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This Article is From Jan 20, 2016

IND vs AUS : रोमांचक कैनबरा वनडे में टीम इंडिया की हार के मुख्य कारण

IND vs AUS : रोमांचक कैनबरा वनडे में टीम इंडिया की हार के मुख्य कारण
टीम इंडिया को लगातार चौथी हार का सामना करना पड़ा (फाइल फोटो)
नई दिल्ली: ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ वनडे सीरीज में करारी हार झेल चुकी टीम इंडिया के पास कैनबरा में सम्‍मान बचाने का एक सुनहरा मौका था, लेकिन उस पर पानी फिर गया। जीत की ओर बढ़ रही टीम अचानक धराशायी हो गई। हमारे बल्लेबाजों ने लापरवाही से खेलते हुए विकेट गंवाए और तय जीत हार में बदल गई। आइए हम इस हार के कारणों पर नजर डालते हैं:

केयरलेस बैटिंग:
  • टीम इंडिया की ओर से 349 रन के लक्ष्य का पीछा करने के दौरान दो शतक (विराट कोहली-106 और शिखर धवन-126) लगे, लेकिन दोनों ही शतकवीर बल्लेबाजों ने विकेट फेंक दिए। खास बात यह कि सीरीज में पहली बार वे 100 से काफी अधिक के स्ट्राइक रेट से रन बना रहे थे और टीम की जीत सुनिश्चित थी।
  • बैटिंग में शुरुआत भी शानदार थी और पिछली पारियों से इतर रोहित शर्मा ने 25 गेदों में 41 रन जड़कर तेज शुरुआत दी। इसके बाद शिखर धवन और विराट ने पारी को आगे बढ़ाते हुए 37 ओवर तक और कोई विकेट नहीं गिरने दिया। 38वें ओवर में 277 के स्कोर पर धवन का विकेट गिरते ही मानो टीम इंडिया को नजर लग गई।
  • धवन के बाद कप्तान एमएस धोनी, गुरकीरत सिंह मान और जमकर खेल रहे विराट कोहली ने भी केयरलेस बैटिंग का प्रदर्शन करते हुए अपने विकेट फेंक दिए। इस प्रकार हमने आखिरी 13 ओवरों में महज 46 बनाकर 9 विकेट खो दिए और तय लग रही जीत हार में बदल गई।
  • विराट ने 92 गेंदों में 106 रन बनाए और काफी अच्छी लय में दिख रहे थे, लेकिन उनका आउट होना सबसे अधिक अखरा, क्योंकि धोनी और शिखर (126) के आउट होने पर उनके अंत तक खेलने की उम्मीद थी, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया और आसान-सा कैच थमा दिया।

ऐसे ऑलराउंडर किस काम के:
  • कप्तान एमएस धोनी ने शुरुआती मैचों में ऑलराउंडर के रूप में शामिल किए गए गुरकीरत और ऋषि धवन को मौका नहीं दिया था। इस पर आलोचकों ने उन्हें निशाने पर लिया था।
  • अब जब उन्होंने इन दो युवाओं को मौका दिया, तो दोनों ने निराश किया। 300 से अधिक मैचों में कप्तानी कर चुके धोनी शायद इसीलिए इन्हें मौका नहीं दे रहे थे। उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस में भी कहा था कि उन्हें जिस तरह का बॉलिंग ऑलराउंडर चाहिए, वैसा खिलाड़ी टीम में नहीं है। ऐसे में ऋषि और गुरकीरत के पास खुद को साबित करने का सुनहरा मौका था, लेकिन उन्होंने इसे खो दिया।
  • गुरकीरत (5) ने एक शानदार चौका भी जड़ा था, लेकिन फिर गैर-जिम्मेदराना शॉट खेलकर आउट हो गए, वह भी स्पिनर नैथन लियोन की गेंद पर। इसके बाद ऋषि धवन (9) ने भी  टिकना उचित नहीं समझा और लूज शॉट खेल दिया। यदि ये युवा मिलकर 50-70 रन के स्कोर का भी पीछा नहीं कर सकते, तो फिर ये टीम में रखने लायक नहीं हैं।
  • बॉलिंग में भी दोनों कुछ खास नहीं कर सके। गुरकीरत ने 3 ओवर में 24 रन दिए और कोई विकेट नहीं ले सके, जबकि ऋषि ने धवन ने 9 ओवर में 53 रन दिए और उन्हें कोई विकेट नहीं मिला।

फिनिशर धोनी की कमी:
  • शिखर धवन के 38वें ओवर में आउट हो जाने के बाद कप्तान एमएस धोनी से 'फिनिशिंग टच' की उम्मीद थी, लेकिन उन्होंने एक बार फिर निराश किया।
  • दरअसल क्लोज मैचों में टीम इंडिया को मिली अधिकांश जीत में धोनी की अहम भूमिका रही है, लेकिन इन दिनों उनके बल्ले को जैसे जंग लग गया है। वे उस तरह नहीं खेल पा रहे जिसके लिए जाने जाते हैं। उन्होंने भी खराब शॉट खेला और विकेटकीपर को कैच थमा दिया। धोनी जैसे अनुभवी खिलाड़ी से ऐसे शॉट की उम्मीद नहीं की जाती। यदि वे एक छोर पर खड़े भी रहते तो स्थिति दूसरी होती।

टीम इंडिया की दयनीय गेंदबाजी:
  • भारतीय गेंदबाजों को सीरीज में पहली बार पहले गेंदबाजी का मौका मिला। सभी गेंदबाजों ने दिशाहीन गेंदबाजी करते हुए जमकर रन लुटाए। इससे ऑस्ट्रेलिया ने 50 ओवर में 8 विकेट पर 348 रन का विशाल स्कोर बना लिया।
  • ईशांत शर्मा ने चार विकेट जरूर लिए, लेकिन उन्होंने 10 ओवर में 77 रन लुटा दिए। उमेश यादव को तीन विकेट मिले, लेकिन उनकी भी खूब पिटाई हुई और उन्होंने 10 ओवर में 67 रन दे डाले।
  • ऐसे में भारतीय कप्‍तान एमएस धोनी की परेशानी समझी जा सकती है। जब धोनी पहले बल्‍लेबाजी चुनते हैं और विपक्षी टीम 300 से अधिक स्‍कोर बना लेती है, तो गेंदबाज कहते हैं कि उन्‍हें पिच से मदद नहीं मिली। इस प्रकार भारत लगातार तीन बड़े स्‍कोर बनाने के बाद मैच हार गया। अब पहले गेंदबाजी का मौका मिला, तो भी वे पिच में मौजूद थोड़ी-बहुत नमी का फायदा नहीं उठा पाए।

ईशांत शर्मा ने तो एक ऐसा रिकार्ड बना दिया, जिसकी बराबरी शायद ही कोई दूसरा गेंदबाज करना चाहे। उन्होंने ऑस्‍ट्रेलिया में वनडे में ऑस्‍ट्रेलिया के खिलाफ सबसे ज्‍यादा रन लुटाने का रिकार्ड बना लिया। उन्होंने देवाशीष मोहंती को पीछे छोड़ा, जिन्‍होंने 21 जनवरी, 2010 को पर्थ में ऑस्‍ट्रेलिया के खिलाफ 76 रन लुटाए थे।

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