हड़प्पा सभ्यता
- सब
- ख़बरें
-
मुगलों पर आठ अध्याय और हमारे धर्म और सभ्यता पर सिर्फ एक, ये किसने तय किया, किसकी कहानी पढ़ा रहे हैं... NCERT सिलेबस पर भड़के आर माधवन
- Monday May 5, 2025
- Written by: प्रियंका तिवारी
आर माधवन ने कहा कि जब मैंने स्कूल में इतिहास पढ़ा था, तो मुगलों पर आठ अध्याय, हड़प्पा और मोहनजोदारो सभ्यताओं पर दो, ब्रिटिश शासन और स्वतंत्रता संग्राम पर चार और दक्षिणी राज्यों - चोल, पांड्य, पल्लव और चेरा पर सिर्फ़ एक अध्याय था.
-
ndtv.in
-
OMG: इतिहासकारों को मिला 4500 साल पुराना हाइवे और 18 हजार से ज्यादा मकबरे!
- Monday January 17, 2022
- Written by: बिक्रम कुमार सिंह
हड़प्पा संस्कृति का नाम तो आपने ज़रूर ही सुना होगा. उस काल में नगर सभ्यता बहुत ही उन्नत थी. आज भले ही हम दावा कर लें कि हम सबसे अडवांस्ड दुनिया में रह रहे हैं, मगर ये सच नहीं है. अभी हाल ही में एक ऐसी ही अनोखी चीज सऊदी अरब में मिली है.
-
ndtv.in
-
क्या आर्यों ने हमला किया था, कौन हैं यहां के पूर्वज? ऐसे ही 5 सवालों पर प्रोफेसर वसंत शिंदे के दावे
- Sunday September 15, 2019
- Reported by: भाषा, Edited by: मानस मिश्रा
हड़प्पा सभ्यता के सबसे बड़े ज्ञात शहर ‘राखीगढ़ी’ से प्राप्त नमूनों पर हुए एक हालिया शोध ने ‘आर्यों के बाहरी होने’ के सिद्धांत पर प्रश्नचिह्न लगा दिया है. यह शोध प्रतिष्ठित शोधपत्रिका ‘सेल’ में ‘हड़प्पा के एक प्राचीन जीनसमूह में पूर्वी-यूरोप (स्टेपी) या ईरानी कृषकों का डीएनए अनुपस्थित’ शीर्षक से इसी महीने प्रकाशित हुआ. इसके मुख्य शोधकर्ता एवं पुणे स्थित डेक्कन कॉलेज के पूर्व कुलपति प्रोफेसर बसंत शिंदे के इस दावे के बाद सबसे बड़ा सवाल उठा है कि आर्य क्या बाहर से नहीं आए थे. ऐसी ही कई सवालों का प्रोफेसर शिंदे ने विस्तार से जवाब दिया है.
-
ndtv.in
-
भारतीय उपमहाद्वीप के लोगों ने विकसित की थी हड़प्पा सभ्यता, आर्य-द्रविणों में संघर्ष के प्रमाण नहीं : रिसर्च
- Friday September 6, 2019
- Reported by: रवीश रंजन शुक्ला, Edited by: मानस मिश्रा
पुणे के दक्कन कॉलेज आफ आर्कियोलॉजी के प्रोफेसर वसंत शिंदे की अगुवाई में 2015 से राखीगढ़ी के टीलों की पुरातात्विक खुदाई शुरू हुई थी. यहां पर साढ़े चार हजार साल पुराने नर कंकाल मिले थे. इनका डीएनए सैंपल पहले बीरबल इंस्टीट्यूट आफ पेलिओबॉटनी में भेजा गया था. प्रोफेसर वीएस शिंदे ने पुरातात्विक और डीएनए टेस्ट का साइंटिस्ट आकलन करने के बाद पाया है कि हड़प्पा सभ्यता को विकसित करने वाले आर्यन नहीं बल्कि भारतीय उपमहाद्वीप के लोग ही थे.
-
ndtv.in
-
बागपत में मिली हड़प्पाकाल की सबसे बड़ी कब्रगाह, शव के साथ सोने-तांबे की ज्वेलरी और शस्त्र भी मिले
- Saturday June 2, 2018
- Reported by: रवीश रंजन शुक्ला
इन सभी शव का शरीर उत्तर-दक्षिण दिशा की ओर हैं. ASI को यहां खुदाई के दौरान शव के पास कीमती चूड़िया, कटोरे और कई रोजमर्रा की चीजें मिली हैं. मोहन जोदड़ो हड़प्पा को सबसे पुरानी सभ्यता और विकसित सभ्यता माना जाता है.
-
ndtv.in
-
इस पुस्तक में मिलेंगे हड़प्पा सभ्यता से जुड़े कई सवालों के जवाब
- Saturday July 15, 2017
- भाषा
अपनी पुस्तक ‘हड़प्पा कर्स ऑफ द ब्लड रीवर’ (Harappa: Curse of the Blood River) के जरिए लेखक विनीत वाजपेयी ने इस प्राचीन सभ्यता से जुड़े कई सवालों का जवाब देने की कोशिश की है.
