Munshi Premchand Birth Anniversary
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उपन्यास सम्राट 'प्रेमचंद्र' : हिंदी साहित्य में विशेष योगदान पर 'कलम के जादूगर' के नाम से पहचाना गया एक युग
- Thursday July 31, 2025
- Indo-Asian News Service
उनकी प्रारंभिक शिक्षा की शुरुआत काशी की धरती से ही हुई और वहीं से उन्होंने अपनी साहित्य साधना की शुरुआत भी की. बंगाल के प्रसिद्ध उपन्यासकार शरतचन्द्र चट्टोपाध्याय ने मुंशी प्रेमचंद्र को 'उपन्यास सम्राट' की उपाधि दी.
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Premchand Jayanti: महिलाओं पर विवादास्पद टिप्पणियों के दौर में जानिए स्त्री को लेकर क्या सोचते थे प्रेमचंद
- Thursday July 31, 2025
प्रेमचंद ने स्त्री के विविध आयामों को उसकी सहनशीलता, त्याग, स्वाभिमान, सेवा-भावना, मातृत्व और आत्मसम्मान को रेखांकित किया है, साथ ही पुरुष प्रधान समाज की सीमाओं पर भी प्रश्न उठाए हैं.
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ndtv.in
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आज भी उपेक्षा का शिकार हैं मुंशी प्रेमचंद का घर और गांव
- Friday August 2, 2019
अब पूरे साल उन्हें सभी उनके हाल पर छोड़ देंगे. तमाम घोषणाओं के बावजूद मुंशी प्रेमचंद का घर और गांव आज भी उपेक्षा का शिकार हैं और जो कुछ बना भी है, वह बस यूं ही खड़ा है, बिना किसी काम के.
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उत्तर प्रदेश : लमही गांव में कथा सम्राट मुंशी प्रेमचंद की जयंती पर उनके प्रति बरसा एक दिन का प्यार
- Thursday August 1, 2019
कथा सम्राट मुंशी प्रेमचंद की जयंती उनके गांव लमही मनाया गया. सरकारी महकमों ने अपनी फ़र्ज़ अदायगी की तो प्राइवेट स्कूल, रंगकर्मी, साहित्यकार और पत्रकारों ने भी अपने कथाकार को याद किया. अब पूरे साल उन्हें सभी उनके अपने हाल पर छोड़ देंगे. तमाम घोषणाओं के बावजूद मुंशी प्रेमचंद का घर और गांव आज भी उपेक्षा का शिकार है. मुंशी जी की जयंती पर उनके पात्र होरी, माधव, घीसू की गहरी संवेदना से जुड़े कलाकार नाटक के जरिए उन्हें याद कर रहे थे. लमही में हर साल उनका जन्म दिवस मनाया जाता है. सरकारी महकमे फ़र्ज़ अदायगी का टेंट भी लगाते हैं. स्मारक स्थल पर कार्यक्रम होते हैं और गांव में मेले जैसा माहौल रहता है. लेकिन अपने कथाकार के प्रति एक दिन के इस प्यार पर गांव के लोगों के अंदर एक दर्द भी है.
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उपन्यास सम्राट 'प्रेमचंद्र' : हिंदी साहित्य में विशेष योगदान पर 'कलम के जादूगर' के नाम से पहचाना गया एक युग
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उनकी प्रारंभिक शिक्षा की शुरुआत काशी की धरती से ही हुई और वहीं से उन्होंने अपनी साहित्य साधना की शुरुआत भी की. बंगाल के प्रसिद्ध उपन्यासकार शरतचन्द्र चट्टोपाध्याय ने मुंशी प्रेमचंद्र को 'उपन्यास सम्राट' की उपाधि दी.
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- Thursday July 31, 2025
प्रेमचंद ने स्त्री के विविध आयामों को उसकी सहनशीलता, त्याग, स्वाभिमान, सेवा-भावना, मातृत्व और आत्मसम्मान को रेखांकित किया है, साथ ही पुरुष प्रधान समाज की सीमाओं पर भी प्रश्न उठाए हैं.
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आज भी उपेक्षा का शिकार हैं मुंशी प्रेमचंद का घर और गांव
- Friday August 2, 2019
अब पूरे साल उन्हें सभी उनके हाल पर छोड़ देंगे. तमाम घोषणाओं के बावजूद मुंशी प्रेमचंद का घर और गांव आज भी उपेक्षा का शिकार हैं और जो कुछ बना भी है, वह बस यूं ही खड़ा है, बिना किसी काम के.
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उत्तर प्रदेश : लमही गांव में कथा सम्राट मुंशी प्रेमचंद की जयंती पर उनके प्रति बरसा एक दिन का प्यार
- Thursday August 1, 2019
कथा सम्राट मुंशी प्रेमचंद की जयंती उनके गांव लमही मनाया गया. सरकारी महकमों ने अपनी फ़र्ज़ अदायगी की तो प्राइवेट स्कूल, रंगकर्मी, साहित्यकार और पत्रकारों ने भी अपने कथाकार को याद किया. अब पूरे साल उन्हें सभी उनके अपने हाल पर छोड़ देंगे. तमाम घोषणाओं के बावजूद मुंशी प्रेमचंद का घर और गांव आज भी उपेक्षा का शिकार है. मुंशी जी की जयंती पर उनके पात्र होरी, माधव, घीसू की गहरी संवेदना से जुड़े कलाकार नाटक के जरिए उन्हें याद कर रहे थे. लमही में हर साल उनका जन्म दिवस मनाया जाता है. सरकारी महकमे फ़र्ज़ अदायगी का टेंट भी लगाते हैं. स्मारक स्थल पर कार्यक्रम होते हैं और गांव में मेले जैसा माहौल रहता है. लेकिन अपने कथाकार के प्रति एक दिन के इस प्यार पर गांव के लोगों के अंदर एक दर्द भी है.
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