झारखंड लोकसेवा आयोग (जेपीएससी) की छठी प्राशासनिक सेवा परीक्षा के चयनित एवं पदस्थापित अभ्यर्थियों को उच्च न्यायालय की खंड पीठ से मंगलवार को राहत मिल गई. झारखंड उच्च न्यायालय की खंडपीठ ने आज यथास्थिति कायम रखने का तात्कालिक आदेश दिया है जिससे परीक्षा पास कर नौकरी पाने वाले किसी भी अभ्यार्थी को फिलहाल सेवा से हटाया नहीं जायेगा.
खंड पीठ ने एकल पीठ के आदेश के खिलाफ सुनवाई करते हुए मामले में अगले आदेश तक यथास्थिति (स्टेट्स को) बनाए रखने का निर्देश दिया. यानी फिलहाल नयी मेधा सूची नहीं बनायी जायेगी.
अन्यथा राज्य में छठीं जेपीएससी परीक्षा के माध्यम से लगभग एक वर्ष से विभिन्न विभागों में पदस्थापित 326 पदाधिकारियों में से बहुतेरे को नयी मेधा सूची में स्थान न मिलने का अंदेशा था. साथ ही अदालत ने इस मामले में एकल पीठ में याचिका दाखिल करने वाले सभी प्रार्थियों को नोटिस जारी करने का निर्देश दिया है.
उच्च न्यायालय की एकल पीठ ने चयनित अभ्यर्थियों की नयी मेधा सूची बनाने का आदेश दिया था. एकल पीठ ने झारखंड लोक सेवा आयोग की इस प्राशासनिक परीक्षा में हिंदी और अंग्रेजी भाषा के प्रथम प्रश्न पत्र को सिर्फ अर्हतांक (पासिंग अंक) पाने के लिए आवश्यक माना था. उसके अंक को मेधा सूची बनाने में कुल अंकों में जोड़े जाने को गलत ठहराया था.
हालांकि खंड पीठ ने आज यथास्थिति कायम रखने का आदेश देते हुए कहा कि इस मामले में अंतिम निर्णय के बाद उक्त अभ्यर्थी किसी प्रकार का नौकरी में दावा नहीं करेंगे.
इस संबंध में अपीलार्थियों का पक्ष रखने वाले वरिष्ठ अधिवक्ता प्रशांत भूषण की ओर से इस बारे में प्रतिज्ञा पत्र (अंडर टेकिंग) दिया गया. झारखंड उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश डॉ. रविरंजन एवं एसएन प्रसाद की खंडपीठ ने इस मामले में अगली सुनवाई के लिए 28 सितंबर की तिथि निर्धारित की है.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं