लैब्राडोर (Labradors), जर्मन शेफर्ड (German Shepard's) और डोबरमैन (Dobermans) जैसे विदेशी कुत्तों की नस्लों को सेना में शामिल करने के लिए बेहतरीन माना जाता है. इन कुत्तों की सूंघने की क्षमता और खतरे को तुरंत भांप लेने की शक्ति कमाल की होती है.
हालांकि हमारे अपने भारतीय कुत्ते (Indie Dogs) भी इस मामले में पीछे नहीं हैं. अगर आप नहीं जानते तो आपको बता दें कि देसी कुत्ते विभिन्न मौसम स्थितियों के अनुकूल होते हैं. इन कुत्तों की दृष्टि और सूंघने की क्षमता अच्छी होती है. साथ ही ये आने वाले खतरे के प्रति भी चौकस रहते हैं. ये कुत्ते अधिकतर सड़कों पर रहते हैं और इस वजह से ये अधिक सतर्क स्वभाव के होते हैं.
उत्तराखंड पुलिस (Uttarakhand Police) ने भारतीय कुत्तों के इन गुणों को समझ लिया है और इस वजह से पहली बार उन्हें पुलिस ने अपने बल में शामिल किया है. उत्तराखंड पुलिस के ऑफिशियल ट्विटर अकाउंट पर एक ट्वीट किया गया है. इसमें कहा गया है कि वो भारतीय कुत्तों को अपनी टीम में शामिल करने के लिए प्रशिक्षित कर रहे हैं और ये विदेशी कुत्तों के मुकाबले काफी आगे निकल गए हैं.
यहां देखें ट्वीट-
गलियों में घूमने वाला आवारा डॉगी, आज #UttarakhandPolice के श्वान दल की शान बना हुआ है। देश में पहली बार यह प्रयोग किया है उत्तराखंड पुलिस ने। सड़कों पर आवारा घूमने वाले डॉगी को पुलिस की ट्रेनिंग दी तो वह नामी नस्लों के लाखों रुपये के दाम वाले डॉगी से कहीं आगे निकला। pic.twitter.com/AbOVXKlYq0
— Uttarakhand Police (@uttarakhandcops) November 17, 2019
सोशल मीडिया पर लोग उत्तराखंड पुलिस के इस कदम की सराहना कर रहे हैं.
I sincerely appreciate this commendable initiative of #UttarakhandPolice. I also adopted a street 3 years ago and now it's all grown up. Fit and swift. pic.twitter.com/v9jkswDKsA
— Ilma Shuza (일마 수자) (@ilma_shuza) November 19, 2019
Beautiful stance, this will be a slap on those who say strays are worthless...... This is the proof of their potential.
— rajarshi. brahma85 (@RBrahma85) November 19, 2019
ये कुत्ते समझदार और मजबूत हैं और इस वजह से पुलिस की काफी हद तक मदद करने में सक्षम हैं.
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं