1991 Reforms
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महीना जून, साल 1991, जब एक फोन कॉल ने बदल दी थी मनमोहन सिंह की जिंदगी
- Friday December 27, 2024
- Edited by: श्वेता गुप्ता
एलेक्जेंडर के फोन कॉल से पहले मनमोहन सिंह (Manhohan Singh Death) खुद भी नहीं जानते थे कि वह देश के वित्त मंत्री बनने जा रहे हैं. वित्त मंत्री के तौर पर सिंह की नियुक्ति से भारत की अर्थव्यवस्था की दिशा ही बदल गई. भारत एक कम-विकास वाली अर्थव्यवस्था से आज दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था में शुमार हो गया.
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कैसे मनमोहन सिंह ने खोला था उदारीकरण का दरवाजा, देश में ला दी थी आर्थिक सुधार की क्रांति
- Friday December 27, 2024
- Edited by: चंदन वत्स
डॉ. मनमोहन सिंह ने इस बजट में विदेशी कंपनियों को देश में अपना व्यापार जमाने के लिए एंट्री की इजाजत दी. साथ ही कई नियमों में बदलाव भी किया गया. 1991 को ऐतिहासिक बजट वाला साल भी कहा जाता है.
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मोदी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में CJI के सामने की पूर्व PM मनमोहन सिंह की तारीफ, जानें वजह
- Wednesday April 17, 2024
- Edited by: सूर्यकांत पाठक
बीजेपी के नेतृत्व वाली केंद्र की एनडीए सरकार ने 1991 में आर्थिक उदारीकरण शुरू करने और भारतीय अर्थव्यवस्था को खोलने में महत्वपूर्ण भूमिका के निभाने लिए पूर्व प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हा राव और उनकी सरकार के तत्कालीन वित्त मंत्री मनमोहन सिंह की सराहना की. सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार ने कहा कि टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, इस कदम ने प्रभावी रूप से 'लाइसेंस राज' का युग खत्म कर दिया.
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Four Years of GST : सिंगल टैक्स स्लैब, राज्यों को घाटे से उबारने जैसे 10 बड़े लक्ष्यों को पाना बाकी
- Thursday July 1, 2021
- Written by: अमरीश कुमार त्रिवेदी
GST Four years : जीएसटी (GST) के 4 साल हो गए हैं. वर्ष 1991 के बाद इसे देश में सबसे बड़ा आर्थिक सुधार (Indirect Tax Reform) माना गया, जिसने केंद्र औऱ राज्यों के बीच फैलों के करों के जाल को एक सूत्र में पिरोया. लेकिन अभी जीएसटी से जुड़े कई लक्ष्य हासिल होने बाकी हैं. इनमें ज्यादातर वस्तुओं के लिए एक टैक्स स्लैब, राज्यों का घाटे और पेट्रोल-डीजल औऱ प्राकृतिक गैस को जीएसटी (Petrol-Diesel GST) में लाने जैसी बातें शामिल हैं. जानिए ऐसे 10 बड़े लक्ष्य जो अभी अधूरे हैं. अर्न्स्ट एंड यंग के टैक्स पार्टनर अभिषेक जैन ने ऐसे ही कुछ मुद्दों को सामने रखा है.
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1991 के सुधार 20वीं सदी की गाथा थे, मौजूदा सुधार 21वीं सदी के नए भारत के लिए हैं : निर्मला सीतारमण
- Wednesday June 30, 2021
- Reported by: हिमांशु शेखर मिश्र
निर्मला सीतारमण ने कहा कि कोरोना महामारी की मुश्किल स्थिति में इकोनॉमी को मुश्किलों से उबारने के लिए हमने बजट 2021 में बुनियादी ढांचे पर खर्च बढ़ाने पर जोर दिया है. इसके साथ ही सार्वजनिक संपत्तियों से रेवेन्यू के नए स्रोत तलाशे जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि 1991 के सुधार 20वीं सदी की गाथा थे लेकिन आज जो सुधार किए जा रहे वे 21वीं सदी के नए भारत के लिए हैं.
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नरसिम्हा राव को वास्तव में भारत में आर्थिक सुधारों का जनक कहा जा सकता है : मनमोहन सिंह
- Saturday July 25, 2020
- Reported by: भाषा
1991 के बजट की काफी सराहना की जाती है क्योंकि उसी से आधुनिक भारत की नींव रखी गयी और देश में आर्थिक सुधारों को आगे बढ़ाने का खाका तैयार किया गया. उन्होंने याद किया कि नरसिम्हा राव कैबिनेट में वित्त मंत्री के रूप में अपना पहला बजट उन्होंने राजीव गांधी को समर्पित किया था. सिंह ने कहा कि 1991 के बजट ने भारत को कई मायनों में बदल दिया क्योंकि इससे आर्थिक सुधारों और उदारीकरण की शुरूआत हुई.
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आर्थिक सुधारों के मामले में नरसिंह राव जैसे ही साबित होते राजीव गांधी : चिदंबरम
- Wednesday September 28, 2016
- Reported by: भाषा
पूर्व वित्तमंत्री पी चिंदबरम ने मंगलवार को कहा कि अगर 1991 में राजीव गांधी की हत्या नहीं हुई होती, तो आर्थिक सुधारों के मामले में वे (राजीव) भी कुल मिलाकर पूर्व प्रधानमंत्री पी.वी. नरसिंह राव जैसे ही साबित होते.
