5G Network: स्पेक्ट्रम नीलामी से लेकर 5जी सेवाओं की लॉन्चिंग तक, यहां जानें सारी डिटेल

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक हुई थी, जिसमें दूरसंचार विभाग को 5G स्पेक्ट्रम की नीलामी की मंजूरी दी गई थी. इस नीलामी में सबसे अधिक बोली लगाने वाले को स्पेक्ट्रम दिया जाएगा, जिसके बाद वो जनता के साथ-साथ कंपनियों को भी 5G सेवाएं उपलब्ध करा सकेगा.

5G Network: स्पेक्ट्रम नीलामी से लेकर 5जी सेवाओं की लॉन्चिंग तक, यहां जानें सारी डिटेल

5G Network : 5जी स्पेक्ट्रम की नीलामी हो रही है. (प्रतीकात्मक तस्वीर)

नई दिल्ली:

भारत में बहुत जल्द 5G सेवाएं जमीनी हकीकत बनने वाली हैं. भारत हाई-स्पीड 5जी सेवाएं लागू करने के अंतिम चरणों पर पहुंच गया है. इस स्पेक्ट्रम की नीलामी हो रही है. बुधवार को यह नीलामी पूरी भी हो जाने की उम्मीद है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक हुई थी, जिसमें दूरसंचार विभाग को 5G स्पेक्ट्रम की नीलामी की मंजूरी दी गई थी. इस नीलामी में सबसे अधिक बोली लगाने वाले को स्पेक्ट्रम दिया जाएगा, जिसके बाद वो जनता के साथ-साथ कंपनियों को भी 5G सेवाएं उपलब्ध करा सकेगा.

हाई-स्पीड 5G सेवाओं, स्पेक्ट्रम की नीलामी और लॉन्च डेट जैसे अहम बिंदुओं पर आपको संक्षिप्त में जानकारी दी रही है- 

5G क्या है और मौजूदा 3G 4G सेवाओं से अलग कैसे है?

5G पांचवी जेनरेशन का मोबाइल नेटवर्क है, जो कुछ ही सेकेंड्स में बड़ा डेटा ट्रांसमीट कर सकता है. 3G और 4G की तुलना में 5G में लेटेंसी यानी धीमापन बहुत कम है, जिससे कि अलग-अलग सेक्टरों के यूजरों का अनुभव और बेहतर होगा. लेटेंसी कम होने से मतलब नेटवर्क की हाई-वॉल्यूम के डेटा को कम से कम देरी के साथ प्रोसेस करने की क्षमता से है. 5G के आने से यह भी उम्मीद है कि इससे रिमोट डेटा मॉनिटरिंग सेक्टरों जैसे कि- माइनिंग, वेयरहाउसिंग, टेलीमेडिसिन और मैन्युफैक्चरिंग में और ज्यादा विकास आएगा. 

नीलामी में कौन शामिल हुआ है?

नीलामी प्रक्रिया में रिलायंस जियो, अडाणी ग्रुप, भारती एयरटेल और वोडाफोन आइडिया बड़ा नाम हैं.

नीलामी से सरकार को कितना राजस्व मिलेगा?

नीलामी के पहले दिन दूरसंचार विभाग को कुल 1.45 लाख करोड़ की बोलियां मिली हैं. अनुमान लगाया गया था कि नीलामी से 80,000-90,000 करोड़ तक का राजस्व मिलेगा. रिलायंस जियो ने पहले ही EMD (earnest money deposit) के तौर पर पहले ही 14,000 करोड़ जमा कर रखा था. यह नीलामी में बिडर्स की ओर से लगाई गई रकम के आधे से भी ज्यादा है. ईएमडी के तौर पर इसके बाद सबसे ज्यादा रकम एयरटेल (5,500 करोड़), अडाणी डेटा नेटवर्क (100 करोड़) लगाई गई है. वोडाफोन ने 2,200 करोड़ रुपए लगाए हैं. ईएमडी अमाउंट से पता चलता है कि कौन सी कंपनी स्पेक्ट्रम पाने के लिए कैसा प्लान बना रही है.

स्पीड

अनुमान है कि 5G सेवाएं 4G के मुकाबले 10 गुना तेज होंगी. 

स्पेक्ट्रम का आवंटन और सेवाओं की लॉन्चिंग

उम्मीद है कि स्पेक्ट्रम का आवंटन 15 अगस्त से पहले हो जाएगा और सितंबर-अक्टूबर से पहले 5जी सेवाएं देश में शुरू हो जाएंगी. वहीं, 2022 के अंत तक देश के कई शहरों में 5जी टेलीकॉम सेवाएं मिलनी शुरू हो सकती हैं.

अडाणी ग्रुप का टेलीकॉम सेक्टर में पदार्पण

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यह पहली बार है कि अडाणी ग्रुप का टेलीकॉम वेंचर शुरू होगा. 5जी की नीलामी में भारत के अरबपति गौतम अडाणी की कॉन्गलोमरेट कंपनी शामिल हो रही है और इसके साथ इस सेक्टर में भी कदम रख रही है.