
भारतीय कप्तान विराट कोहली जीत के बाद उतने खुश नजर नहीं आए...
धर्मशाला:
भारतीय कप्तान विराट कोहली जीत के बाद उतने खुश नजर नहीं आए. हालांकि कोहली की टीम ने ऑस्ट्रेलिया के हौसले पस्त करते हुए विपरीत परिस्थितियों में जीत दर्ज की. पहला टेस्ट मैच गंवाने के बाद शानदार वापसी की लेकिन कोहली के चेहरे पर उतनी खुशी देखने को नहीं मिली. पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि जब मौजूदा टीम विदेशी सत्र में जीतेगी तो उनके चेहरे पर मुस्कुराहट और चौड़ी होगी.
यह पूछने पर कि पिछले 13 में से 10 टेस्ट जीतने के बावजूद वह खुश क्यों नहीं दिख रहे, कोहली ने कहा, "इससे यह समझना चाहिये कि यह किसी चीज का अंत नहीं है. अपनी उपलब्धि पर अति उत्साहित होने की जरूरत नहीं है. हम नंबर वन रैंकिंग पाकर खुश हैं लेकिन हमारी असल चुनौती अब शुरू होती है. यदि हम विदेशी सत्र में भी जीत सके तो प्रेस कांफ्रेंस के दौरान मेरे चेहरे पर मुस्कुराहट और चौड़ी हो जाएगी."
उन्होंने कहा कि इस श्रृंखला का सबसे बड़ा हासिल भविष्य के लिये टीम तैयार करना रहा. उन्होंने कहा, "यह फख्र का पल है. हमने पूरे सत्र में अच्छा खेला और भविष्य के लिये अच्छी टीम तैयार करना जरूरी था जो लगातार अच्छा प्रदर्शन कर सके. हमने पूरे सत्र में यही किया." कोहली ने सहयोगी स्टाफ की तारीफ करते हुए कहा, "सभी को श्रेय जाता है. सहयोगी स्टाफ को श्रेय नहीं मिलता लेकिन उनका योगदान 40 प्रतिशत है क्योंकि वे खिलाड़ियों पर काफी मेहनत करते हैं. यह टीम प्रयास है और इसमें सभी शामिल हैं."
उन्होंने अजिंक्य रहाणे की कप्तानी की तारीफ करते हुए कहा कि यह उसका ही सुझाव था कि पांच गेंदबाजों को लेकर उतरा जाए. उन्होंने कहा, "मैने मैच से पहले अजिंक्य से बात की और कहा कि तुम्हे तय करना है कि चार गेंदबाज चाहिए या पांच. उसने तुरंत कहा कि पांच गेंदबाजों की जरूरत है."
कोहली ने कहा, "पांचवें गेंदबाज पर अनिल भाई, अजिंक्य और मैने बात की. कुलदीप यादव एक्स फैक्टर था क्योंकि आस्ट्रेलिया ने उसे नहीं खेला था. मुझे लगता है कि अजिंक्य और अनिल भाई का फैसला शानदार था." बाहर बैठकर मैच देखना कठिन था लेकिन कोहली ने खुशी जताई कि उनकी गैर मौजूदगी में टीम ने मिलकर जिम्मेदारी निभाई. उन्होंने कहा, "कल बाहर से जश्न मनाते हुए मैने चार बार कंधे को झटका दिया . मैं चेंज रूम में बैठक नहीं पा रहा था. बुरा लग रहा था. मुझे याद नहीं कि मैने लगातार कितने टेस्ट खेले हैं . मेरे पास हालांकि कोई विकल्प नहीं था क्योंकि 50 प्रतिशत फिटनेस के साथ खेलना सही नहीं होता."
यह पूछने पर कि पिछले 13 में से 10 टेस्ट जीतने के बावजूद वह खुश क्यों नहीं दिख रहे, कोहली ने कहा, "इससे यह समझना चाहिये कि यह किसी चीज का अंत नहीं है. अपनी उपलब्धि पर अति उत्साहित होने की जरूरत नहीं है. हम नंबर वन रैंकिंग पाकर खुश हैं लेकिन हमारी असल चुनौती अब शुरू होती है. यदि हम विदेशी सत्र में भी जीत सके तो प्रेस कांफ्रेंस के दौरान मेरे चेहरे पर मुस्कुराहट और चौड़ी हो जाएगी."
उन्होंने कहा कि इस श्रृंखला का सबसे बड़ा हासिल भविष्य के लिये टीम तैयार करना रहा. उन्होंने कहा, "यह फख्र का पल है. हमने पूरे सत्र में अच्छा खेला और भविष्य के लिये अच्छी टीम तैयार करना जरूरी था जो लगातार अच्छा प्रदर्शन कर सके. हमने पूरे सत्र में यही किया." कोहली ने सहयोगी स्टाफ की तारीफ करते हुए कहा, "सभी को श्रेय जाता है. सहयोगी स्टाफ को श्रेय नहीं मिलता लेकिन उनका योगदान 40 प्रतिशत है क्योंकि वे खिलाड़ियों पर काफी मेहनत करते हैं. यह टीम प्रयास है और इसमें सभी शामिल हैं."
उन्होंने अजिंक्य रहाणे की कप्तानी की तारीफ करते हुए कहा कि यह उसका ही सुझाव था कि पांच गेंदबाजों को लेकर उतरा जाए. उन्होंने कहा, "मैने मैच से पहले अजिंक्य से बात की और कहा कि तुम्हे तय करना है कि चार गेंदबाज चाहिए या पांच. उसने तुरंत कहा कि पांच गेंदबाजों की जरूरत है."
कोहली ने कहा, "पांचवें गेंदबाज पर अनिल भाई, अजिंक्य और मैने बात की. कुलदीप यादव एक्स फैक्टर था क्योंकि आस्ट्रेलिया ने उसे नहीं खेला था. मुझे लगता है कि अजिंक्य और अनिल भाई का फैसला शानदार था." बाहर बैठकर मैच देखना कठिन था लेकिन कोहली ने खुशी जताई कि उनकी गैर मौजूदगी में टीम ने मिलकर जिम्मेदारी निभाई. उन्होंने कहा, "कल बाहर से जश्न मनाते हुए मैने चार बार कंधे को झटका दिया . मैं चेंज रूम में बैठक नहीं पा रहा था. बुरा लग रहा था. मुझे याद नहीं कि मैने लगातार कितने टेस्ट खेले हैं . मेरे पास हालांकि कोई विकल्प नहीं था क्योंकि 50 प्रतिशत फिटनेस के साथ खेलना सही नहीं होता."
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