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सीएसओ के आंकड़ों के अनुसार कृषि, वन और मत्स्यपालन जैसी गतिविधियों की वृद्धि दर चालू वित्त वर्ष में 3.8 प्रतिशत रहने का अनुमान है, जो इससे पिछले वित्त वर्ष में 3.4 प्रतिशत रही थी. वहीं, विनिर्माण क्षेत्र की वृद्धि दर 2017-18 के 5.7 प्रतिशत से बढ़कर 2018-19 में 8.3 प्रतिशत पर पहुंचने का अनुमान है. हालांकि, वित्त वर्ष के दौरान खनन और संबद्ध क्षेत्र की वृद्धि दर घटकर 0.8 प्रतिशत पर आने का अनुमान है, जो इससे पिछले वित्त वर्ष में 2.9 प्रतिशत रही थी। इसी तरह व्यापार, होटल, परिवहन, संचार और प्रसारण से संबंधित सेवाओं की वृद्धि दर पिछले वित्त वर्ष के 8 प्रतिशत से घटकर चालू वित्त वर्ष में 6.9 प्रतिशत पर आने का अनुमान है. इसी तरह लोक प्रशासन, रक्षा और अन्य सेवाओं की वृद्धि दर पिछले वित्त वर्ष के 10 प्रतिशत से घटकर 8.9 प्रतिशत रहने का अनुमान है. बिजली, गैस, जलापूर्ति एवं अन्य सेवाओं की वृद्धि दर 2018-19 में 9.4 प्रतिशत रहने का अनुमान है, जो पिछले वित्त वर्ष में 7.2 प्रतिशत रही थी. इसी तरह निर्माण क्षेत्र की वृद्धि दर के 8.9 प्रतिशत पर पहुंच जाने का अनुमान सीएसओ ने लगाया है, जो पिछले वित्त वर्ष में 5.7 प्रतिशत थी. वित्तीय, रीयल एस्टेट और पेशेवर सेवाओं की वृद्धि दर बढ़कर 6.8 प्रतिशत रहने का अनुमान है, जो 2017-18 में 6.6 प्रतिशत थी.
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सीएसओ के अनुमान के अनुसार 2018-19 में प्रति व्यक्ति शुद्ध राष्ट्रीय आय 11.1 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 1,25,397 रुपये पर पहुंच जाएगी, जो 2017-18 में 1,12,835 रुपये थी. निवेश का पैमाना समझे जाने वाली सकल स्थायी पूंजी सृजन (जीएफसीएफ) के मौजूदा मूल्य पर 55.58 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान है जो 2017-18 में 47.79 करोड़ रुपये रहा था. स्थिर मूल्य (2011-12) पर जीएफसीएफ 45.86 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान है जो 2017-18 में 40.88 लाख करोड़ रुपये रहा था. जीडीपी के संदर्भ में चालू और स्थिर कीमत पर जीएफसीएफ की दर क्रमश: 29.5 प्रतिशत और 32.9 प्रतिशत रहने का अनुमान है, जो 2017-18 में क्रमश: 28.5 प्रतिशत और 31.4 प्रतिशत थी. चालू वित्त में जीडीपी अनुमान में विसंगति को 1,49,331 करोड़ रुपये रखा गया है, जो कि 207-18 में 2,23,504 करोड़ रुपये थीं.
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मौजूदा कीमत पर सरकार का अंतिम उपभोग व्यय (जीएफसीई) 21.70 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान लगाया गया है, जो 2017-18 में 19.08 लाख करोड़ रुपये था. स्थिर मूल्यों (2011-12) पर इसके पिछले वित्त वर्ष के 14 लाख करोड़ रुपये से बढ़कर 15.28 लाख करोड़ रुपये पर पहुंचने का अनुमान है. जीडीपी के संदर्भ में चालू और स्थिर कीमत पर जीएफसीई की दर क्रमश: 11.5 प्रतिशत और 11 प्रतिशत रहने का अनुमान है, जो इससे पिछले वित्त वर्ष में क्रमश: 11.4 और 10.8 प्रतिशत रही थी.
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