Festivals Of Uttarakhand
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उत्तराखंड के दयारा बुग्याल में दूध, मट्ठा और मक्खन की होली... बटर फेस्टिवल में परंपरा को किया जीवंत
- Saturday September 6, 2025
दयारा बुग्याल में देश-विदेश से आए पर्यटकों ने दूध, मट्ठा और मक्खन की होली खेलकर बटर फेस्टिवल या अंढूड़ी उत्सव की परंपरा को जीवंत किया. इस दौरान ग्रामीणों ने अपने ईष्ट भगवान सोमेश्वर देवता की डोली की पूजा-अर्चना की.
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जानिए क्या है हरेला लोकपर्व, क्यों बोये जाते हैं इस दिन सात तरह के बीज
- Saturday July 16, 2016
उत्तराखंड में मनाए जाने वाले लोक-त्यौहारों में एक प्रमुख त्यौहार है हरेला। यह लोकपर्व हर साल ‘कर्क संक्रांति’ को मनाया जाता है। अंग्रेजी तारीख के अनुसार, यह त्यौहार हर वर्ष सोलह जुलाई को होता है। लेकिन कभी-कभी इसमें एक दिन का अंतर हो जाता है।
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मकर संक्रांति स्पेशल: उत्तराखंड का यह मेला देता है बहू-बेटियों को अपनों से मिलने का मौका
- Thursday January 14, 2016
उत्तराखंड सहित पूरे देश में मकर संक्रांति के साथ मेले और त्यौहारों की शुरूआत हो गई। आज जहां लोग जीवन की आपाधापी और आधुनिकता के कारण अपनी प्राचीन संस्कृति और परंपराओं से कटते जा रहे हैं, वहीं उत्तराखंड के निवासी "गेंदी की कौथिक" जैसी त्यौहारों को मना कर खुद को नई ऊर्जा और ताजगी से भर रहे हैं।
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उत्तराखंड के दयारा बुग्याल में दूध, मट्ठा और मक्खन की होली... बटर फेस्टिवल में परंपरा को किया जीवंत
- Saturday September 6, 2025
दयारा बुग्याल में देश-विदेश से आए पर्यटकों ने दूध, मट्ठा और मक्खन की होली खेलकर बटर फेस्टिवल या अंढूड़ी उत्सव की परंपरा को जीवंत किया. इस दौरान ग्रामीणों ने अपने ईष्ट भगवान सोमेश्वर देवता की डोली की पूजा-अर्चना की.
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जानिए क्या है हरेला लोकपर्व, क्यों बोये जाते हैं इस दिन सात तरह के बीज
- Saturday July 16, 2016
उत्तराखंड में मनाए जाने वाले लोक-त्यौहारों में एक प्रमुख त्यौहार है हरेला। यह लोकपर्व हर साल ‘कर्क संक्रांति’ को मनाया जाता है। अंग्रेजी तारीख के अनुसार, यह त्यौहार हर वर्ष सोलह जुलाई को होता है। लेकिन कभी-कभी इसमें एक दिन का अंतर हो जाता है।
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- Thursday January 14, 2016
उत्तराखंड सहित पूरे देश में मकर संक्रांति के साथ मेले और त्यौहारों की शुरूआत हो गई। आज जहां लोग जीवन की आपाधापी और आधुनिकता के कारण अपनी प्राचीन संस्कृति और परंपराओं से कटते जा रहे हैं, वहीं उत्तराखंड के निवासी "गेंदी की कौथिक" जैसी त्यौहारों को मना कर खुद को नई ऊर्जा और ताजगी से भर रहे हैं।
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