Sheoraj Singh Bechain
- सब
- ख़बरें
-
एक दलित को विभागाध्यक्ष बनने से क्यों रोक रहा है दिल्ली विश्वविद्यालय?
- Monday October 7, 2019
- Priyadarshan
श्यौराज सिंह बेचैन की आत्मकथा का नाम है- 'मेरा बचपन मेरे कंधों पर.' यह आत्मकथा बताती है कि एक दलित बचपन कैसा होता है. बचपन बीत गया, लेकिन अपनी दलित पहचान का सलीब अब भी अपने कंधों पर लेकर घूमने को मजबूर हैं श्यौराज सिंह बेचैन. वे दिल्ली विश्वविद्यालय के हिंदी विभाग में पढ़ाते हैं. वरिष्ठता क्रम में बीते महीने की तेरह तारीख़ को उनको विभागाध्यक्ष बनाया जाना था. बताया जाता है कि बारह तारीख़ को विश्वविद्यालय ने उनसे दस्तावेज़ लिए, उनके नाम पर लगभग मुहर लगा दी.
-
ndtv.in
-
एक दलित को विभागाध्यक्ष बनने से क्यों रोक रहा है दिल्ली विश्वविद्यालय?
- Monday October 7, 2019
- Priyadarshan
श्यौराज सिंह बेचैन की आत्मकथा का नाम है- 'मेरा बचपन मेरे कंधों पर.' यह आत्मकथा बताती है कि एक दलित बचपन कैसा होता है. बचपन बीत गया, लेकिन अपनी दलित पहचान का सलीब अब भी अपने कंधों पर लेकर घूमने को मजबूर हैं श्यौराज सिंह बेचैन. वे दिल्ली विश्वविद्यालय के हिंदी विभाग में पढ़ाते हैं. वरिष्ठता क्रम में बीते महीने की तेरह तारीख़ को उनको विभागाध्यक्ष बनाया जाना था. बताया जाता है कि बारह तारीख़ को विश्वविद्यालय ने उनसे दस्तावेज़ लिए, उनके नाम पर लगभग मुहर लगा दी.
-
ndtv.in