-
ndtv.in
-
हरियाणा आएगी NASA और ISRO की टीम, जानें क्या तलाशेगी?
- Tuesday May 16, 2017
- Edited by: ख़बर न्यूज़ डेस्क
अमेरिकी अंतरिक्ष अनुसंधान एजेंसी नासा और भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी इसरो हरियाणा के फतेहाबाद में चल रहे पुरातात्विक खुदाई कार्य की मिलकर जांच करेंगे और पता लगाएंगे कि क्या वहां दुनिया की सबसे प्राचीन सभ्यता का अस्तित्व था. फतेहाबाद के कुणाल गांव में चल रही खुदाई के दौरान पुरातत्ववेत्ताओं को हड़प्पा सभ्यता से प्राचीन शिल्प मिले हैं.
-
ndtv.in
-
फतेहाबाद : सरस्वती नदी से जुड़े खुदाई कार्य में हड़प्पा सभ्यता से पहले के अवशेष मिले
- Sunday March 5, 2017
- भाषा
सरस्वती नदी के पुनरुद्धार के लिए किए जा रहे उत्खन्न कार्य के दौरान हरियाणा के फतेहाबाद जिले में हड़प्पा काल से पहले की सभ्यता के अवशेष मिले हैं, जो 6000 साल से अधिक पुराने माने जा रहे हैं.
-
ndtv.in
-
गुजरात में मिली दुनिया की पहली शहरी बस्ती, जिसे शायद सुनामी ने किया था तबाह
- Tuesday August 30, 2016
- Reported by: इंडो-एशियन न्यूज़ सर्विस, Translated by: विवेक रस्तोगी
पणजी में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए राष्ट्रीय समुद्रविज्ञान संस्थान (नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ ओशनोग्राफी) के निदेशक एसडब्ल्यूए नकवी ने कहा कि गुजरात में कच्छ के रण में स्थित ढोलवीरा नामक पुरातात्विक महत्व का इलाका मिला है, जो बहुत योजनागत तरीके से स्थापित शहरी बस्ती था, और लगभग 3,450 साल पहले सुनामी की वजह से तबाह हो गया था.
-
ndtv.in
-
क्या आर्यों ने ही बसाया था हड़प्पा सभ्यता को? इतिहासकारों के भिन्न मत
- Sunday January 4, 2015
भारत में आर्य बाहर से आए या फिर स्वदेशी थे, इस बात पर वर्षों से जारी चर्चा के बीच भारत के कई इतिहासकार मानते हैं कि भारत में आर्यों का आगमन 1500 ईसा पूर्व मध्य एशिया से हुआ।
-
ndtv.in
-
मुगलों पर आठ अध्याय और हमारे धर्म और सभ्यता पर सिर्फ एक, ये किसने तय किया, किसकी कहानी पढ़ा रहे हैं... NCERT सिलेबस पर भड़के आर माधवन
- Monday May 5, 2025
- Written by: प्रियंका तिवारी
आर माधवन ने कहा कि जब मैंने स्कूल में इतिहास पढ़ा था, तो मुगलों पर आठ अध्याय, हड़प्पा और मोहनजोदारो सभ्यताओं पर दो, ब्रिटिश शासन और स्वतंत्रता संग्राम पर चार और दक्षिणी राज्यों - चोल, पांड्य, पल्लव और चेरा पर सिर्फ़ एक अध्याय था.
-
ndtv.in
-
OMG: इतिहासकारों को मिला 4500 साल पुराना हाइवे और 18 हजार से ज्यादा मकबरे!
- Monday January 17, 2022
- Written by: बिक्रम कुमार सिंह
हड़प्पा संस्कृति का नाम तो आपने ज़रूर ही सुना होगा. उस काल में नगर सभ्यता बहुत ही उन्नत थी. आज भले ही हम दावा कर लें कि हम सबसे अडवांस्ड दुनिया में रह रहे हैं, मगर ये सच नहीं है. अभी हाल ही में एक ऐसी ही अनोखी चीज सऊदी अरब में मिली है.
-
ndtv.in
-
क्या आर्यों ने हमला किया था, कौन हैं यहां के पूर्वज? ऐसे ही 5 सवालों पर प्रोफेसर वसंत शिंदे के दावे
- Sunday September 15, 2019
- Reported by: भाषा, Edited by: मानस मिश्रा
हड़प्पा सभ्यता के सबसे बड़े ज्ञात शहर ‘राखीगढ़ी’ से प्राप्त नमूनों पर हुए एक हालिया शोध ने ‘आर्यों के बाहरी होने’ के सिद्धांत पर प्रश्नचिह्न लगा दिया है. यह शोध प्रतिष्ठित शोधपत्रिका ‘सेल’ में ‘हड़प्पा के एक प्राचीन जीनसमूह में पूर्वी-यूरोप (स्टेपी) या ईरानी कृषकों का डीएनए अनुपस्थित’ शीर्षक से इसी महीने प्रकाशित हुआ. इसके मुख्य शोधकर्ता एवं पुणे स्थित डेक्कन कॉलेज के पूर्व कुलपति प्रोफेसर बसंत शिंदे के इस दावे के बाद सबसे बड़ा सवाल उठा है कि आर्य क्या बाहर से नहीं आए थे. ऐसी ही कई सवालों का प्रोफेसर शिंदे ने विस्तार से जवाब दिया है.
