जामिया के छात्रों की पुलिस द्वारा पिटाई पर देश भर से करीब 15 विश्वविद्यालयों के छात्रों ने उनके समर्थन में प्रदर्शन मार्च निकाला. जामिया की वीसी नजमा अख्तर ने कैम्पस में हुई हिंसा की उच्चस्तरीय जांच की मांग की. उन्होंने कहा है कि कैंपस में पुलिस के आने पर FIR करेंगे. 'लाइब्रेरी में बच्चे पढ़ाई कर रहे थे. सामान के नुकसान की भरपाई तो हो जायेगी लेकिन जो बच्चो का भावनात्मक नुकसान हुआ है उसका क्या.' हालांकि ये मामला सुप्रीम कोर्ट पंहुचा. चीफ जस्टिस ने कहा कि शांतिपूर्ण प्रदर्शन ठीक है, यहां ऐसा नहीं है. हम जानते हैं दंगे कैसे होते हैं. पहले इसे बंद किया जाये. पुलिस ने अपनी सफाई में कहा कि अफवाहों के चलते हिंसा को बल मिला. व्हाटऐप और सोशल मीडिया पर ज्यादातर मैसेज गलत थे. हिंसा के दौरान छात्र के मरने की खबर भी अफवाह थी. दो मामले दर्ज किये हैं. बहरहाल राजनीतिक आरोप प्रत्यारोप शुरू हो गया है.