'Baisakhi 2017'

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  • Faith | ख़बर न्यूज़ डेस्क |शुक्रवार अप्रैल 12, 2019 03:35 PM IST
    14 अप्रैल को बैसाखी (Baisakhi) का पर्व मनाया जाएगा. यह पर्व सिखों के नए साल के तौर पर ही नहीं बल्कि इस दिन उनके अंतिम गुरु गोबिंद सिंह (Guru Gobind Singh) ने खालसा पंथ की स्‍थापना भी की थी. इस वजह से सिखों के लिए और भी महत्वपूर्ण है.
  • Faith | Reported by: भाषा |गुरुवार अप्रैल 13, 2017 09:15 AM IST
    पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में रावलपिंडी जिले के गुरुद्वारा हसल अब्दल में बैसाखी उत्सव मनाने के लिए भारत से 1400 से अधिक सिख बुधवार को लाहौर पहुंचे.
  • Faith | Written by: श्यामनंदन |गुरुवार अप्रैल 13, 2017 12:11 AM IST
    अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार बैसाखी का त्यौहार हर साल 13 अप्रैल (अधिकांशतः) और कभी-कभी 14 अप्रैल को मनाया जाता है. सवाल उठता है, यह तारीख इतना निश्चित क्यों है? इसका जवाब इतना मुश्किल नहीं है, बस इसे अधिक लोग जानते नहीं है.
  • Lifestyle | Written by: शिखा शर्मा |गुरुवार अप्रैल 13, 2017 11:45 AM IST
    बैसाखी पंजाब और आसपास के प्रदेशों का सबसे बड़ा त्योहार है. बैसाखी नाम वैशाख से बना है.यह एक कृषि त्योहार है, जिसमें पंजाब और हरियाणा के किसान, सर्दियों की फसल काटने के बाद नए साल की खुशियां मनाते हैं. बैसाखी के ही दिन 13 अप्रैल 1699 को दसवें सिख गुरु गोविंद सिंहजी ने खालसा पंथ की स्थापना की थी.खालसा पंथ की स्थापना का लक्ष्य था धर्म और नेकी के आदर्श के लिए सदैव तत्पर रहना.इसलिए बैसाखी का त्योहार सिखों का एक सबसे बड़ा त्योहार है. इस दिन पंजाब का परंपरागत नृत्य भांगड़ा और गिदा किया जाता है.
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