
- जसप्रीत बुमराह ने लॉर्ड्स टेस्ट में ड्यूक गेंद के सॉफ्ट होने की बात कही और बताया कि अब उभरी सीम से उंगलियों में छाले नहीं पड़ते.
- बुमराह ने कहा कि वे गेंद की गुणवत्ता पर विवाद नहीं करना चाहते क्योंकि इससे उनकी मैच फीस प्रभावित हो सकती है.
- लॉर्ड्स ऑनर्स बोर्ड पर नाम दर्ज कराने वाले बुमराह ने इसे अपने लिए गर्व की बात बताया और इसे अपने बच्चों को दिखाने की इच्छा जताई.
बॉल को लेकर बवाल बढ़ता ही जा रहा है. लॉर्ड्स पर भारत-इंग्लैंड टेस्ट सीरीज़ के दौरान नई-पुरानी सभी ड्यूक गेंद को लेकर लगातार सवाल उठे रहे हैं. और अब, दुनिया के बेहतरीन गेंदबाज़ जसप्रीत बुमराह ने ड्यूक गेंद पर खुलकर अपनी राय रखी है.
‘ड्यूक गेंद पहले से यकीनन हुई है सॉफ्ट'
बुमराह ने SONY SPORTS Network पर प्रेज़ेन्टर और उनकी पत्नी संजना गणेशन को बताया, “पिछले दौरों पर मैं यहां आता था तो गेंद के उभरे सीम की वजह से मेरी उंगलियों में छाले पड़ जाते थे. लेकिन अब ऐसा नहीं होता. इसका मतलब साफ है कि गेंद पहले से सॉफ्ट हुई है.”
‘मैच फ़ीस नहीं गंवाना चाहता'
लॉर्ड्स पर पारी में 5 विकेट लेकर ‘ऑनर्स बोर्ड' में अपना नाम लिखवाने वाले महान गेंदबाज़ बुमराह ने ये भी कहा, “ना तो मैं इसपर लड़ सकता हूं, ना इसे बदल सकता हूं. ये मेरे कंट्रोल में नहीं है. ज़ाहिर तौर मैं अपने पैसे नहीं गंवाना चाहता. क्योंकि मैंने बहुत मेहनत की है और कई ओवर गेंदबाज़ी की है. इस पर मैं कुछ विवादास्पद कहकर अपनी मैच फ़ीस नहीं गंवाना चाहता.”
जो सचिन नहीं कर सके- ‘बच्चों को दिखाऊंगा'
वर्ल्ड नंबर 1 टेस्ट गेंदबाज़ ने इंग्लैंड की मज़बूत होती पारी में हैरी ब्रुक, शतकवीर जो रूट, कप्तान बेन स्टोक्स, क्रिस वोक्स और जोफ्रा आर्चर के विकेट लेकर इंग्लैंड को 400 के पार नहीं जाने दिया. पारी में 5 विकेट लेते ही बुमराह का नाम ‘लॉर्ड्स ऑनर्स बोर्ड' पर आ गया. लॉर्ड्स पर शतक नहीं होने की वजह से महान सचिन तेंदुलकर तक का नाम लॉर्ड्स ऑनर्स बोर्ड पर नहीं है. लेकिन बुमराह का नाम इस पर आने से उन्होंने कहा, “ऑनर्स बोर्ड पर नाम आने से ज़रूर अच्छा लग रहा है. मैं अब अपने बेटे को जब वो बड़ा होगा तो बता ये सकूंगा (कि मैंने लॉर्ड्स और दूसरे मैदानों पर पारी में 5 विकेट लिए).”
निशाने पर कप्तान गिल
लेकिन नई गेंद को बदलने को लेकर माइक आर्थर्टन और नासिर हुसैने जैसे इंग्लैंड के दिग्गजों ने कप्तान शुभमन गिल को निशाने पर लिया है.
निशाने पर अंपायर्स
कई एक्सपर्ट्स ये भी सवाल उठा रहे हैं कि मैच पर अंपायर्स का कंट्रोल नहीं है. इसी वजह से पहले दिन सिर्फ़ 83 और दूसरे दिन 75 ओवरों का ही खेल हो पाया. ऐसे में 20-25 ओवर यानी दो दिनों तकरीबन एक सत्र का खेल नहीं हो पाया. ऐसे में अंपायर्स भी एक्सपर्ट्स के निशाने पर हैं.
दरअसर लॉर्ड्स पर दूसरे दिन 63 गेंदों के बाद ही नई गेंद को रिप्लेस करने की ज़रूरत पड़ गई. फिर 48 गेंदों पर फिर से रिप्लेसमेंट-गेंद को भी बदलना पड़ा. ये ड्यूक गेंदें बार-बार आकार खो रही हैं. गेंद की सीम सॉफ्ट हो गई है. पुरानी गेंद से गेंदबाज़ी भी मुश्किल साबित हो रही है. बुमराह ने अब खुलकर इस पर अपनी राय रखी है.
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