कई बार वीआईपी कल्चर के चलते किसी आम जनता को जान तक गंवानी पड़ती है
नई दिल्ली:
हमारे देश में अक्सर वीआईपी कल्चर खत्म करने की बात होती है, लेकिन स्थिति जस की तस बनी हुई है. कुछ राजनीतिक पार्टियां तो वीआईपी कल्चर खत्म करने को चुनावी वादा भी बनाती हैं, लेकिन सरकार में आने के बाद वह इसे भूल जाती है. कई बार इस वीआईपी कल्चर के चलते किसी आम जनता को जान तक गंवानी पड़ती है.
पिछले दिनों दिल्ली में घटी एक ऐसी घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. कथित तौर से खून से लथपथ बच्चा एक एंबुलेंस में मौत से लड़ रहा होता है और वीआईपी मूवमेंट के चलते ट्रैफिक पुलिस उसे रोके रहते हैं. एनडीटीवी इस वीडियो की पुष्टि नहीं करता है, परंतु सोशल मीडिया पर इसके शेयर होने के चलते आपका ध्यान इस ओर ले जाने की कोशिश कर रहा है.
वीडियो में एंबुलेंस के अंदर एक बच्चा स्ट्रेचर पर लेटा हुआ दिख रहा है. लोगों के मिन्नतें करने के बाद भी पुलिस वाले इस एंबुलेंस को वहां से गुजरने की इजाजत नहीं देती है. लोग यहां तक कहते सुने जा रहे हैं कि क्या वीआईपी लोगों का रास्ता एक बच्चे की जान से ज्यादा कीमती है. इस वीडियो को एक अप्रैल को प्रीत नरुला ने अपने फेसबुक पेज से शेयर किया है. इस वीडियो को अबतक पांच लाख से ज्यादा बार देखा जा चुका है. साथ ही 12,448 लोग शेयर भी कर चुके हैं.
इस मामले में इंडियन एक्सप्रेस ने दिल्ली सेंट्रल के डिप्टी पुलिस कमिश्नर एमएस रंधावा के हवाले से लिखा है, 'पुलिस ने प्रोटोकॉल का पालन किया, एम्बुलेंस को कुछ मिनट के लिए रोका गया. मलेशिया के हेड ऑफ स्टेट के जाने की वजह से रास्ते को बंद किया गया था. बाद में पुलिस की टीम ने सड़क क्लियर कर एंबुलेंस को अस्पताल तक पहुंचाने में मदद की.'
पिछले दिनों दिल्ली में घटी एक ऐसी घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. कथित तौर से खून से लथपथ बच्चा एक एंबुलेंस में मौत से लड़ रहा होता है और वीआईपी मूवमेंट के चलते ट्रैफिक पुलिस उसे रोके रहते हैं. एनडीटीवी इस वीडियो की पुष्टि नहीं करता है, परंतु सोशल मीडिया पर इसके शेयर होने के चलते आपका ध्यान इस ओर ले जाने की कोशिश कर रहा है.
वीडियो में एंबुलेंस के अंदर एक बच्चा स्ट्रेचर पर लेटा हुआ दिख रहा है. लोगों के मिन्नतें करने के बाद भी पुलिस वाले इस एंबुलेंस को वहां से गुजरने की इजाजत नहीं देती है. लोग यहां तक कहते सुने जा रहे हैं कि क्या वीआईपी लोगों का रास्ता एक बच्चे की जान से ज्यादा कीमती है. इस वीडियो को एक अप्रैल को प्रीत नरुला ने अपने फेसबुक पेज से शेयर किया है. इस वीडियो को अबतक पांच लाख से ज्यादा बार देखा जा चुका है. साथ ही 12,448 लोग शेयर भी कर चुके हैं.
इस मामले में इंडियन एक्सप्रेस ने दिल्ली सेंट्रल के डिप्टी पुलिस कमिश्नर एमएस रंधावा के हवाले से लिखा है, 'पुलिस ने प्रोटोकॉल का पालन किया, एम्बुलेंस को कुछ मिनट के लिए रोका गया. मलेशिया के हेड ऑफ स्टेट के जाने की वजह से रास्ते को बंद किया गया था. बाद में पुलिस की टीम ने सड़क क्लियर कर एंबुलेंस को अस्पताल तक पहुंचाने में मदद की.'
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