Muslim Divorce Laws
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मियां-बीवी राजी, तो खत्म शादी, मुस्लिमों में 'मुबारात' क्या है?
- Wednesday August 13, 2025
- Edited by: मुकेश बौड़ाई
Mubarat In Muslims: मुस्लिमों में तलाक देने के अलग-अलग प्रावधान हैं. जिसमें मुबारात भी शामिल है, जिसमें पति या फिर पत्नी दोनों ही तलाक के लिए अपील कर सकते हैं.
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ज्योति-आलोक मौर्य केस: क्या पत्नी से गुजारा-भत्ता मांग सकता है पति? क्या कहता है कानून, वकील से जानिए
- Monday July 28, 2025
- Written by: Nilesh Kumar
इस मामले ने एक बार फिर भारतीय न्याय संहिता और हिंदू विवाह अधिनियम, 1955 के तहत भरण-पोषण के प्रावधानों पर बहस छेड़ दी है. इन प्रावधानों को विस्तार से समझने के लिए हमने पटना हाई कोर्ट के अधिवक्ता कुमार आंजनेय शानू से बात की.
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मुस्लिम तलाकशुदा महिला गुजारा भत्ते की हकदार है या नहीं? SC ने सुरक्षित रखा फैसला
- Wednesday February 21, 2024
- Reported by: आशीष भार्गव, Edited by: अंजलि कर्मकार
जस्टिस बीवी नागरत्ना और जस्टिस ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की पीठ ने फैमिली कोर्ट के आदेश को चुनौती देने वाले मामले की सुनवाई की है. इसमें एक मुस्लिम महिला ने सीआरपीसी की धारा 125 के तहत याचिका दाखिल कर अपने पति से गुजारा भत्ते की मांग की है.
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सभी धर्मों में शादी और तलाक के लिए समान कानून, याचिका का मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने विरोध किया
- Saturday February 13, 2021
- Reported by: आशीष भार्गव, Edited by: सूर्यकांत पाठक
सभी धर्मों में शादी (Marriage) और तलाक (Divorce) के लिए समान कानून (Uniform law) बनाने की याचिका का आल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (Muslim Personal Law Board) ने विरोध किया है. बोर्ड ने इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में खुद को पक्षकार बनाने की मांग की है. बोर्ड ने कहा है कि ये पर्सनल लॉ का मामला है. सुप्रीम कोर्ट में दायर एक जनहित याचिका में कहा गया है कि सभी धर्मों में शादी और तलाक के लिए एक ही कानून होना चाहिए.
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तीन तलाक अध्यादेश पर दारुल उलूम नाराज, नई रणनीति तय करने में जुटा मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड
- Thursday September 20, 2018
- ख़बर न्यूज़ डेस्क
बोर्ड जल्द ही अपनी बैठक में यह तय करेगा कि कौन सा रास्ता अख्तियार किया जाए. मौलाना रहमानी ने कहा कि केन्द्र की नरेन्द्र मोदी सरकार तीन तलाक के मुद्दे को लेकर मुसलमानों को बरगलाने और दूसरी कौमों में उनकी छवि खराब करने पर आमादा है. सरकार की एक नीति यह भी है कि वह अपनी कुछ हिमायती औरतों को खड़ा करके शरई कानूनों के खिलाफ एक आंदोलन तैयार करे.
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मुस्लिम महिलाओं के लिए नहीं, पतियों के छोड़ी विवाहित महिलाओं के लिए कानून लाएं प्रधानमंत्री: असदुद्दीन ओवैसी
- Wednesday September 19, 2018
- ख़बर न्यूज़ डेस्क
मोदी कैबिनेट ने तीन तलाक यानी ट्रिपल तलाक पर अध्यादेश को मंजूरी दे दी, मगर ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने इस अध्यादेश पर अपनी नाराजगी जाहिर की है और इसे मुस्लिम महिलाओं के खिलाफ बताया है. ओवैसी का मानना है कि इंस्टेंट ट्रिपल तलाक के खिलाफ लाए गये अध्यादेश से मुस्लिम महिलाओं को इंसाफ नहीं मिलेगा. बता दें कि आज पीएम मोदी की अध्यक्षता में कैबिनेट ने तीन तलाक पर अध्यादेश को मंजूरी दी और अब इसे 6 महीने के भीतर लागू करवाना होगा.
