बॉलीवुड की क्लासिक फिल्मों की लिस्ट में देवदास (2002) का नाम हमेशा चमकता है. शाहरुख खान, ऐश्वर्या राय और माधुरी दीक्षित की शानदार एक्टिंग ने इस फिल्म को एक मास्टरपीस बना दिया. लेकिन इस फिल्म से जुड़ा एक किस्सा फिर सुर्खियों में है. संजय लीला भंसाली ने चंद्रमुखी का आइकॉनिक रोल पहले सुष्मिता सेन को ऑफर किया था. वही रोल जिसे बाद में माधुरी दीक्षित ने अपने डांस, एक्सप्रेशंस और स्क्रीन प्रेज़ेंस से अमर कर दिया. तो आखिर क्या हुआ कि मिस यूनिवर्स रह चुकीं सुष्मिता ये बड़ी फिल्म नहीं कर पाईं?
सुष्मिता थीं पहली पसंद
संजय लीला भंसाली ने चंद्रमुखी के किरदार के लिए शुरुआत से ही एक मजबूत, रिफाइंड और रॉयल स्क्रीन प्रेज़ेंस चाही थी. और उनकी पहली पसंद थीं सुष्मिता सेन. उनकी कोशिश थी कि फिल्म में मिस यूनिवर्स और मिस वर्ल्ड साथ में नजर आएं. सुष्मिता भी इस ऑफर को लेकर एक्साइटेड थीं क्योंकि ये उनके करियर का सबसे बड़ा प्रोजेक्ट होता. लेकिन भंसाली की फिल्मों की तरह ही उनकी डिमांड भी ग्रैंड होती है. चंद्रमुखी के लिए उन्हें भारी लिबास में लंबे क्लासिकल डांस सीक्वेंस शूट करने थे. जिसके लिए कड़े रिहर्सल और प्रैक्टिस जरूरी थी. तब सुष्मिता एक फिजिकल इंजरी से उबर रही थीं और इतनी मेहनत वाला डांस उनके लिए संभव नहीं था.
इसके ऊपर शूटिंग शेड्यूल भी उनके पहले से साइन किए गए प्रोजेक्ट्स से क्लैश कर रहे थे. दो बड़े प्रोजेक्ट्स के बीच बैलेंस बनाने की कोशिश नाकाम हुई और आखिरकार उन्होंने ये रोल छोड़ने का फैसला किया.
माधुरी दीक्षित का एंट्री
सुष्मिता के बाहर होने के बाद भंसाली ने रोल ऑफर किया माधुरी दीक्षित को. और, फिर जो हुआ वो इतिहास है. मार डाला और काहे छेड़ मोहे जैसे गानों में माधुरी की अदाकारी और नज़ाकत ने इस किरदार को सदाबहार बना दिया.
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