भारत का डिजिटल बुनियादी ढांचा सुदृढ़
G20 शिखर सम्मेलन से पहले तैयार किए गए विश्व बैंक के दस्तावेज ने मोदी सरकार द्वारा उठाए गए प्रमुख उपायों और डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचे (DPI) परिदृश्य को आकार देने में सरकार की नीति और विनियमन की महत्वपूर्ण भूमिका को उजागर किया.
भारत की नई त्रिमूर्ति
विश्व बैंक ने कहा कि JAM (जन धन, आधार, मोबाइल) त्रिमूर्ति - सभी के लिए बैंक खाते, आधार और मोबाइल कनेक्टिविटी का एक संयोजन - ने वित्तीय समावेशन दर को 2008 में 25% से पिछले छह वर्षों में वयस्कों के 80% से अधिक तक पहुंचा दिया है, जो कि DPI के कारण 47 वर्षों तक कम हो गया है.
विश्व बैंक के दस्तावेज में कहा गया है, “DPIs की इस छलांग में भूमिका निर्विवाद है, लेकिन अन्य पारिस्थितिकी तंत्र के वेरिएबल और नीतियां जो DPIs की उपलब्धता पर आधारित हैं, वे महत्वपूर्ण थे. इनमें एक अधिक सक्षम कानूनी और विनियामक ढांचा बनाना, खाता स्वामित्व का विस्तार करने के राष्ट्रीय नीतियों और आधार को पहचान सत्यापन के लिए उपयोग करना शामिल था.”
महिलाओं को हुआ जनधन का लाभ
2014 में लॉन्च के बाद से, नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री के पहले वर्ष में, पीएम जनधन योजना खातों की संख्या 14.72 करोड़ से बढ़कर जून 2022 तक 46.2 करोड़ हो गई है; इन खातों में से 56% महिलाएं हैं, जो 26 करोड़ से अधिक हैं.
प्रधानमंत्री जन धन योजना (पीएमजेडीवाई) - वित्तीय समावेशन और जो बैंकों से जुड़े नहीं थे उन्हें जोड़ने का राष्ट्रीय मिशन - कार्यान्वयन के नौ साल पूरे कर चुका है. यह पहल 2014 में लाल किले से अपने स्वतंत्रता दिवस के संबोधन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा घोषित की गई थी. बाद में उन्होंने 28 अगस्त 2014 को इस कार्यक्रम का शुभारंभ किया.
बैंकों से जोड़ने की काम
पीएमजेडीवाई ने अनबैंक्ड को बैंकिंग प्रणाली में लाया है, भारत के वित्तीय वास्तुकला का विस्तार किया है और लगभग हर वयस्क को वित्तीय समावेशन में लाया है.
इसके अलावा, विश्व बैंक ने यह भी नोट किया कि भारत ने लाभार्थियों को सीधे हस्तांतरण के लिए प्रौद्योगिकी का लाभ उठाया है, इसके अलावा खुदरा भुगतान के लिए UPI का उपयोग किया है.
विश्व बैंक के पेपर्स में कहा गया है, “भारत में DPI ने निजी संगठनों के लिए भी जटिलता, लागत और भारत में व्यावसायिक कार्यों में लगने वाले समय में कमी के माध्यम से दक्षता को बढ़ाया है.” UPI ने दी रफ्तार
यूनाइटेड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) भारत का मोबाइल-आधारित तेज भुगतान प्रणाली है, जो ग्राहकों को एक आभासी भुगतान पते (VPA) का उपयोग करके, 24 घंटे, हर दिन भुगतान करने में सक्षम बनाता है, जिसे ग्राहक द्वारा बनाया जाता है. UPI भुगतान प्रणाली भारत में खुदरा डिजिटल भुगतान के लिए बेहद लोकप्रिय हो गई है, और इसका प्रयोग तेजी से बढ़ रहा है.
अन्य देशों को भी लाभ
भारत सरकार का एक महत्वपूर्ण जोर यह सुनिश्चित करना रहा है कि UPI के लाभ केवल भारत तक ही सीमित न हों, बल्कि अन्य देश भी इससे लाभान्वित हों. अब तक, श्रीलंका, फ्रांस, यूएई और सिंगापुर ने उभरते फिनटेक और भुगतान समाधानों पर भारत के साथ हाथ मिलाया है.