मैन के लिए भी यह सीरीज़ बेहद अहम है। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ़ टी-20 सीरीज़ में उन्हें ज्यादा मौका नहीं मिला और उस पुराने युवराज को मैदान पर देखना अभी बाकी है। यहां पर युवी के पास मौका होगा अपने बल्ले से ताबड़तोड़ पारियां खेल कर आलोचकों का मुंह बंद करने का। ऐसा करना इसलिए भी ज़रूरी है क्योंकि वह टीम के वर्ल्ड कप प्लान का अहम हिस्सा हैं।
एक और खिलाड़ी जिसके लिए ये सीरीज़ बेहद अहम है वह हैं, अजिंक्य रहाणे। आईपीएल में रहाणे ने शानदार खेल दिखाया, लेकिन इसके बावजूद कप्तान धोनी उप-महाद्वीप में उनकी रनों की रफ्तार को लेकर सवाल उठा चुके हैं। विराट कोहली की गैर-मौजूदगी में रहाणे के पास एक मौका ज़रूर है कप्तान को प्रभावित करने का। 14 तारीख को तीसरे टी-20 के बाद अगर टीम इंडिया के पास इन सभी छोर पर अच्छी खबरें हों तो विश्व कप में भारत की दावेदारी बेहद मज़बूत होगी।
ऐसे में अंतिम 11 में हार्दिक और नेगी में से किसी एक को ही मौका मिलेगा। मतलब साफ है कि पिच अगर तेज गेंदबाजी के अनुकूल है तो पांड्या टीम का हिस्सा होंगे और धीमी है तो नेगी टीम में शामिल किए जाएंगे।
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर क्या नेगी अपनी ताबड़तोड़ बल्लेबाज़ी बरकरार रख सकेंगे, यह इस सीरीज़ के बाद साफ़ हो जाएगा। हाल ही में खत्म हुई घरेलू टी-20 मुश्ताक अली ट्रॉफ़ी में नेगी का रिकॉर्ड शानदार रहा। उन्होंने दिल्ली के लिए 173 की स्ट्राइक रेट से रन बनाए। ऑस्ट्रेलिया दौरे पर हार्दिक की गेंदबाज़ी तो देख ली है। रफ़्तार उनके पास है, लेकिन घरेलू पिचों पर उन्हें लय पकड़नी होगी। साथ ही बल्ले से वह बड़े हिटर के तौर पर मशहूर हैं। इस साल मुश्ताक अली में उनका रिकॉर्ड शानदार रहा है और वह टूर्नामेंट के सबसे सफल बल्लेबाज़ बनकर उभरे, लेकिन अंतरराष्ट्रीय स्तर पर क्या वह उसे दोहरा सकते हैं, क्या वह कप्तान धोनी के भरोसे पर खरा उतर सकते हैं। यह जवाब इस सीरीज़ के बाद ही साफ होगा।
नए खिलाड़ियों के लिहाज से ही नहीं युवराज सिंह जैसे कमबैक मैन के लिए भी यह सीरीज़ बेहद अहम है। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ़ टी-20 सीरीज़ में उन्हें ज्यादा मौका नहीं मिला और उस पुराने युवराज को मैदान पर देखना अभी बाकी है। यहां पर युवी के पास मौका होगा अपने बल्ले से ताबड़तोड़ पारियां खेल कर आलोचकों का मुंह बंद करने का। ऐसा करना इसलिए भी ज़रूरी है क्योंकि वह टीम के वर्ल्ड कप प्लान का अहम हिस्सा हैं।
एक और खिलाड़ी जिसके लिए ये सीरीज़ बेहद अहम है वह हैं, अजिंक्य रहाणे। आईपीएल में रहाणे ने शानदार खेल दिखाया, लेकिन इसके बावजूद कप्तान धोनी उप-महाद्वीप में उनकी रनों की रफ्तार को लेकर सवाल उठा चुके हैं। विराट कोहली की गैर-मौजूदगी में रहाणे के पास एक मौका ज़रूर है कप्तान को प्रभावित करने का। 14 तारीख को तीसरे टी-20 के बाद अगर टीम इंडिया के पास इन सभी छोर पर अच्छी खबरें हों तो विश्व कप में भारत की दावेदारी बेहद मज़बूत होगी।
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