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महीना जून, साल 1991, जब एक फोन कॉल ने बदल दी थी मनमोहन सिंह की जिंदगी
- Friday December 27, 2024
- Edited by: श्वेता गुप्ता
एलेक्जेंडर के फोन कॉल से पहले मनमोहन सिंह (Manhohan Singh Death) खुद भी नहीं जानते थे कि वह देश के वित्त मंत्री बनने जा रहे हैं. वित्त मंत्री के तौर पर सिंह की नियुक्ति से भारत की अर्थव्यवस्था की दिशा ही बदल गई. भारत एक कम-विकास वाली अर्थव्यवस्था से आज दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था में शुमार हो गया.
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कैसे मनमोहन सिंह ने खोला था उदारीकरण का दरवाजा, देश में ला दी थी आर्थिक सुधार की क्रांति
- Friday December 27, 2024
- Edited by: चंदन वत्स
डॉ. मनमोहन सिंह ने इस बजट में विदेशी कंपनियों को देश में अपना व्यापार जमाने के लिए एंट्री की इजाजत दी. साथ ही कई नियमों में बदलाव भी किया गया. 1991 को ऐतिहासिक बजट वाला साल भी कहा जाता है.
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मोदी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में CJI के सामने की पूर्व PM मनमोहन सिंह की तारीफ, जानें वजह
- Wednesday April 17, 2024
- Edited by: सूर्यकांत पाठक
बीजेपी के नेतृत्व वाली केंद्र की एनडीए सरकार ने 1991 में आर्थिक उदारीकरण शुरू करने और भारतीय अर्थव्यवस्था को खोलने में महत्वपूर्ण भूमिका के निभाने लिए पूर्व प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हा राव और उनकी सरकार के तत्कालीन वित्त मंत्री मनमोहन सिंह की सराहना की. सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार ने कहा कि टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, इस कदम ने प्रभावी रूप से 'लाइसेंस राज' का युग खत्म कर दिया.
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Four Years of GST : सिंगल टैक्स स्लैब, राज्यों को घाटे से उबारने जैसे 10 बड़े लक्ष्यों को पाना बाकी
- Thursday July 1, 2021
- Written by: अमरीश कुमार त्रिवेदी
GST Four years : जीएसटी (GST) के 4 साल हो गए हैं. वर्ष 1991 के बाद इसे देश में सबसे बड़ा आर्थिक सुधार (Indirect Tax Reform) माना गया, जिसने केंद्र औऱ राज्यों के बीच फैलों के करों के जाल को एक सूत्र में पिरोया. लेकिन अभी जीएसटी से जुड़े कई लक्ष्य हासिल होने बाकी हैं. इनमें ज्यादातर वस्तुओं के लिए एक टैक्स स्लैब, राज्यों का घाटे और पेट्रोल-डीजल औऱ प्राकृतिक गैस को जीएसटी (Petrol-Diesel GST) में लाने जैसी बातें शामिल हैं. जानिए ऐसे 10 बड़े लक्ष्य जो अभी अधूरे हैं. अर्न्स्ट एंड यंग के टैक्स पार्टनर अभिषेक जैन ने ऐसे ही कुछ मुद्दों को सामने रखा है.
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1991 के सुधार 20वीं सदी की गाथा थे, मौजूदा सुधार 21वीं सदी के नए भारत के लिए हैं : निर्मला सीतारमण
- Wednesday June 30, 2021
- Reported by: हिमांशु शेखर मिश्र
निर्मला सीतारमण ने कहा कि कोरोना महामारी की मुश्किल स्थिति में इकोनॉमी को मुश्किलों से उबारने के लिए हमने बजट 2021 में बुनियादी ढांचे पर खर्च बढ़ाने पर जोर दिया है. इसके साथ ही सार्वजनिक संपत्तियों से रेवेन्यू के नए स्रोत तलाशे जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि 1991 के सुधार 20वीं सदी की गाथा थे लेकिन आज जो सुधार किए जा रहे वे 21वीं सदी के नए भारत के लिए हैं.
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नरसिम्हा राव को वास्तव में भारत में आर्थिक सुधारों का जनक कहा जा सकता है : मनमोहन सिंह
- Saturday July 25, 2020
- Reported by: भाषा
1991 के बजट की काफी सराहना की जाती है क्योंकि उसी से आधुनिक भारत की नींव रखी गयी और देश में आर्थिक सुधारों को आगे बढ़ाने का खाका तैयार किया गया. उन्होंने याद किया कि नरसिम्हा राव कैबिनेट में वित्त मंत्री के रूप में अपना पहला बजट उन्होंने राजीव गांधी को समर्पित किया था. सिंह ने कहा कि 1991 के बजट ने भारत को कई मायनों में बदल दिया क्योंकि इससे आर्थिक सुधारों और उदारीकरण की शुरूआत हुई.
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आर्थिक सुधारों के मामले में नरसिंह राव जैसे ही साबित होते राजीव गांधी : चिदंबरम
- Wednesday September 28, 2016
- Reported by: भाषा
पूर्व वित्तमंत्री पी चिंदबरम ने मंगलवार को कहा कि अगर 1991 में राजीव गांधी की हत्या नहीं हुई होती, तो आर्थिक सुधारों के मामले में वे (राजीव) भी कुल मिलाकर पूर्व प्रधानमंत्री पी.वी. नरसिंह राव जैसे ही साबित होते.
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