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Virat Kohli: "कभी पसंद नहीं किया..." पूर्व भारतीय कोच ने विराट कोहली को लेकर किया चौंकाने वाला खुलासा

Bharat Arun on Virat Kohli: भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व गेंदबाजी कोच भरत अरुण ने मंगलवार को कहा कि दिग्गज विराट कोहली ने कभी भी अभ्यास मैचों को ज्यादा पसंद नहीं किया और वह इसकी जगह नेट सत्र में समय बिताना चाहते थे.

Virat Kohli: "कभी पसंद नहीं किया..." पूर्व भारतीय कोच ने विराट कोहली को लेकर किया चौंकाने वाला खुलासा
Virat Kohli: विराट कोहली ने सोमवार को टेस्ट क्रिकेट से संन्यास का ऐलान किया है.

Bharat Arun on Virat Kohli: भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व गेंदबाजी कोच भरत अरुण ने मंगलवार को कहा कि दिग्गज विराट कोहली ने कभी भी अभ्यास मैचों को ज्यादा पसंद नहीं किया और वह इसकी जगह नेट सत्र में समय बिताना चाहते थे. कोहली के कप्तानी के दिनों में भारतीय कोचिंग टीम के अहम सदस्यों में शामिल रहे अरुण ने कहा कि इस दिग्गज खिलाड़ी के साथ काम करना उनके करियर के सर्वश्रेष्ठ पलों में से एक है.

अरुण ने 'पीटीआई' से कहा,"भारतीय और विश्व टेस्ट क्रिकेट को उनकी और उनके व्यक्तित्व की कमी खलेगी. मैंने भारत के गेंदबाजी कोच के रूप में अपने कुछ बेहतरीन पल विराट कोहली की कप्तानी में बिताए हैं." अरुण ने कहा,"कोहली ने अभ्यास मैचों को कभी पसंद नहीं किया."

उन्होंने कहा,"कोहली का मानना था कि अभ्यास मैचों में मुख्य मैचों की तरह जोश और जज्बे की कमी होती है. उन्होंने कभी अभ्यास मैचों का लुत्फ नहीं उठाया. वह इसकी जगह नेट सत्र में अधिक समय बिताना चाहते थे और हमेशा सबसे तेज विकेट का चुनाव कर गेंदबाजों या थ्रोडाउन विशेषज्ञों से 16 गज की दूरी से गेंद डालने को कहते थे."

कोहली ने सोमवार को टेस्ट क्रिकेट को अलविदा कह दिया है. उन्होंने 123 टेस्ट मैचों में 30 शतक की मदद से 9230 रन बनाये. इस दौरान उनका औसत 46.85 का रहा. वह 68 मैचों में 40 जीत के साथ भारत के सबसे सफल टेस्ट कप्तान है. अरुण ने कहा,"कोहली ने किसी भी चीज से ज्यादा इस प्रारूप का सम्मान किया और इस प्रारूप को उनकी कमी खलेगी."

भारत के चैम्पियन बल्लेबाज विराट कोहली पिछले साल ही टी20 अंतरराष्ट्रीय से संन्यास ले लिया था. अब वह सिर्फ एक दिवसीय क्रिकेट खेलेंगे. जब टी20 क्रिकेट वैश्विक स्तर पर सुर्खियों में था, तब वह टेस्ट प्रारूप को बचाने की मुहिम में सबसे आगे थे. कोहली ने स्वीकार किया कि यह फैसला करना आसान नहीं था जिससे खेल के लंबे प्रारूप में उनके भविष्य को लेकर अटकलों का दौर खत्म हो गया. अटकलों का दौर साल के शुरू में ऑस्ट्रेलिया के दौरे के निराशाजनक प्रदर्शन के बाद शुरू हुआ.

कोहली ने अपने इंस्टाग्राम पेज पर घोषणा की,"मैं खेल के लिए, जिन लोगों के साथ मैदान में खेला और हर उस व्यक्ति के लिए दिल में आभार लेकर जा रहा हूं जिसने मुझे इस खेल के दौरान खेलते हुए देखा है." वर्ष 2011 में डेब्यू करने के बाद से कोहली ने भारत को इस प्रारूप में दुनिया की नंबर एक टीम बनाया और 2018-19 में ऑस्ट्रेलिया में ऐतिहासिक सीरीज जीत दिलाई.

पिछले साल कैरेबियाई देश में भारत की टी20 विश्व कप जीत में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के बाद उन्होंने टी20 अंतरराष्ट्रीय से संन्यास ले लिया था जिससे अब वह सिर्फ वनडे में खेलेंगे. उन्होंने कहा,"टेस्ट क्रिकेट में पहली बार 14 साल पहले 'बैगी ब्लू' पहनी थी. सच कहूं तो मैंने कभी नहीं सोचा था कि यह प्रारूप मुझे किस सफर पर ले जाएगा. इसने मेरी परीक्षा ली, मुझे गढा और मुझे ऐसे सबक सिखाए, जिन्हें मैं जीवन भर अपने साथ रखूंगा."

इस मेगास्टार का आखिरी टेस्ट ऑस्ट्रेलिया दौरा था जो काफी निराशाजनक रहा था जिसमें उन्होंने सिर्फ एक शतक बनाया था. इस तरह उनके करियर का अंत 10,000 रन के आंकड़े से कम रहा जिसे एक समय औपचारिकता माना जा रहा था. दाएं हाथ के इस बल्लेबाज ने सात दोहरे शतकों के साथ इस प्रारूप के दिग्गज के रूप में अपनी पहचान बनाई जो किसी भारतीय खिलाड़ी के लिए सबसे अधिक है. वह महान बल्लेबाज सुनील गावस्कर (4), सचिन तेंदुलकर (6), वीरेंद्र सहवाग (6) और राहुल द्रविड़ (5) से काफी आगे है.

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