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धर्मेंद्र का ये बड़ा काम रह गया अधूरा, हेमा मालिनी ने भावुक होकर प्रार्थना सभा में किया खुलासा

हिंदी सिनेमा के हीमैन धर्मेंद्र की याद में आयोजित प्रार्थना सभा में उनकी पत्नी हेमा मालिनी भावुक हो गईं. दिल्ली में हुई इस विशेष प्रेयर मीट में उन्होंने धर्मेंद्र की आखिरी दिनों की एक अनसुनी बात साझा की.

धर्मेंद्र का ये बड़ा काम रह गया अधूरा, हेमा मालिनी ने भावुक होकर प्रार्थना सभा में किया खुलासा
हेमा मालिनी ने दिल्ली में रखी है धर्मेंद्र की प्रार्थना सभा
नई दिल्ली:

हिंदी सिनेमा के हीमैन धर्मेंद्र की याद में आयोजित प्रार्थना सभा में उनकी पत्नी हेमा मालिनी भावुक हो गईं. दिल्ली में हुई इस विशेष प्रेयर मीट में उन्होंने धर्मेंद्र की आखिरी दिनों की एक अनसुनी बात साझा की. हेमा मालिनी ने बताया कि जीवन के अंतिम समय में धर्मेंद्र उर्दू में शायरी लिखने लगे थे और यह उनका नया जुनून बन गया था. उन्होंने धर्मेंद्र को सलाह दी थी कि अपनी शायरी को एक किताब के रूप में प्रकाशित कराएं, लेकिन यह इच्छा पूरी होने से पहले ही उनका सफर थम गया. हेमा ने कहा कि यह धर्मेंद्र का सबसे बड़ा ‘अधूरा काम' रह गया.

गौरतलब है कि धर्मेंद्र का 24 नवंबर को 89 वर्ष की उम्र में निधन हो गया था. वह लंबे समय से बीमार चल रहे थे. 27 नवंबर को मुंबई में देओल परिवार ने प्रार्थना सभा रखी, जिसमें बॉलीवुड के कई बड़े सितारे पहुंचे और धरम पाजी को श्रद्धांजलि दी.

पंजाब में हुआ था धर्मेंद्र का जन्म 

8 दिसंबर 1935 को पंजाब के नसराली गांव में जन्मे धर्मेंद्र ने 1960 में फिल्मी करियर की शुरुआत की थी. 65 साल से ज्यादा लंबे करियर में उन्होंने ‘शोले', ‘फूल और पत्थर', ‘चुपके चुपके', ‘धरम वीर' जैसी 300 से अधिक फिल्मों में यादगार अभिनय किया. उनकी हेमा मालिनी के साथ जोड़ी हमेशा दर्शकों की पसंद रही. पहली पत्नी प्रकाश कौर से धर्मेंद्र के चार बच्चे- सनी देओल, बॉबी देओल, विजेता और अजेता हैं. बाद में उन्होंने हेमा मालिनी से शादी की और उनसे दो बेटियां, ईशा और अहाना देओल हुईं. भारतीय सिनेमा में उनके योगदान के लिए वर्ष 2012 में उन्हें पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था.

हेमा मालिनी ने प्रेयर मीट में डिस्प्ले की धर्मेंद्र की तस्वीरें

हेमा मालिनी की प्रार्थना सभा में धर्मेंद्र की तस्वीरें, उनकी यादें और हेमा मालिनी का भावुक संदेश हर किसी को यह एहसास करा गया कि एक महान कलाकार के साथ-साथ एक संवेदनशील इंसान भी दुनिया से चला गया. उनकी शायरी की किताब भले अधूरी रह गई, लेकिन उनकी यादें अमर रहेंगी.

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