बेंगलुरु:
श्रीलंका के विश्वकप विजेता पूर्व कप्तान अर्जुन रणतुंगा का मानना है कि यदि सचिन तेंदुलकर जैसे खिलाड़ी संन्यास ले लेंगे, तो टेस्ट क्रिकेट मर जाएगा।
उन्होंने कहा, यदि सचिन जैसे खिलाड़ी टेस्ट क्रिकेट नहीं खेलेंगे, तो टेस्ट क्रिकेट मर जाएगा। मैं दुआ करूंगा कि वह टेस्ट क्रिकेट खेलता रहे। मुझे वनडे क्रिकेट से उसके संन्यास की खबर पर बहुत खुशी हुई। मेरे हिसाब से टेस्ट क्रिकेट ही ज्ञान है और छोटे प्रारूप सिर्फ मनोरंजन।
श्रीलंका को 1996 में एकमात्र विश्वकप दिलाने वाले रणतुंगा ने कहा कि तेंदुलकर के भीतर अभी काफी क्रिकेट है। यह पूछने पर कि घरेलू मैचों में दो शतक जमाकर क्या सचिन वापसी की राह पर हैं, उन्होंने कहा कि 39 बरस का होने के बावजूद सचिन कई युवा भारतीय खिलाड़ियों से बेहतर है। उन्होंने कहा, यदि वह एक अच्छी पारी खेलता है, तो मुझे यकीन है कि वह दो-तीन साल बिना किसी दिक्कत के खेल सकता है।
अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से जुड़े मसलों पर रणतुंगा ने आईसीसी को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि आईसीसी रीढहीन है। विवादित डीआरएस लागू नहीं करने के लिए बीसीसीआई की आलोचना करने की बजाय रणतुंगा ने आईसीसी पर भड़ास निकाली।
उन्होंने कहा, मैं बीसीसीआई को दोष नहीं देता, लेकिन आईसीसी डीआरएस को अनिवार्य नहीं करने के लिए कसूरवार है। उसे इस मसले पर मेजबान देश को फैसले का अधिकार नहीं देना चाहिए था। श्रीलंका पर्यटन के एक प्रचार कार्यक्रम में आए रणतुंगा ने कहा, आईसीसी सिर्फ कहती है, करती कुछ नहीं। उसे डीआरएस मसले पर देशों को नहीं, बल्कि खेल को बचाना चाहिए।
उन्होंने कहा, यदि सचिन जैसे खिलाड़ी टेस्ट क्रिकेट नहीं खेलेंगे, तो टेस्ट क्रिकेट मर जाएगा। मैं दुआ करूंगा कि वह टेस्ट क्रिकेट खेलता रहे। मुझे वनडे क्रिकेट से उसके संन्यास की खबर पर बहुत खुशी हुई। मेरे हिसाब से टेस्ट क्रिकेट ही ज्ञान है और छोटे प्रारूप सिर्फ मनोरंजन।
श्रीलंका को 1996 में एकमात्र विश्वकप दिलाने वाले रणतुंगा ने कहा कि तेंदुलकर के भीतर अभी काफी क्रिकेट है। यह पूछने पर कि घरेलू मैचों में दो शतक जमाकर क्या सचिन वापसी की राह पर हैं, उन्होंने कहा कि 39 बरस का होने के बावजूद सचिन कई युवा भारतीय खिलाड़ियों से बेहतर है। उन्होंने कहा, यदि वह एक अच्छी पारी खेलता है, तो मुझे यकीन है कि वह दो-तीन साल बिना किसी दिक्कत के खेल सकता है।
अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से जुड़े मसलों पर रणतुंगा ने आईसीसी को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि आईसीसी रीढहीन है। विवादित डीआरएस लागू नहीं करने के लिए बीसीसीआई की आलोचना करने की बजाय रणतुंगा ने आईसीसी पर भड़ास निकाली।
उन्होंने कहा, मैं बीसीसीआई को दोष नहीं देता, लेकिन आईसीसी डीआरएस को अनिवार्य नहीं करने के लिए कसूरवार है। उसे इस मसले पर मेजबान देश को फैसले का अधिकार नहीं देना चाहिए था। श्रीलंका पर्यटन के एक प्रचार कार्यक्रम में आए रणतुंगा ने कहा, आईसीसी सिर्फ कहती है, करती कुछ नहीं। उसे डीआरएस मसले पर देशों को नहीं, बल्कि खेल को बचाना चाहिए।
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