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कभी 1 रुपये में खाना खाकर पेट भरता था ये शख्स, आज बेटा है बॉलीवुड का बड़ा एक्टर, दे चुका है 800 करोड़ी फिल्म

विक्की कौशल के पिता श्याम कौशल ने बॉलीवुड में जमने के लिए काफी मेहनत की है. एक वक्त ऐसा भी आया जब उनके पास खाने तक के पैसे नहीं थे. लेकिन इसके बावजूद उन्होंने बॉलीवुड में अपनी एक खास जगह बनाने में कामयाबी हासिल की.

कभी 1 रुपये में खाना खाकर पेट भरता था ये शख्स, आज बेटा है बॉलीवुड का बड़ा एक्टर, दे चुका है 800 करोड़ी फिल्म
1 रुपये में खाने वाले इस शख्स का बेटा बना सुपरस्टार
नई दिल्ली:

मुंबई का हर कोना किसी न किसी अधूरे या पूरे सपने की कहानी कहता है. कुछ सपने यहां चमकते हैं, कुछ रास्तों में गुम हो जाते हैं लेकिन कुछ लोग ऐसे होते हैं, जो मुश्किलों से टकरा कर अपना रास्ता खुद बनाते हैं. आज हम बॉलीवुड के ऐसे ही शख्स की बात कर रहे हैं जिन्होंने अपने संघर्ष से लेकर सफलता तक का एक ऐसा मुकाम हासिल किया जो मिसाल बन गया. आपको बता दे कि इनका बेटा आज बॉलीवुड का सुपरस्टार बन चुका है और हाल ही में उनकी फिल्म ने 800 करोड़ से ज्यादा का कलेक्शन किया है. क्या पहचान पाए हम किसके बारे में बात कर रहे हैं.

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बॉलीवुड का स्टंट मास्टर

आप सोच भी नहीं सकते हैं कि इस साल 800 करोड़ कमाने वाली फिल्म 'छावा' के एक बड़े स्टार के पिता ने मुंबई में इतना संघर्ष किया है कि उनके पास खाने के लिए एक रुपया तक नहीं होता था. जी हां बात हो रही है शानदार बॉलीवुड एक्टर विक्की कौशल के पिता और स्टंट डायरेक्टर शाम कौशल की. श्याम कौशल ने बॉलीवुड को करीब से देखा है और उन्होंने यहां जमकर मेहनत भी की है.

बदलते रास्तों की शुरुआत

साल था 1978, जेब में थे बस 3000 रुपये, जो उन्होंने अपने पिता से उधार लिए थे. सपना था प्रोफेसर बनने का, लेकिन जिंदगी को कुछ और ही मंज़ूर था.आर्थिक तंगी ने उन्हें कॉलेज की क्लासरूम से निकालकर सीधे मुंबई की जद्दोजहद भरी गलियों में उतार दिया. पहली नौकरी मिली, 350 रुपये महीने की.आने-जाने में ही आधा समय निकल जाता. दिन में सिर्फ दो बार खाना, वो भी 1 रुपये में. कभी जेब खाली होती, तो वो भी नसीब नहीं होता. अपने पास सिर्फ दो पैंट और तीन शर्ट थीं, इसलिए कपड़े बदलने भी दोस्त के घर जाना पड़ता.

स्टंटमैन यूनियन में पहला कदम

1980 में उन्होंने स्टंटमैन यूनियन में एंट्री ली. फीस थी 1,000 रुपये जो उन्होंने दोस्तों से उधार लेकर भरी. और यहीं से उनकी जिंदगी ने यू-टर्न लिया. जल्दी ही वो पहुंचे वीरू देवगन के पास, जो उस वक्त बॉलीवुड के बड़े स्टंट डायरेक्टर थे. शाम ने बगैर सवाल किए हर छोटा-बड़ा काम किया बैग उठाना, सेट पर मदद करना क्योंकि उन्हें पता था, यही रास्ता मंज़िल तक जाएगा.

पहली फिल्म, पहला ब्रेक
1983 में सनी देओल की फिल्म बेताब में उन्हें बतौर बॉडी डबल मौका मिला. मेहनताना मिला 500 रुपये, लेकिन ये सिर्फ पैसे नहीं थे, बल्कि उनके करियर का पहला पत्थर था. इसके बाद उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा 

आज बेटे ने रच दिया इतिहास

आज वही शाम कौशल इंडस्ट्री के सबसे सम्मानित एक्शन डायरेक्टर्स में गिने जाते हैं. और उनका बेटा विक्की कौशल आज के दौर का सुपरस्टार बन चुका है जिन्होंने ‘उरी' और ‘सैम बहादुर' जैसी फिल्मों से अपनी अलग पहचान बनाई है.  उनकी फिल्म 'छावा' ने तो 800 करोड़ से ज़्यादा की कमाई की है.

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