ईरान को लेकर डोनाल्ड ट्रंप का बड़ा बयान
ईरान-इजरायल युद्ध के बीच अमेरिकी जासूसों ने दावा किया है कि ईरान किसी तरह का कोई न्यूक्लियर हथियार नहीं बना रहा है. हालांकि, अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने ईरान के पास न्यूक्लियर हथियार के दावों पर कहा है कि उन्हें इससे कोई फर्क नहीं पड़ता. आपको बता दें कि साल के शुरुआत में तुलसी गबार्ड ने कांग्रेस के सामने ईरान के परमाणु कार्यक्रम के बारे में गवाही देते समय कोई संदेह नहीं छोड़ा है.
देश परमाणु हथियार नहीं बना रहा था, राष्ट्रीय खुफिया निदेशक ने सांसदों को बताया, और इसके सर्वोच्च नेता ने निष्क्रिय कार्यक्रम को फिर से अधिकृत नहीं किया था, भले ही उसने उच्च स्तर तक यूरेनियम को समृद्ध किया हो. लेकिन राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने अमेरिकी जासूसी एजेंसियों के आकलन को खारिज कर दिया क्योंकि उन्होंने इज़राइल और ईरान के बीच बढ़ते संघर्ष पर ध्यान केंद्रित करने के लिए ग्रुप ऑफ़ सेवन शिखर सम्मेलन की अपनी यात्रा को छोटा कर दिया.
ट्रंप ने संवाददाताओं से कहा कि मुझे परवाह नहीं कि उसने क्या कहा. उनके विचार में, ईरान परमाणु बम बनाने के "बहुत करीब" था. ट्रंप के बयान ने उन्हें अपने शीर्ष खुफिया सलाहकार की तुलना में इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के साथ अधिक निकटता से जोड़ दिया, जिन्होंने परमाणु-सशस्त्र ईरान को आसन्न खतरा बताया है.
ट्रंप ने मंगलवार को सिचुएशन रूम में गबार्ड सहित राष्ट्रीय सुरक्षा अधिकारियों से मुलाकात की, ताकि वे अगले कदमों की योजना बना सकें.प्रशासन के अधिकारियों ने ट्रंप और गबार्ड के बीच असंगतता को कमतर आंकते हुए कहा कि यूरेनियम संवर्धन ईरान को परमाणु हथियार बनाने की राह पर ले जा सकता है.
गबार्ड ने मीडिया पर उनकी पूर्व बयान को गलत ढंग से पेश करने का आरोप लगाया और कहा कि राष्ट्रपति ट्रंप वही बात कह रहे थे जो मैंने कही थी. मार्च में सांसदों के समक्ष अपनी गवाही में गबार्ड ने कहा कि खुफिया एजेंसियां यह आकलन कर रही हैं कि ईरान परमाणु हथियार नहीं बना रहा है और सर्वोच्च नेता खामेनेई ने परमाणु हथियार कार्यक्रम को अधिकृत नहीं किया है, जिसे उन्होंने 2003 में निलंबित कर दिया था.
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