Icmr Clinical Trials
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टीबी के इलाज में रिफामाइसिन की ज्यादा मात्रा सुरक्षित, दोबारा बीमारी होने से भी बचाव : ICMR Study
- Thursday July 17, 2025
साल 2022 में करीब 13 लाख लोगों की मौत टीबी से हुई थी. टीबी के इलाज में 'रिफामाइसिन' नाम की दवा की अहम भूमिका होती है, जो बैक्टीरिया को खत्म कर शरीर में बने घावों को साफ करती हैं और मरीज को दोबारा बीमार होने से रोकती है.
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भारत ने दुनिया के पहले पुरुष गर्भ निरोधक इंजेक्शन का सफल क्लिनिकल ट्रायल किया: रिपोर्ट
- Thursday October 19, 2023
रिवर्सिबल इनहिबिशन ऑफ स्पर्म (RISUG) एक नॉन हार्मोनल इंजेक्टेबल गर्भनिरोधक है. यूं कहें कि यह नॉन-हार्मोनल इंजेक्टेबल कांट्रासेप्शन है, जो प्रेग्नेंसी को रोकने में सफल है. अध्ययन में पता चला है कि यह प्रेगनेंसी रोकने में तकरीबन 99.02 प्रतिशत असरकारी है. वह भी बिना किसी तरह के साइड इफेक्ट के.
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COVID-19 : ICMR ने प्लाज्मा थेरेपी के क्लीनिकल परीक्षण के लिए 21 संस्थानों को मंजूरी दी
- Thursday May 7, 2020
भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) ने कोविड-19 से जुड़ी जटिलताओं को सीमित करने के मकसद से इस बीमारी से स्वस्थ हुए व्यक्ति के प्लाज्मा के प्रभाव का आकलन करने के लिए 21 संस्थानों को एक अध्ययन में शामिल होने की स्वीकृति दे दी है.
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COVID-19: कोरोनावायरस के इलाज में प्लाज्मा थेरेपी के क्लीनिकल परीक्षण की योजना बना रहा एम्स
- Wednesday April 29, 2020
उन्होंने कहा कि सभी संस्थानों के लिए प्लाज्मा थेरेपी के लिए ICMR और DCGI से आवश्यक स्वीकृति लेना जरूरी है और उन्हें इस अनुसंधान के लिए उचित क्लीनिकल दिशानिर्देशों का पालन करना चाहिए. एम्स के निदेशक ने कहा, ‘दुनियाभर में बहुत सीमित अध्ययनों में ठीक हो चुके रोगी का प्लाज्मा अन्य सहयोगी थैरेपी तथा उपचारों का सहायक है जिनसे COVID-19 के गंभीर रोगियों के प्रबंधन में कुछ फायदे मिले हैं.’
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कोविड-19: ICMR ने कहा, प्लाज्मा थेरैपी के क्लीनिकल ट्रायल के लिए प्रोटोकॉल बनाने के अंतिम चरण में है भारत
- Monday April 13, 2020
ICMR के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, प्लाज्मा थेरेपी के तहत उपचारित मरीजों के खून में से एटीबॉडी लेकर उनका इस्तेमाल गंभीर रूप से बीमार कोविड-19 के मरीजों (COVID-19 Patients) के इलाज में किया जाएगा.
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टीबी के इलाज में रिफामाइसिन की ज्यादा मात्रा सुरक्षित, दोबारा बीमारी होने से भी बचाव : ICMR Study
- Thursday July 17, 2025
साल 2022 में करीब 13 लाख लोगों की मौत टीबी से हुई थी. टीबी के इलाज में 'रिफामाइसिन' नाम की दवा की अहम भूमिका होती है, जो बैक्टीरिया को खत्म कर शरीर में बने घावों को साफ करती हैं और मरीज को दोबारा बीमार होने से रोकती है.
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भारत ने दुनिया के पहले पुरुष गर्भ निरोधक इंजेक्शन का सफल क्लिनिकल ट्रायल किया: रिपोर्ट
- Thursday October 19, 2023
रिवर्सिबल इनहिबिशन ऑफ स्पर्म (RISUG) एक नॉन हार्मोनल इंजेक्टेबल गर्भनिरोधक है. यूं कहें कि यह नॉन-हार्मोनल इंजेक्टेबल कांट्रासेप्शन है, जो प्रेग्नेंसी को रोकने में सफल है. अध्ययन में पता चला है कि यह प्रेगनेंसी रोकने में तकरीबन 99.02 प्रतिशत असरकारी है. वह भी बिना किसी तरह के साइड इफेक्ट के.
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COVID-19 : ICMR ने प्लाज्मा थेरेपी के क्लीनिकल परीक्षण के लिए 21 संस्थानों को मंजूरी दी
- Thursday May 7, 2020
भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) ने कोविड-19 से जुड़ी जटिलताओं को सीमित करने के मकसद से इस बीमारी से स्वस्थ हुए व्यक्ति के प्लाज्मा के प्रभाव का आकलन करने के लिए 21 संस्थानों को एक अध्ययन में शामिल होने की स्वीकृति दे दी है.
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- Wednesday April 29, 2020
उन्होंने कहा कि सभी संस्थानों के लिए प्लाज्मा थेरेपी के लिए ICMR और DCGI से आवश्यक स्वीकृति लेना जरूरी है और उन्हें इस अनुसंधान के लिए उचित क्लीनिकल दिशानिर्देशों का पालन करना चाहिए. एम्स के निदेशक ने कहा, ‘दुनियाभर में बहुत सीमित अध्ययनों में ठीक हो चुके रोगी का प्लाज्मा अन्य सहयोगी थैरेपी तथा उपचारों का सहायक है जिनसे COVID-19 के गंभीर रोगियों के प्रबंधन में कुछ फायदे मिले हैं.’
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- Monday April 13, 2020
ICMR के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, प्लाज्मा थेरेपी के तहत उपचारित मरीजों के खून में से एटीबॉडी लेकर उनका इस्तेमाल गंभीर रूप से बीमार कोविड-19 के मरीजों (COVID-19 Patients) के इलाज में किया जाएगा.
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