ADVERTISEMENT

पेट्रोलियम मंत्रालय के इस एक कदम के चलते चढ़ गए हैं CNG-PNG के दाम...

इस मामले की जानकारी रखने वाले तीन सूत्रों ने कहा कि मंत्रालय ने ऐसा नहीं किया है और पिछले एक साल से अधिक से गैस का कोई नया आवंटन किया है. आवंटन में कमी के अलावा सीएनजी और पीएनजी के लिए एपीएम गैस के दाम 2.90 डॉलर प्रति मिलियन ब्रिटिश थर्मल यूनिट (प्रति इकाई) से बढ़ाकर 6.10 डॉलर प्रति इकाई कर दिए गए हैं. इस तरह एपीएम गैस के दामों में 110 प्रतिशत की वृद्धि हुई है.
NDTV Profit हिंदीNDTV Profit Desk
NDTV Profit हिंदी11:44 AM IST, 17 Apr 2022NDTV Profit हिंदी
NDTV Profit हिंदी
NDTV Profit हिंदी
Follow us on Google NewsNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदी

पेट्रोलियम मंत्रालय ने घरेलू क्षेत्रों (फील्ड) से शहर गैस वितरण (सीजीडी) क्षेत्र के लिए प्राकृतिक गैस का नया आवंटन बंद कर दिया है. सूत्रों ने यह जानकारी दी. पेट्रोलियम मंत्रालय के इस कदम से क्षेत्र में दो लाख करोड़ रुपये के नियोजित निवेश की व्यवहार्यता को लेकर ‘अंदेशा' पैदा हो गया है और साथ ही सीएनजी और पीएनजी (पाइप के जरिये घरों में आपूर्ति की जाने वाली गैस) के दाम रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गए हैं.

केंद्रीय मंत्रिमंडल के शहरी गैस वितरण क्षेत्र को ‘बिना कटौती' के प्राथमिकता के आधार पर 100 प्रतिशत गैस आपूर्ति के निर्णय के बावजूद क्षेत्र को आपूर्ति मार्च, 2021 की मांग के स्तर के आधार पर की जा रही है. इसके अलावा छह माह की औसत निकासी के आधार पर गैस आवंटन की प्रक्रिया भी शहर गैस वितरण ऑपरेटरों को प्रभावित कर रही है. शहर गैस वितरण इकाइयों ने मंत्रालय से क्षेत्र को गैस की आपूर्ति ‘नो कट' श्रेणी में पिछले दो माह के औसत के आधार पर देने का आग्रह किया है. इससे उन्हें सीएनजी और पीएनजी की मांग को पूरा करने में मदद मिलेगी.

इस मामले की जानकारी रखने वाले तीन सूत्रों ने कहा कि मंत्रालय ने ऐसा नहीं किया है और पिछले एक साल से अधिक से गैस का कोई नया आवंटन किया है. आवंटन में कमी के अलावा सीएनजी और पीएनजी के लिए एपीएम गैस के दाम 2.90 डॉलर प्रति मिलियन ब्रिटिश थर्मल यूनिट (प्रति इकाई) से बढ़ाकर 6.10 डॉलर प्रति इकाई कर दिए गए हैं. इस तरह एपीएम गैस के दामों में 110 प्रतिशत की वृद्धि हुई है.

नए क्षेत्रों में सीएनजी नेटवर्क और आपूर्ति के विस्तार से मौजूदा शहरों में सीएनजी की मांग काफी तेजी से बढ़ी है. घरेलू क्षेत्रों से आवंटन की कमी का मतलब है कि ऑपरेटरों को आयातित तरलीकृत प्राकृतिक गैस (एलएनजी) खरीदनी होगी जिसकी कीमती घरेलू दरों से कम से कम छह गुना अधिक हैं. इसी का नतीजा है कि पिछले एक साल से कुछ अधिक में सीएनजी का दाम 60 प्रतिशत या 28 रुपये प्रति किलोग्राम बढ़ गए हैं. वहीं पीएनजी की कीमतों में एक-तिहाई यानी करीब 33 प्रतिशत की वृद्धि हुई है.

सूत्रों ने कहा कि इसने पूरे सीजीडी क्षेत्र की आर्थिक व्यवहार्यता पर सवालिया निशान लग गया है. इससे नए शहरों में विस्तार के लिए दो लाख करोड़ रुपये की निवेश योजना की व्यहवार्यता पर सवाल खड़ा हो गया है. सीएनजी के ऊंचे दामों ने वाहन ईंधन के इस सस्ते विकल्प की कीमत को पेट्रोल और डीजल के करीब ला दिया है. ऐसे में उपभोक्ताओं को अब अपने वाहनों को स्वच्छ ईंधन विकल्प में बदलना आर्थिक रूप से व्यावहारिक नहीं रह गया है.

पेट्रोलियम मंत्रालय ने 20 अगस्त, 2014 को संशोधित दिशानिर्देश जारी किए थे, जिसमें एक विशेष भौगोलिक क्षेत्र (जीए) में सीएनजी और पीएनजी की मांग के आकलन के आधार पर हर छह महीने में घरेलू क्षेत्रों से शहरी गैस ऑपरेटरों को गैस के आवंटन का वादा किया गया था. मंत्रालय के इन दिशानिर्देशों के बावजूद अप्रैल, 2021 की समीक्षा और उसके बाद के चक्रों में गैस का आवंटन नहीं बढ़ाया गया है. सूत्रों ने बताया कि शहर गैस वितरण क्षेत्र को प्रतिदिन 2.2 करोड़ मानक घन मीटर प्रतिदिन (22 एमएमएससीएमडी) गैस की जरूरत है, जबकि उन्हें आपूर्ति 17 एमएमएससीएमडी की हो रही है.

VIDEO: आटा मिलों के बाहर क्यों गेहूं बेचने वाले किसानों की लगी हैं कतारें? रवीश रंजन शुक्ला की रिपोर्ट

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
NDTV Profit हिंदी
लेखकNDTV Profit Desk
NDTV Profit हिंदी
फॉलो करें
ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT