फाइल फोटो
ओवल टेस्ट में इंग्लैंड की टीम पहली पारी में महज 149 रन पर सिमट गई। टेस्ट के तीसरे दिन इंग्लिश टीम 8 ओवर में 42 रन बनाकर ऑलआउट हो गई। माइकल क्लार्क की कप्तानी में यह पहला मौका है, जब उन्होंने विरोधी टीम को फॉलोऑन के लिए कहा है।
इससे पहले चार मौकों पर क्लार्क ने तीसरी पारी में बल्लेबाजी करने का फैसला किया था। इसी एशेज में लॉर्ड्स टेस्ट में ऑस्ट्रेलिया को 254 रन का बढ़त मिली थी, लेकिन क्लार्क ने फ़ॉलोऑन नहीं दिया था।
मार्च 2014 में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ केपटॉउन टेस्ट में 207 रन की बढ़त लेने के बाद क्लार्क ने फॉलोऑन नहीं देने का फ़ैसला किया। जनवरी 2012 में भारत के खिलाफ 332 रन की विशाल बढ़त हासिल करने के बाद भी कंगारू कप्तान ने टीम इंडिया को फॉलोऑन नहीं देते हुए बल्लेबाजी करना पसंद किया था।
वहीं दिसंबर 2013 की एशेज सीरीज में 398 रन की बढ़त के बीद भी क्लार्क की टीम ने बल्लेबाजी की और तीसरी पारी में 39 ओवर बल्लेबाजी करनेके बाद इंग्लिश टीम को बल्लेबाजी का मौका दिया।
इससे पहले चार मौकों पर क्लार्क ने तीसरी पारी में बल्लेबाजी करने का फैसला किया था। इसी एशेज में लॉर्ड्स टेस्ट में ऑस्ट्रेलिया को 254 रन का बढ़त मिली थी, लेकिन क्लार्क ने फ़ॉलोऑन नहीं दिया था।
मार्च 2014 में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ केपटॉउन टेस्ट में 207 रन की बढ़त लेने के बाद क्लार्क ने फॉलोऑन नहीं देने का फ़ैसला किया। जनवरी 2012 में भारत के खिलाफ 332 रन की विशाल बढ़त हासिल करने के बाद भी कंगारू कप्तान ने टीम इंडिया को फॉलोऑन नहीं देते हुए बल्लेबाजी करना पसंद किया था।
वहीं दिसंबर 2013 की एशेज सीरीज में 398 रन की बढ़त के बीद भी क्लार्क की टीम ने बल्लेबाजी की और तीसरी पारी में 39 ओवर बल्लेबाजी करनेके बाद इंग्लिश टीम को बल्लेबाजी का मौका दिया।
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