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Black Fungus Cases In Madhya Pradesh

'Black Fungus Cases In Madhya Pradesh' - 2 News Result(s)
  • मध्य प्रदेश सरकार ने माना- कोरोना की दूसरी लहर में जब लोग मर रहे थे, तब 204 वेंटिलेटर डिब्बों में बंद थे

    मध्य प्रदेश सरकार ने माना- कोरोना की दूसरी लहर में जब लोग मर रहे थे, तब 204 वेंटिलेटर डिब्बों में बंद थे

    मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में 200 से अधिक म्यूकोर्मिकोसिस या ब्लैक फंगस (Black Fungus) रोगियों को पिछले कुछ दिनों में प्रतिकूल प्रतिक्रिया का सामना करना पड़ा है, क्योंकि इस बीमारी के इलाज के लिए इस्तेमाल की जाने वाली दवा का एक सस्ता विकल्प कथित तौर पर तीन प्रमुख अस्पतालों को दिया गया था. जिससे मरीजों में बुखार, उल्टी और रक्तचाप में उतार-चढ़ाव जैसे लक्षण दिखाई दिए. उधर सरकार ने कहा है कि सस्ते इंजेक्शन में कोई गड़बड़ी नहीं है. एक और मामले में सरकार ने कोर्ट में माना है कि दूसरी लहर के दौरान कई वेंटिलेटर पैक करके ही रखे रहे.

  • ऑक्सीजन और रेमडेसिविर के बाद अब 'ब्लैक फंगस' की दवाई भी बाजार से गायब, भटक रहे हैं लोग

    ऑक्सीजन और रेमडेसिविर के बाद अब 'ब्लैक फंगस' की दवाई भी बाजार से गायब, भटक रहे हैं लोग

    कोविड 19 की दवाइयों और ऑक्सीजन की कमी से जूझ रहे मरीज के परिजनों पर एक और नई विपत्ति ब्लैक फंगसके रूप में सामने आई है. जैसे-तैसे ऑक्सीजन और रेमडेसिविर का बंदोबस्त करने के बाद ब्लैक फंगस इन्फेक्शन होने पर मरीजों इलाज नहीं मिल पा रहा है, क्योंकि जिस तरह रेमडेसिविर की बाजार में कमी है उसी तरह से ब्लैक फंगस के मरीजों को एंफोटेरिक या फिर लिपोसोमल एंफोटोरिसिन बी नाम के इंजेक्शन लगाने की सलाह डॉक्टर्स दे रहे हैं.

'Black Fungus Cases In Madhya Pradesh' - 2 News Result(s)
  • मध्य प्रदेश सरकार ने माना- कोरोना की दूसरी लहर में जब लोग मर रहे थे, तब 204 वेंटिलेटर डिब्बों में बंद थे

    मध्य प्रदेश सरकार ने माना- कोरोना की दूसरी लहर में जब लोग मर रहे थे, तब 204 वेंटिलेटर डिब्बों में बंद थे

    मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में 200 से अधिक म्यूकोर्मिकोसिस या ब्लैक फंगस (Black Fungus) रोगियों को पिछले कुछ दिनों में प्रतिकूल प्रतिक्रिया का सामना करना पड़ा है, क्योंकि इस बीमारी के इलाज के लिए इस्तेमाल की जाने वाली दवा का एक सस्ता विकल्प कथित तौर पर तीन प्रमुख अस्पतालों को दिया गया था. जिससे मरीजों में बुखार, उल्टी और रक्तचाप में उतार-चढ़ाव जैसे लक्षण दिखाई दिए. उधर सरकार ने कहा है कि सस्ते इंजेक्शन में कोई गड़बड़ी नहीं है. एक और मामले में सरकार ने कोर्ट में माना है कि दूसरी लहर के दौरान कई वेंटिलेटर पैक करके ही रखे रहे.

  • ऑक्सीजन और रेमडेसिविर के बाद अब 'ब्लैक फंगस' की दवाई भी बाजार से गायब, भटक रहे हैं लोग

    ऑक्सीजन और रेमडेसिविर के बाद अब 'ब्लैक फंगस' की दवाई भी बाजार से गायब, भटक रहे हैं लोग

    कोविड 19 की दवाइयों और ऑक्सीजन की कमी से जूझ रहे मरीज के परिजनों पर एक और नई विपत्ति ब्लैक फंगसके रूप में सामने आई है. जैसे-तैसे ऑक्सीजन और रेमडेसिविर का बंदोबस्त करने के बाद ब्लैक फंगस इन्फेक्शन होने पर मरीजों इलाज नहीं मिल पा रहा है, क्योंकि जिस तरह रेमडेसिविर की बाजार में कमी है उसी तरह से ब्लैक फंगस के मरीजों को एंफोटेरिक या फिर लिपोसोमल एंफोटोरिसिन बी नाम के इंजेक्शन लगाने की सलाह डॉक्टर्स दे रहे हैं.