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रविशंकर प्रसाद बोले- तीन तलाक के सबसे ज्यादा मामले उत्तर प्रदेश से आए, जानें किन राज्यों में कितने मामले
- Wednesday September 19, 2018
- ख़बर न्यूज़ डेस्क
ट्रिपल तलाक अब अपराध की श्रेणी में आएगा, क्योंकि अब केंद्र की मोदी सरकार ने तीन तलाक बिल को पास कराने के लिए अध्यादेश का रास्ता अख्तियार किया है और मोदी कैबिनेट ने बुधवार को तीन तलाक पर अध्यादेश को मंजूरी दे दी. केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि कैबिनेट ने आज तीन तलाक पर अध्यादेश को मंजूरी दी है
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अब ट्रिपल तलाक होगा अपराध, मोदी कैबिनेट ने दी अध्यादेश को मंजूरी: 10 बड़ी बातें
- Wednesday September 19, 2018
- ख़बर न्यूज़ डेस्क
ट्रिपल तलाक बिल संसद में न पास होने के बाद केंद्र की मोदी सरकार ने तीन तलाक बिल को पास कराने के लिए अध्यादेश का रास्ता अख्तियार किया है और मोदी कैबिनेट ने बुधवार को तीन तलाक पर अध्यादेश को मंजूरी दे दी. यानी अब मुस्लिम महिलाओं को ट्रिपल तलाक से राहत मिलने वाली है. हालांकि, इसके लिए मोदी सरकार को ट्रिपल तलाक अध्यादेश को 6 महीने के अंदर पास करवाना होगा. यानी सरकार को इसी शीतकालीन सत्र में अध्यादेश पास कराना होगा. मसौदा कानून के तहत, किसी भी तरह का तीन तलाक (बोलकर, लिखकर या ईमेल, एसएमएस और व्हाट्सएप जैसे इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से) गैरकानूनी होगा.
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जयपुर : चिट्ठी लिखकर पति ने दे दिया तलाक, पत्नी ने लगाई सुप्रीम कोर्ट में गुहार
- Saturday May 21, 2016
- Reported by: हर्षा कुमारी सिंह, Edited by: सूर्यकांत पाठक
एक 28 साल की मुस्लिम महिला ने तीन बार तलाक कहकर तलाक देने की प्रथा को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। यह कदम उसने तब उठाया जब उसके पति ने उससे स्पीड पोस्ट के जरिए तलाक कह डाला।
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मुस्लिम पर्सनल लॉ में होगा बदलाव? बहुविवाह को सुप्रीम कोर्ट ने बताया महिलाओं के हक का हनन
- Thursday October 29, 2015
- Reported by Agencies
सुप्रीम कोर्ट मुस्लिम पर्सनल लॉ में बदलाव चाहता है। सुप्रीम की एक पीठ ने प्रधान न्यायाधीश से एक उचित पीठ गठित करने अनुरोध किया है जो इस सवाल पर गौर करे कि क्या तलाक के मामलों या उनके पतियों द्वारा दूसरी शादी करने के कारण मुस्लिम महिलाओं के साथ लिंग आधारित भेदभाव हो रहा है।
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निधि का नोट : भारत की लगभग सभी मुस्लिम महिलाएं चाहती हैं तीन तलाक से निजात
- Friday August 21, 2015
- Nidhi Kulpati
भारत में हुए एक अध्ययन के मुताबिक, करीब 92 फीसदी मुस्लिम महिलाएं एक साथ तीन तलाक पर पाबंदी चाहती हैं। सिर्फ तलाक शब्द का जिक्र भर कर देना, खासकर आजकल सोशल मीडिया के स्काइप, एसएमएस, व्हाट्सएप का इस्तेमाल कर तलाक कह देना, इससे समाज में चिंता बढ़ गई है।
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मियां-बीवी राजी, तो खत्म शादी, मुस्लिमों में 'मुबारात' क्या है?
