Yes Bank के संस्थापक राणा कपूर (Rana Kapoor) की पत्नी बिंदु तथा बेटियां रोशनी और राधा कपूर खन्ना ने सोमवार को बंबई उच्च न्यायालय में याचिका दायर कर विशेष अदालत के फैसले को चुनौती दी. विशेष अदालत ने उन्हें निजी क्षेत्र की वित्तीय कंपनी DHFL (Dewan Housing Finance Limited) से जुड़े भ्रष्टाचार और धोखाधड़ी मामले में जमानत देने से इनकार कर दिया. तीनों ने अपनी जमानत अर्जी में कहा है कि विशेष सीबीआई अदालत से मामले में गंभीर चूक हुई है. विशेष अदालत ने कहा है कि तीनों के खिलाफ आरोप प्रथम दृष्टि में बताता है कि यस बैंक की तरफ से डीएचएफएल के ऊपर किये गये ‘एहसान' के एवज में उन्होंने गलत तरीके से कर्ज प्राप्त किये और मिलकर धोखाधड़ी हुई.
याचिका तत्काल सुनवाई के लिये सोमवार को न्यायाधीश भारती डांगरे की एकल पीठ के समक्ष सूचीबद्ध थी. अदालत ने कहा कि वह मामले पर बुधवार को सुनवाई करेगी. विशेष सीबीआई अदालत ने 18 सितंबर को उन्हें जमानत देने से मना कर दिया था. अदलत ने कहा कि पहली नजर में अवैध गतिविधियों से बैंक को 4,000 करोड़ रुपये के नुकसान की बात सामने आ रही है. अदालत ने तीनों को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजते हुए कहा कि वे महिला या छोटे बच्चों की मां होने के नाते कोई सहानुभूति की हकदार नहीं हैं.
उच्च न्यायालय में अलग-अलग दायर अपनी याचिकाओं में बिंदु कपूर,रोशनी और राधा कपूर खन्ना ने सीबीआई अदालत के आदेश को खारिज किये जाने का आग्रह करते हुए कहा कि वह विधि के खिलाफ और विचार योग्य नहीं है. तीनों बायकूला महिला जेल में बंद हैं. उन्होंने कहा कि उन्हें जांच के दौरान कभी गिरफ्तार नहीं किया गया और उन्होंने सीबीआई को पूरा को सहयोग दिया है.
सीबीआई के अनुसार, राणा कपूर ने डीएचएफएल के कपिल वधावन के साथ मिलकर आपराधिक साजिश रची. कपूर फिलहाल संबंधित मामले में जेल में हैं. उसकी जांच प्रवर्तन निदेशालय कर रहा है. जांच एजेंसी के अनुसार 2018 में अप्रैल-जून के दौरान यस बैंक ने डीएचएफएल के अल्पकालीन डिबेंचर में 3,700 करोड़ रुपये निवेश किये. इसके बदले, डीएचएफएल ने कथित रूप से 900 करोड़ रुपये की रिश्वत कपूर को कर्ज के रूप में दी. यह कर्ज कपूर की पत्नी और उनकी बेटियों के नियंत्रण वाली कंपनी डूइट अरबन वेंचर्स को दिया गया.
पूर्व बिजनेस प्रमुख को भी नहीं मिली जमानत
विशेष अदालत ने डीएचएफएल से जुड़े धोखाधड़ी और भ्रष्टाचार के मामले में येस बैंक के पूर्व बिजनेस प्रमुख राजीव आनंद को भी सोमवार को जमानत देने से इनकार कर दिया. सीबीआई की विशेष अदालत के न्यायाधीश एस यू वडगांवकर ने आनंद की याचिका खारिज कर दी. उन्होंने दो अन्य आरोपियों दुलारेश जैन और सुनील चौधरी की जमानत मंजूर की. सीबीआई के अनुसार येस बैंक ने डीएचएफएल में 3,700 करोड़ रूपए का निवेश किया था, जिसने इसकी एवज में कपूर की पत्नी और पुत्रियों के नियंत्रण वाली फर्म डूइट अर्बन वेंचर्स को 600 करोड़ रुपए की कथित रूप से दलाली दी थी.