
भारतीय सिनेमा में अगर किसी सस्पेंस-थ्रिलर फिल्म ने सबसे गहरी छाप छोड़ी है, तो वो है 2013 में रिलीज़ हुई मलयालम फिल्म दृश्यम. जीथु जोसेफ के निर्देशन में बनी इस फिल्म ने न सिर्फ बॉक्स ऑफिस पर तहलका मचाया. बल्कि दर्शकों के बीच ऐसी पकड़ बनाई कि आज भी इसका नाम लेते ही जॉर्जकुट्टी का चेहरा आंखों के सामने आ जाता है. कहानी एक साधारण केबल ऑपरेटर की है. जो अपनी बेटी और परिवार को बचाने के लिए अपनी बुद्धिमानी और चतुराई से पुलिस और कानून से खेलता है. लेकिन दिलचस्प बात ये है कि इस फिल्म के लिए मोहनलाल निर्देशक की पहली पसंद नहीं थे.
ममूटी ने क्यों ठुकराया ऑफर?
ट्वीटर पर वायरल हो रहे एक इंटरव्यू के मुताबिक दृश्यम का पहला ऑफर मेगास्टार मम्मूटी को दिया गया था. जब निर्देशक जीथु जोसेफ ने उन्हें फिल्म की कहानी सुनानी शुरू की, तो ममूटी ने बीच में ही रोकते हुए इसे करने से मना कर दिया. उनकी वजह और भी चौंकाने वाली थी. उन्होंने कहा कि 18 साल की लड़की के पिता का किरदार निभाने से उनकी यंग हीरो वाली इमेज को नुकसान पहुंच सकता है. उस समय मम्मूटी की उम्र 62 साल थी, लेकिन उन्होंने ये सोचकर फिल्म को ठुकरा दिया कि ये किरदार उनकी स्टार इमेज के खिलाफ जा सकता है.
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मोहनलाल ने बनाया रोल आइकॉनिक
जब ये रोल मोहनलाल तक पहुंचा, तो उन्होंने बिना किसी हिचकिचाहट के इसे स्वीकार कर लिया. उन्होंने किरदार को इतनी बारीकी से निभाया कि जॉर्ज कुट्टी उनकी सबसे यादगार भूमिकाओं में से एक बन गया. फिल्म की अपार सफलता ने न सिर्फ मलयालम सिनेमा का इतिहास बदल दिया बल्कि पूरे देश में दृश्यम एक ब्रांड बन गया. इसके बाद इस फिल्म के कई रीमेक बने. खासतौर पर हिंदी रीमेक में अजय देवगन मुख्य भूमिका में नजर आए और वहां भी दर्शकों ने फिल्म को हाथों हाथ लिया.
छोड़ दिया बड़ा मौका
आज जब इस किस्से को याद किया जाता है तो साफ दिखाई देता है कि मोहनलाल ने इमेज से ज्यादा किरदार को महत्व दिया और यही वजह है कि दृश्यम आज भी दर्शकों के दिलों में बसी हुई है. वहीं, मम्मूटी का ये फैसला एक मिस्ड ऑपर्च्युनिटी के तौर पर हमेशा याद किया जाएगा. जाएगा.