Constitutionality
- सब
- ख़बरें
-
सुप्रीम कोर्ट पहुंचा राजस्थान विवाह पर नए कानून का मामला, अध्यादेश की संवैधानिकता को चुनौती
- Friday September 24, 2021
2021 के संशोधन में कहा गया है कि 21 साल से कम उम्र के दूल्हे और 18 वर्ष से कम उम्र की दुल्हन के माता-पिता या अभिभावक विवाह की तारीख से तीस दिनों की अवधि के भीतर रजिस्ट्रार को ज्ञापन प्रस्तुत करने के लिए जिम्मेदार होंगे. जबकि 2009 के अधिनियम में लड़कों और लड़कियों दोनों के लिए समान आयु 21 वर्ष रखी गई थी.
-
ndtv.in
-
सुप्रीम कोर्ट में आधार की संवैधानिकता को चुनौती देने वाली पुनर्विचार याचिकाएं खारिज
- Wednesday January 20, 2021
सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) की पांच जजों की बेंच ने आधार (Aadhaar) की संवैधानिकता को चुनौती देने वाली पुनर्विचार याचिकाओं को खारिज कर दिया. जस्टिस डीवाई चंद्रचूड ने इस पर फिर असहमति जताई. मामले में चेंबर में विचार हुआ. राज्यसभा सांसद जयराम रमेश समेत सात याचिकाकर्ताओं की याचिकाओं पर विचार हुआ. जस्टिस एएम खानविलकर, जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस अशोक भूषण, जस्टिस एस अब्दुल नजीर और जस्टिस बीआर गवई की बेंच ने विचार किया.
-
ndtv.in
-
आधार की संवैधानिकता को चुनौती, SC के 5 जजों की बेंच पुनर्विचार याचिकाओं पर करेगी चर्चा
- Sunday January 10, 2021
राज्यसभा सांसद जयराम रमेश (Jairam Ramesh) समेत सात याचिकाओं पर विचार होगा. जस्टिस ए एम.खानविलकर, जस्टिस डीवाई चंद्रचूड, जस्टिस अशोक भूषण, जस्टिस एस अब्दुल नजीर और जस्टिस बीआर गवई की बेंच इसपर चर्चा करेगी. याचिकाओं में आधार को बहुमत के फैसले के रूप में बरकरार रखने की सरकार के 'वैध उद्देश्य' को पूरा करने के लिए व्यक्तिगत निजता पर एक उचित प्रतिबंध के रूप में अदालत के फैसले पर पुनर्विचार की मांग की गई है.
-
ndtv.in
-
सुप्रीम कोर्ट पहुंचा राजस्थान विवाह पर नए कानून का मामला, अध्यादेश की संवैधानिकता को चुनौती
- Friday September 24, 2021
2021 के संशोधन में कहा गया है कि 21 साल से कम उम्र के दूल्हे और 18 वर्ष से कम उम्र की दुल्हन के माता-पिता या अभिभावक विवाह की तारीख से तीस दिनों की अवधि के भीतर रजिस्ट्रार को ज्ञापन प्रस्तुत करने के लिए जिम्मेदार होंगे. जबकि 2009 के अधिनियम में लड़कों और लड़कियों दोनों के लिए समान आयु 21 वर्ष रखी गई थी.
-
ndtv.in
-
सुप्रीम कोर्ट में आधार की संवैधानिकता को चुनौती देने वाली पुनर्विचार याचिकाएं खारिज
- Wednesday January 20, 2021
सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) की पांच जजों की बेंच ने आधार (Aadhaar) की संवैधानिकता को चुनौती देने वाली पुनर्विचार याचिकाओं को खारिज कर दिया. जस्टिस डीवाई चंद्रचूड ने इस पर फिर असहमति जताई. मामले में चेंबर में विचार हुआ. राज्यसभा सांसद जयराम रमेश समेत सात याचिकाकर्ताओं की याचिकाओं पर विचार हुआ. जस्टिस एएम खानविलकर, जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस अशोक भूषण, जस्टिस एस अब्दुल नजीर और जस्टिस बीआर गवई की बेंच ने विचार किया.
-
ndtv.in
-
आधार की संवैधानिकता को चुनौती, SC के 5 जजों की बेंच पुनर्विचार याचिकाओं पर करेगी चर्चा
- Sunday January 10, 2021
राज्यसभा सांसद जयराम रमेश (Jairam Ramesh) समेत सात याचिकाओं पर विचार होगा. जस्टिस ए एम.खानविलकर, जस्टिस डीवाई चंद्रचूड, जस्टिस अशोक भूषण, जस्टिस एस अब्दुल नजीर और जस्टिस बीआर गवई की बेंच इसपर चर्चा करेगी. याचिकाओं में आधार को बहुमत के फैसले के रूप में बरकरार रखने की सरकार के 'वैध उद्देश्य' को पूरा करने के लिए व्यक्तिगत निजता पर एक उचित प्रतिबंध के रूप में अदालत के फैसले पर पुनर्विचार की मांग की गई है.
-
ndtv.in