- Wednesday August 13, 2025
- Edited by: मुकेश बौड़ाई
Mubarat In Muslims: मुस्लिमों में तलाक देने के अलग-अलग प्रावधान हैं. जिसमें मुबारात भी शामिल है, जिसमें पति या फिर पत्नी दोनों ही तलाक के लिए अपील कर सकते हैं.
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ज्योति-आलोक मौर्य केस: क्या पत्नी से गुजारा-भत्ता मांग सकता है पति? क्या कहता है कानून, वकील से जानिए
- Monday July 28, 2025
- Written by: Nilesh Kumar
इस मामले ने एक बार फिर भारतीय न्याय संहिता और हिंदू विवाह अधिनियम, 1955 के तहत भरण-पोषण के प्रावधानों पर बहस छेड़ दी है. इन प्रावधानों को विस्तार से समझने के लिए हमने पटना हाई कोर्ट के अधिवक्ता कुमार आंजनेय शानू से बात की.
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मुस्लिम तलाकशुदा महिला गुजारा भत्ते की हकदार है या नहीं? SC ने सुरक्षित रखा फैसला
- Wednesday February 21, 2024
- Reported by: आशीष भार्गव, Edited by: अंजलि कर्मकार
जस्टिस बीवी नागरत्ना और जस्टिस ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की पीठ ने फैमिली कोर्ट के आदेश को चुनौती देने वाले मामले की सुनवाई की है. इसमें एक मुस्लिम महिला ने सीआरपीसी की धारा 125 के तहत याचिका दाखिल कर अपने पति से गुजारा भत्ते की मांग की है.
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सभी धर्मों में शादी और तलाक के लिए समान कानून, याचिका का मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने विरोध किया
- Saturday February 13, 2021
- Reported by: आशीष भार्गव, Edited by: सूर्यकांत पाठक
सभी धर्मों में शादी (Marriage) और तलाक (Divorce) के लिए समान कानून (Uniform law) बनाने की याचिका का आल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (Muslim Personal Law Board) ने विरोध किया है. बोर्ड ने इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में खुद को पक्षकार बनाने की मांग की है. बोर्ड ने कहा है कि ये पर्सनल लॉ का मामला है. सुप्रीम कोर्ट में दायर एक जनहित याचिका में कहा गया है कि सभी धर्मों में शादी और तलाक के लिए एक ही कानून होना चाहिए.
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तीन तलाक अध्यादेश पर दारुल उलूम नाराज, नई रणनीति तय करने में जुटा मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड
- Thursday September 20, 2018
- ख़बर न्यूज़ डेस्क
बोर्ड जल्द ही अपनी बैठक में यह तय करेगा कि कौन सा रास्ता अख्तियार किया जाए. मौलाना रहमानी ने कहा कि केन्द्र की नरेन्द्र मोदी सरकार तीन तलाक के मुद्दे को लेकर मुसलमानों को बरगलाने और दूसरी कौमों में उनकी छवि खराब करने पर आमादा है. सरकार की एक नीति यह भी है कि वह अपनी कुछ हिमायती औरतों को खड़ा करके शरई कानूनों के खिलाफ एक आंदोलन तैयार करे.
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मुस्लिम महिलाओं के लिए नहीं, पतियों के छोड़ी विवाहित महिलाओं के लिए कानून लाएं प्रधानमंत्री: असदुद्दीन ओवैसी
- Wednesday September 19, 2018
- ख़बर न्यूज़ डेस्क
मोदी कैबिनेट ने तीन तलाक यानी ट्रिपल तलाक पर अध्यादेश को मंजूरी दे दी, मगर ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने इस अध्यादेश पर अपनी नाराजगी जाहिर की है और इसे मुस्लिम महिलाओं के खिलाफ बताया है. ओवैसी का मानना है कि इंस्टेंट ट्रिपल तलाक के खिलाफ लाए गये अध्यादेश से मुस्लिम महिलाओं को इंसाफ नहीं मिलेगा. बता दें कि आज पीएम मोदी की अध्यक्षता में कैबिनेट ने तीन तलाक पर अध्यादेश को मंजूरी दी और अब इसे 6 महीने के भीतर लागू करवाना होगा.
