Abolition Of Article 370
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क्या कोई जानता है, कश्मीर में क्या हो रहा है?
- Wednesday October 20, 2021
- Ravish Kumar
जम्मू कश्मीर में क्या हो रहा है, यह जानना होगा तो आप किसी न किसी से पूछेंगे. सेना और पुलिस के बयान से किसी घटना की जानकारी मिलती है लेकिन राजनीतिक तौर पर कश्मीर के भीतर क्या हो रहा है इसकी आवाज़ तो उन्हीं से आएगी जिनकी जवाबदेही है. इतना कुछ हो रहा है फिर भी कश्मीर पर कोई विस्तृत प्रेस कॉन्फ्रेंस नहीं है. इसके अलावा बाकी के पारंपरिक रास्ते या तो बंद हो चुके हैं या कमज़ोर कर दिए गए हैं जैसे राजनीतिक दल,नागरिक संगठन, NGO और मीडिया. 5 अगस्त 2019 को धारा 370 की समाप्ति के बाद इन सभी की हालत पर आप गौर कर लेंगे तो पता चलेगा कि कश्मीर पर जानने के लिए आपके पास गोदी मीडिया ही है जो कि ख़ुद नहीं जानता कि वहां क्या हो रहा है. धारा 370 की समाप्ति के दो साल से भी अधिक समय हो चुके हैं, न तो राज्य की बहाली हुई है और न ही राजनीतिक प्रक्रिया को लेकर ठोस पहल. जिसकी बहाली के लिए दिल्ली में 24 जून को दिल्ली में कश्मीर के नेताओं के साथ प्रधानमंत्री ने बैठक भी की. इस बैठक में कश्मीरी पंडितों का कोई प्रतिनिधित्व नहीं था, न उनका ज़िक्र हुआ था.
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ndtv.in
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जम्मू-कश्मीर में आर्टिकल 370 खत्म करने के खिलाफ याचिकाओं को बड़ी बेंच को भेजने के मामले में फैसला सुरक्षित
- Thursday January 23, 2020
जम्मू-कश्मीर (Jammu-Kashmir) में संसद द्वारा अनुच्छेद 370 (Article 370) के प्रावधानों को खत्म करने को चुनौती देने वाली याचिकाओं को बड़ी बेंच के पास भेजने की मांग पर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने फैसला सुरक्षित रख लिया है. सुप्रीम कोर्ट तय करेगा कि मामले को सात जजों की संविधान पीठ के पास भेजा जाए या नहीं. सुप्रीम कोर्ट में पांच जजों की संविधान पीठ ने गुरुवार को मामले की सुनवाई पूरी कर ली. केंद्र सरकार ने 370 के प्रावधान हटाने को सही ठहराया और मामले को सात जजों की पीठ में भेजे जाने का विरोध किया.
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क्या कोई जानता है, कश्मीर में क्या हो रहा है?
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जम्मू कश्मीर में क्या हो रहा है, यह जानना होगा तो आप किसी न किसी से पूछेंगे. सेना और पुलिस के बयान से किसी घटना की जानकारी मिलती है लेकिन राजनीतिक तौर पर कश्मीर के भीतर क्या हो रहा है इसकी आवाज़ तो उन्हीं से आएगी जिनकी जवाबदेही है. इतना कुछ हो रहा है फिर भी कश्मीर पर कोई विस्तृत प्रेस कॉन्फ्रेंस नहीं है. इसके अलावा बाकी के पारंपरिक रास्ते या तो बंद हो चुके हैं या कमज़ोर कर दिए गए हैं जैसे राजनीतिक दल,नागरिक संगठन, NGO और मीडिया. 5 अगस्त 2019 को धारा 370 की समाप्ति के बाद इन सभी की हालत पर आप गौर कर लेंगे तो पता चलेगा कि कश्मीर पर जानने के लिए आपके पास गोदी मीडिया ही है जो कि ख़ुद नहीं जानता कि वहां क्या हो रहा है. धारा 370 की समाप्ति के दो साल से भी अधिक समय हो चुके हैं, न तो राज्य की बहाली हुई है और न ही राजनीतिक प्रक्रिया को लेकर ठोस पहल. जिसकी बहाली के लिए दिल्ली में 24 जून को दिल्ली में कश्मीर के नेताओं के साथ प्रधानमंत्री ने बैठक भी की. इस बैठक में कश्मीरी पंडितों का कोई प्रतिनिधित्व नहीं था, न उनका ज़िक्र हुआ था.
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जम्मू-कश्मीर में आर्टिकल 370 खत्म करने के खिलाफ याचिकाओं को बड़ी बेंच को भेजने के मामले में फैसला सुरक्षित
- Thursday January 23, 2020
जम्मू-कश्मीर (Jammu-Kashmir) में संसद द्वारा अनुच्छेद 370 (Article 370) के प्रावधानों को खत्म करने को चुनौती देने वाली याचिकाओं को बड़ी बेंच के पास भेजने की मांग पर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने फैसला सुरक्षित रख लिया है. सुप्रीम कोर्ट तय करेगा कि मामले को सात जजों की संविधान पीठ के पास भेजा जाए या नहीं. सुप्रीम कोर्ट में पांच जजों की संविधान पीठ ने गुरुवार को मामले की सुनवाई पूरी कर ली. केंद्र सरकार ने 370 के प्रावधान हटाने को सही ठहराया और मामले को सात जजों की पीठ में भेजे जाने का विरोध किया.
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