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Aryan Invasion Theory

'Aryan Invasion Theory' - 2 News Result(s)
  • क्या आर्यों ने हमला किया था, कौन हैं यहां के पूर्वज? ऐसे ही 5 सवालों पर प्रोफेसर वसंत शिंदे के दावे

    क्या आर्यों ने हमला किया था, कौन हैं यहां के पूर्वज? ऐसे ही 5 सवालों पर प्रोफेसर वसंत शिंदे के दावे

    हड़प्पा सभ्यता के सबसे बड़े ज्ञात शहर ‘राखीगढ़ी’ से प्राप्त नमूनों पर हुए एक हालिया शोध ने ‘आर्यों के बाहरी होने’ के सिद्धांत पर प्रश्नचिह्न लगा दिया है. यह शोध प्रतिष्ठित शोधपत्रिका ‘सेल’ में ‘हड़प्पा के एक प्राचीन जीनसमूह में पूर्वी-यूरोप (स्टेपी) या ईरानी कृषकों का डीएनए अनुपस्थित’ शीर्षक से इसी महीने प्रकाशित हुआ. इसके मुख्य शोधकर्ता एवं पुणे स्थित डेक्कन कॉलेज के पूर्व कुलपति प्रोफेसर बसंत शिंदे के इस दावे के बाद सबसे बड़ा सवाल उठा है कि आर्य क्या बाहर से नहीं आए थे. ऐसी ही कई सवालों का प्रोफेसर शिंदे ने विस्तार से जवाब दिया है. 

  • भारतीय उपमहाद्वीप के लोगों ने विकसित की थी हड़प्पा सभ्यता, आर्य-द्रविणों में संघर्ष के प्रमाण नहीं : रिसर्च

    भारतीय उपमहाद्वीप के लोगों ने विकसित की थी हड़प्पा सभ्यता, आर्य-द्रविणों में संघर्ष के प्रमाण नहीं : रिसर्च

    पुणे के दक्कन कॉलेज आफ आर्कियोलॉजी के प्रोफेसर वसंत शिंदे की अगुवाई में 2015 से राखीगढ़ी के टीलों की पुरातात्विक खुदाई शुरू हुई थी. यहां पर साढ़े चार हजार साल पुराने नर कंकाल मिले थे.  इनका डीएनए सैंपल पहले बीरबल इंस्टीट्यूट आफ पेलिओबॉटनी में भेजा गया था. प्रोफेसर वीएस शिंदे ने  पुरातात्विक और डीएनए टेस्ट का साइंटिस्ट आकलन करने के बाद पाया है कि  हड़प्पा सभ्यता को विकसित करने वाले आर्यन नहीं बल्कि भारतीय उपमहाद्वीप के लोग ही थे.

'Aryan Invasion Theory' - 2 News Result(s)
  • क्या आर्यों ने हमला किया था, कौन हैं यहां के पूर्वज? ऐसे ही 5 सवालों पर प्रोफेसर वसंत शिंदे के दावे

    क्या आर्यों ने हमला किया था, कौन हैं यहां के पूर्वज? ऐसे ही 5 सवालों पर प्रोफेसर वसंत शिंदे के दावे

    हड़प्पा सभ्यता के सबसे बड़े ज्ञात शहर ‘राखीगढ़ी’ से प्राप्त नमूनों पर हुए एक हालिया शोध ने ‘आर्यों के बाहरी होने’ के सिद्धांत पर प्रश्नचिह्न लगा दिया है. यह शोध प्रतिष्ठित शोधपत्रिका ‘सेल’ में ‘हड़प्पा के एक प्राचीन जीनसमूह में पूर्वी-यूरोप (स्टेपी) या ईरानी कृषकों का डीएनए अनुपस्थित’ शीर्षक से इसी महीने प्रकाशित हुआ. इसके मुख्य शोधकर्ता एवं पुणे स्थित डेक्कन कॉलेज के पूर्व कुलपति प्रोफेसर बसंत शिंदे के इस दावे के बाद सबसे बड़ा सवाल उठा है कि आर्य क्या बाहर से नहीं आए थे. ऐसी ही कई सवालों का प्रोफेसर शिंदे ने विस्तार से जवाब दिया है. 

  • भारतीय उपमहाद्वीप के लोगों ने विकसित की थी हड़प्पा सभ्यता, आर्य-द्रविणों में संघर्ष के प्रमाण नहीं : रिसर्च

    भारतीय उपमहाद्वीप के लोगों ने विकसित की थी हड़प्पा सभ्यता, आर्य-द्रविणों में संघर्ष के प्रमाण नहीं : रिसर्च

    पुणे के दक्कन कॉलेज आफ आर्कियोलॉजी के प्रोफेसर वसंत शिंदे की अगुवाई में 2015 से राखीगढ़ी के टीलों की पुरातात्विक खुदाई शुरू हुई थी. यहां पर साढ़े चार हजार साल पुराने नर कंकाल मिले थे.  इनका डीएनए सैंपल पहले बीरबल इंस्टीट्यूट आफ पेलिओबॉटनी में भेजा गया था. प्रोफेसर वीएस शिंदे ने  पुरातात्विक और डीएनए टेस्ट का साइंटिस्ट आकलन करने के बाद पाया है कि  हड़प्पा सभ्यता को विकसित करने वाले आर्यन नहीं बल्कि भारतीय उपमहाद्वीप के लोग ही थे.