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रविशंकर प्रसाद बोले- तीन तलाक के सबसे ज्यादा मामले उत्तर प्रदेश से आए, जानें किन राज्यों में कितने मामले
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ट्रिपल तलाक अब अपराध की श्रेणी में आएगा, क्योंकि अब केंद्र की मोदी सरकार ने तीन तलाक बिल को पास कराने के लिए अध्यादेश का रास्ता अख्तियार किया है और मोदी कैबिनेट ने बुधवार को तीन तलाक पर अध्यादेश को मंजूरी दे दी. केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि कैबिनेट ने आज तीन तलाक पर अध्यादेश को मंजूरी दी है
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अब ट्रिपल तलाक होगा अपराध, मोदी कैबिनेट ने दी अध्यादेश को मंजूरी: 10 बड़ी बातें
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ट्रिपल तलाक बिल संसद में न पास होने के बाद केंद्र की मोदी सरकार ने तीन तलाक बिल को पास कराने के लिए अध्यादेश का रास्ता अख्तियार किया है और मोदी कैबिनेट ने बुधवार को तीन तलाक पर अध्यादेश को मंजूरी दे दी. यानी अब मुस्लिम महिलाओं को ट्रिपल तलाक से राहत मिलने वाली है. हालांकि, इसके लिए मोदी सरकार को ट्रिपल तलाक अध्यादेश को 6 महीने के अंदर पास करवाना होगा. यानी सरकार को इसी शीतकालीन सत्र में अध्यादेश पास कराना होगा. मसौदा कानून के तहत, किसी भी तरह का तीन तलाक (बोलकर, लिखकर या ईमेल, एसएमएस और व्हाट्सएप जैसे इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से) गैरकानूनी होगा.
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जयपुर : चिट्ठी लिखकर पति ने दे दिया तलाक, पत्नी ने लगाई सुप्रीम कोर्ट में गुहार
- Saturday May 21, 2016
- Reported by: हर्षा कुमारी सिंह, Edited by: सूर्यकांत पाठक
एक 28 साल की मुस्लिम महिला ने तीन बार तलाक कहकर तलाक देने की प्रथा को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। यह कदम उसने तब उठाया जब उसके पति ने उससे स्पीड पोस्ट के जरिए तलाक कह डाला।
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मुस्लिम पर्सनल लॉ में होगा बदलाव? बहुविवाह को सुप्रीम कोर्ट ने बताया महिलाओं के हक का हनन
- Thursday October 29, 2015
- Reported by Agencies
सुप्रीम कोर्ट मुस्लिम पर्सनल लॉ में बदलाव चाहता है। सुप्रीम की एक पीठ ने प्रधान न्यायाधीश से एक उचित पीठ गठित करने अनुरोध किया है जो इस सवाल पर गौर करे कि क्या तलाक के मामलों या उनके पतियों द्वारा दूसरी शादी करने के कारण मुस्लिम महिलाओं के साथ लिंग आधारित भेदभाव हो रहा है।
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निधि का नोट : भारत की लगभग सभी मुस्लिम महिलाएं चाहती हैं तीन तलाक से निजात
- Friday August 21, 2015
- Nidhi Kulpati
भारत में हुए एक अध्ययन के मुताबिक, करीब 92 फीसदी मुस्लिम महिलाएं एक साथ तीन तलाक पर पाबंदी चाहती हैं। सिर्फ तलाक शब्द का जिक्र भर कर देना, खासकर आजकल सोशल मीडिया के स्काइप, एसएमएस, व्हाट्सएप का इस्तेमाल कर तलाक कह देना, इससे समाज में चिंता बढ़ गई है।
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