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This Article is From Jan 23, 2017

जम्‍मू-कश्‍मीर के परवेज रसूल को मिला उनकी प्रतिभा का 'इनाम', उमर अब्‍दुल्‍ला और शशि थरूर भी हैं उनके खेल कौशल के कायल

जम्‍मू-कश्‍मीर के परवेज रसूल को मिला उनकी प्रतिभा का 'इनाम', उमर अब्‍दुल्‍ला और शशि थरूर भी हैं उनके खेल कौशल के कायल
परवेज रसूल स्पिन गेंदबाजी के अलावा अच्‍छी बल्‍लेबाजी भी कर लेते हैं (फाइल फोटो)
नई दिल्‍ली: इंग्‍लैंड के खिलाफ होने वाली टी20 सीरीज के लिए लेग स्पिनर अमित मिश्रा और ऑफ स्पिनर परवेज रसूल को टीम इंडिया में जगह दी गई है. टीम इंडिया के व्‍यस्‍त शेड्यूल और इंग्‍लैंड के खिलाफ सीरीज में अब तक के प्रभावी प्रदर्शन को देखते हुए चयनकर्ताओं ने रविचंद्रन अश्विन और रवींद्र जडेजा को आराम दिया और उनकी जगह मिश्रा और रसूल को मौका देने का निर्णय दिया है. अमित मिश्रा की बात करें तो उनका गेंदबाजी कौशल से तो हर कोई वाकिफ है. दाएं हाथ का यह स्पिनर अपने 'वेरिएशंस' से किसी भी टीम के बल्‍लेबाजी क्रम को ध्‍वस्‍त करने की क्षमता रखता है. इस लिहाज से वे निश्वित रूप से मौके के हकदार थे. हालांकि प्रदर्शन में स्थिरता नहीं होने के कारण वे टीम से अंदर-बाहर होते रहे हैं.

कम ही लोगों को याद होगा कि अमित मिश्रा ने शॉर्टर फॉर्मेट के अपने पिछले मैच में ही करिश्‍माई गेंदबाजी करते हुए भारतीय टीम को यादगार जीत दिलाई थी. अक्‍टूबर 2016 में खेले गए इस वनडे मैच में 'मिश्री' ने कीवी बल्‍लेबाजी क्रम को ध्‍वस्‍त करके रख दिया था. इस मैच में अमित ने महज 18 रन देकर पांच विकेट लिए थे और टीम इंडिया की 3-2 की सीरीज जीत में निर्णायक भूमिका निभाई थी. यही नहीं, न्‍यूजीलैंड के खिलाफ इस सीरीज में वे मैन ऑफ द मैच और मैन ऑफ द सीरीज भी रहे थे. 27 वर्षीय हरफनमौला परवेज रसूल का चयन जरूर कुछ हैरान कर रहा है लेकिन जम्‍मू-कश्‍मीर के इस खिलाड़ी ने भी हासिल हुए मौकों पर अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया है. (पढ़ें, इसलिए थोड़े निराश हैं जम्‍मू-कश्‍मीर के हरफनमौला परवेज रसूल)

परवेज रसूल दाएं हाथ से स्पिन गेंदबाजी के अलावा अच्‍छी बल्‍लेबाजी भी कर लेते हैं.  टीम इंडिया के महान स्पिनर बिशन सिंह बेदी  परवेज रसूल को प्रतिभा से भरपूर गेंदबाज मानते हुए उनकी प्रशंसा कर चुके हैं. रसूल की गेंदबाजी को धारदार बनाने में बेदी का महत्‍वपूर्ण योगदान रहा है. एक वनडे मैच में टीम इंडिया का प्रतिनिधित्‍व कर चुके रसूल को घरेलू क्रिकेट में लगातार अच्‍छा प्रदर्शन करने का इनाम मिला है और वे निश्वित रूप से इस मौके के हकदार थे. रसूल विकेट-टू-विकेट गेंदबाजी करने में माहिर है और वे गेंद को ज्‍यादा फ्लाइट नहीं कराते. इस लिहाज से वनडे और टी20 में वे उपयोगी साबित हो सकते हैं.

वैसे भी घरेलू क्रिकेट में चमक दिखाने के बाद परवेज रसूल को टीम इंडिया में जगह मिलने की मांग उनके राज्‍य जम्‍मू-कश्‍मीर में जोरशोर से उठती रही है. यह मांग करने वालों में राज्‍य के पूर्व सीएम उमर अब्‍दुल्‍ला भी शामिल रहे हैं. वर्ष 2013 में जब रसूल को जिम्बाब्वे के खिलाफ पांचवें और अंतिम वन-डे मैच में भी अंतिम एकादश में जगह नहीं मिली तो उमर अब्‍दुल्‍ला ने निराशा जताई थी. उमर ने ट्वीट किया था कि क्या रसूल को जिम्बाब्वे सिर्फ इसलिए ले जाया गया कि उसका मनोबल गिराया जाए. यह काम तो देश में भी आसानी से हो सकता था.

पूर्व केंद्रीय मंत्री शशि थरूर और खेल समीक्षक अयाज मेमन ने भी उस समय रसूल को प्‍लेइंग इलेवन में मौका नहीं देने के फैसले पर सवाल उठाया था. परवेज ने अब तक टीम इंडिया की ओर से एक वनडे खेलते हुए दो विकेट हासिल किए हैं. वैसे घरेलू क्रिकेट का उनका रिकॉर्ड खासा प्रभावी है. 58 प्रथम श्रेणी मैचों में वे 38.87 के औसत से तीन हजार से अधिक रन बना चुके हैं जिसमें आठ शतक शामिल हैं. यही नहीं, प्रथम श्रेणी मैचों में 156 विकेट भी इस खिलाड़ी के नाम पर दर्ज हैं. 37 टी20 मैचों (इंटरनेशनल नहीं) में 478 रन और 27 विकेट भी परवेज के नाम पर दर्ज हैं...

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