-
ndtv.in
-
भारतीय उपमहाद्वीप के लोगों ने विकसित की थी हड़प्पा सभ्यता, आर्य-द्रविणों में संघर्ष के प्रमाण नहीं : रिसर्च
- Friday September 6, 2019
- Reported by: रवीश रंजन शुक्ला, Edited by: मानस मिश्रा
पुणे के दक्कन कॉलेज आफ आर्कियोलॉजी के प्रोफेसर वसंत शिंदे की अगुवाई में 2015 से राखीगढ़ी के टीलों की पुरातात्विक खुदाई शुरू हुई थी. यहां पर साढ़े चार हजार साल पुराने नर कंकाल मिले थे. इनका डीएनए सैंपल पहले बीरबल इंस्टीट्यूट आफ पेलिओबॉटनी में भेजा गया था. प्रोफेसर वीएस शिंदे ने पुरातात्विक और डीएनए टेस्ट का साइंटिस्ट आकलन करने के बाद पाया है कि हड़प्पा सभ्यता को विकसित करने वाले आर्यन नहीं बल्कि भारतीय उपमहाद्वीप के लोग ही थे.
-
ndtv.in
-
बागपत में मिली हड़प्पाकाल की सबसे बड़ी कब्रगाह, शव के साथ सोने-तांबे की ज्वेलरी और शस्त्र भी मिले
- Saturday June 2, 2018
- Reported by: रवीश रंजन शुक्ला
इन सभी शव का शरीर उत्तर-दक्षिण दिशा की ओर हैं. ASI को यहां खुदाई के दौरान शव के पास कीमती चूड़िया, कटोरे और कई रोजमर्रा की चीजें मिली हैं. मोहन जोदड़ो हड़प्पा को सबसे पुरानी सभ्यता और विकसित सभ्यता माना जाता है.
-
ndtv.in
-
इस पुस्तक में मिलेंगे हड़प्पा सभ्यता से जुड़े कई सवालों के जवाब
- Saturday July 15, 2017
- भाषा
अपनी पुस्तक ‘हड़प्पा कर्स ऑफ द ब्लड रीवर’ (Harappa: Curse of the Blood River) के जरिए लेखक विनीत वाजपेयी ने इस प्राचीन सभ्यता से जुड़े कई सवालों का जवाब देने की कोशिश की है.
-
ndtv.in
-
हरियाणा आएगी NASA और ISRO की टीम, जानें क्या तलाशेगी?
- Tuesday May 16, 2017
- Edited by: ख़बर न्यूज़ डेस्क
अमेरिकी अंतरिक्ष अनुसंधान एजेंसी नासा और भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी इसरो हरियाणा के फतेहाबाद में चल रहे पुरातात्विक खुदाई कार्य की मिलकर जांच करेंगे और पता लगाएंगे कि क्या वहां दुनिया की सबसे प्राचीन सभ्यता का अस्तित्व था. फतेहाबाद के कुणाल गांव में चल रही खुदाई के दौरान पुरातत्ववेत्ताओं को हड़प्पा सभ्यता से प्राचीन शिल्प मिले हैं.
-
ndtv.in
-
फतेहाबाद : सरस्वती नदी से जुड़े खुदाई कार्य में हड़प्पा सभ्यता से पहले के अवशेष मिले
- Sunday March 5, 2017
- भाषा
सरस्वती नदी के पुनरुद्धार के लिए किए जा रहे उत्खन्न कार्य के दौरान हरियाणा के फतेहाबाद जिले में हड़प्पा काल से पहले की सभ्यता के अवशेष मिले हैं, जो 6000 साल से अधिक पुराने माने जा रहे हैं.
-
ndtv.in
-
गुजरात में मिली दुनिया की पहली शहरी बस्ती, जिसे शायद सुनामी ने किया था तबाह
- Tuesday August 30, 2016
- Reported by: इंडो-एशियन न्यूज़ सर्विस, Translated by: विवेक रस्तोगी
पणजी में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए राष्ट्रीय समुद्रविज्ञान संस्थान (नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ ओशनोग्राफी) के निदेशक एसडब्ल्यूए नकवी ने कहा कि गुजरात में कच्छ के रण में स्थित ढोलवीरा नामक पुरातात्विक महत्व का इलाका मिला है, जो बहुत योजनागत तरीके से स्थापित शहरी बस्ती था, और लगभग 3,450 साल पहले सुनामी की वजह से तबाह हो गया था.
-
ndtv.in
-
क्या आर्यों ने ही बसाया था हड़प्पा सभ्यता को? इतिहासकारों के भिन्न मत
- Sunday January 4, 2015
भारत में आर्य बाहर से आए या फिर स्वदेशी थे, इस बात पर वर्षों से जारी चर्चा के बीच भारत के कई इतिहासकार मानते हैं कि भारत में आर्यों का आगमन 1500 ईसा पूर्व मध्य एशिया से हुआ।
-
ndtv.in