Khudiram Bose
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स्मृति शेष : जब एक किशोर क्रांतिकारी हाथ में गीता लिए फांसी के फंदे पर झूल गया
- Monday August 11, 2025
- Edited by: आलोक कुमार ठाकुर
अंग्रेज सरकार उनकी निडरता और वीरता से इस कदर आतंकित थी कि उनकी कम उम्र के बावजूद उन्हें फांसी की सजा सुनाई गयी. यह साहसी किशोर हाथ में गीता लेकर ख़ुशी-ख़ुशी फांसी चढ़ गया.
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ndtv.in
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11 अगस्त : जब एक किशोर क्रांतिकारी हाथ में गीता लिए फांसी के फंदे पर झूल गया
- Wednesday August 11, 2021
- Reported by: भाषा
Khudiram Bose : खुदीराम की लोकप्रियता का यह आलम था कि उनको फांसी दिए जाने के बाद बंगाल के जुलाहे एक खास किस्म की धोती बुनने लगे, जिसकी किनारी पर खुदीराम लिखा होता था और बंगाल के नौजवान बड़े गर्व से वह धोती पहनकर आजादी की लड़ाई में कूद पड़े.
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शहीद खुदीराम बोस की जन्मतिथि पर कुमार विश्वास ने लिखा, ''वह फांसी के फंदे तक झूमता हुआ आया, उसका चेहरा...''
- Tuesday December 3, 2019
- Edited by: सचिन झा शेखर
कुमार विश्वास ने अपने ट्वीट में लिखा है"12 अगस्त 1908 के अखबारों ने छापा कि 'कल सुबह 6 बजे उसे फाँसी दे दी गई। वह फाँसी के फंदे तक झूमता हुआ आया। उसका चेहरा खिला हुआ था और वह मुस्कुराता हुए फाँसी पर चढ़ गया।' स्वतंत्रता संग्राम के उस निडर महानायक शहीद खुदीराम बोस जी की जन्मतिथि पर उन्हें प्रणाम"
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स्मृति शेष : जब एक किशोर क्रांतिकारी हाथ में गीता लिए फांसी के फंदे पर झूल गया
- Monday August 11, 2025
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अंग्रेज सरकार उनकी निडरता और वीरता से इस कदर आतंकित थी कि उनकी कम उम्र के बावजूद उन्हें फांसी की सजा सुनाई गयी. यह साहसी किशोर हाथ में गीता लेकर ख़ुशी-ख़ुशी फांसी चढ़ गया.
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11 अगस्त : जब एक किशोर क्रांतिकारी हाथ में गीता लिए फांसी के फंदे पर झूल गया
- Wednesday August 11, 2021
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Khudiram Bose : खुदीराम की लोकप्रियता का यह आलम था कि उनको फांसी दिए जाने के बाद बंगाल के जुलाहे एक खास किस्म की धोती बुनने लगे, जिसकी किनारी पर खुदीराम लिखा होता था और बंगाल के नौजवान बड़े गर्व से वह धोती पहनकर आजादी की लड़ाई में कूद पड़े.
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शहीद खुदीराम बोस की जन्मतिथि पर कुमार विश्वास ने लिखा, ''वह फांसी के फंदे तक झूमता हुआ आया, उसका चेहरा...''
- Tuesday December 3, 2019
- Edited by: सचिन झा शेखर
कुमार विश्वास ने अपने ट्वीट में लिखा है"12 अगस्त 1908 के अखबारों ने छापा कि 'कल सुबह 6 बजे उसे फाँसी दे दी गई। वह फाँसी के फंदे तक झूमता हुआ आया। उसका चेहरा खिला हुआ था और वह मुस्कुराता हुए फाँसी पर चढ़ गया।' स्वतंत्रता संग्राम के उस निडर महानायक शहीद खुदीराम बोस जी की जन्मतिथि पर उन्हें प्रणाम"
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