
प्राइम वीडियो ने आज एक्सेल एंटरटेनमेंट के साथ अपनी आगामी सुपरनैचुरल हॉरर-इन्वेस्टिगेशन सीरीज, अंधेरा का रौंगटे खड़े कर देने वाला ट्रेलर लॉन्च किया. इस सीरीज में प्रिया बापट, करणवीर मल्होत्रा, प्राजक्ता कोली और सुरवीन चावला मुख्य भूमिकाओं में नजर आएंगे. इनके साथ-साथ एक दमदार कलाकारों की टोली भी शामिल है, जिसमें वत्सल सेठ, परवीन डबास और प्रणय पचौरी प्रमुख भूमिकाएं निभा रहे हैं. अंधेरा का निर्माण रितेश सिधवानी, फरहान अख्तर, कासिम जगमगिया, मोहित शाह और करण अंशुमान द्वारा एक्सेल एंटरटेनमेंट के बैनर तले किया गया है, और इसमें विशाल रामचंदानी एसोसिएट प्रोड्यूसर हैं. आठ एपिसोड की इस सीरीज को गौरव देसाई, राघव दर, चिन्तन सरदा और करण अंशुमान ने लिखा है, और इसका निर्देशन राघव दर ने किया है. अंधेरा 14 अगस्त को भारत सहित 240 से अधिक देशों और क्षेत्रों में प्राइम वीडियो पर विशेष रूप से स्ट्रीम की जाएगी.
तर्क और अज्ञात के टकराव से उपजी दुनिया में रची गई कहानी, अंधेरा एक ऐसा सिहरन पैदा करने वाला इन्वेस्टिगेटिव ड्रामा है, जो एटमॉस्फेरिक सुपरनैचुरल हॉरर से भरपूर है और दर्शकों को एक रोमांचकारी विज़ुअल अनुभव देने का वादा करता है. मुंबई की चकाचौंध भरी लेकिन भ्रमजाल रचती स्काईलाइन के बीच सेट यह ट्रेलर शहर की चमकती सतह को हटाकर एक कहीं ज़्यादा डरावनी और गहरी सच्चाई को उजागर करता है. जब एक युवती रहस्यमयी हालातों में लापता हो जाती है, तो इंस्पेक्टर कल्पना कदम (प्रिया बापट) और परेशान मेडिकल छात्र जय (करणवीर मल्होत्रा) एक खौफनाक रहस्यों की दुनिया में खिंच जाते हैं. जैसे-जैसे उनकी जांच एक छुपी हुई दुष्ट शक्ति को बेनकाब करती है, हकीकत की परतें दरकने लगती हैं. हकीकत और भयावह सपनों की सीमाएं धुंधली होने लगती हैं, और यह जोड़ी ऐसी ताकतों से भिड़ने को मजबूर हो जाती है जो किसी भी तर्क से परे हैं- और एक ऐसे अंधेरे से लड़ती है जो सब कुछ निगल जाने को तैयार है.
निर्देशक राघव डार कहते हैं, "अंधेरा के ज़रिए हम कुछ ऐसा बनाना चाहते थे जो सिर्फ डराए नहीं, बल्कि सोचने पर भी मजबूर करे". हमारा उद्देश्य कभी पारंपरिक हॉरर के पुराने ढर्रों पर निर्भर होना नहीं था, बल्कि डर को एक मनोवैज्ञानिक अनुभव के रूप में खोजने का था- ऐसा डर जो हमारे भीतर छिपी महत्त्वाकांक्षा, अपराधबोध और दफन रहस्यों से जन्म लेता है. हमने एक ऐसी दुनिया रची है, जहां डर लोगों के अपने किए गए चुनावों से पैदा होता है, जहां विज्ञान और अलौकिकता एक असहज तरीके से टकराते हैं. मूल रूप से, अंधेरा उस अंधकार के बारे में है जिसे हम अनजाने में अपने भीतर ढोते हैं. इस सीरीज़ के ज़रिए हम उस भीतरी उथल-पुथल को आईना दिखाना चाहते थे, और साथ ही एक रोमांचकारी, सांस रोक देने वाला अनुभव भी देना चाहते थे. यह हॉरर है. हां, लेकिन एक उद्देश्य के साथ, और एक ऐसी धड़कन के साथ जो पूरी तरह वास्तविक महसूस होती है".
निर्माता करण अंशुमान ने कहा, "अंधेरा के ज़रिए हम डर की परतों को परत-दर-परत खोल रहे हैं. यह कोई आम, घिसे-पिटे फॉर्मूले वाली हॉरर फिल्म नहीं है- इसमें न सस्ते हथकंडे हैं, न ही थके-हारे जंप स्केयर. यह एक ऐसा डर है जो धीरे-धीरे आपकी रूह तक उतरता है और वहीं ठहर जाता है. यह पूरी तरह से मनोवैज्ञानिक है, असंवारा हुआ है, और बेहद निजी भी. दर्शक हर पल उस तनाव को महसूस करेंगे, उस अंधकार को चखेंगे. प्राइम वीडियो ने फिर एक बार साहस दिखाया है और हमें अपनी सीमाएं और आगे ले जाने की आज़ादी दी है. इसलिए सावधान रहें: अगर आप सुकून और आराम चाहते हैं, तो कहीं और जाएं. लेकिन अगर आप अंधेरे से सीधे टकराने को तैयार हैं, तो आपका स्वागत है. 14 अगस्त- लाइट्स ऑफ, अंधेरा ऑन".
अभिनेत्री प्राजक्ता कोली ने कहा, "अंधेरा की दुनिया ने मुझे तुरंत आकर्षित कर लिया. यह एक मनोवैज्ञानिक हॉरर कहानी है, लेकिन इसकी तह में यह मानसिक अस्तित्व, सच और पहचान की लड़ाई की कहानी है. मेरा किरदार जज़्बाती, बेखौफ और अक्सर शक करने वाला है, लेकिन वो उन चीज़ों से भी गहराई से प्रभावित होती है, जिन्हें वो समझ नहीं पाती. एक ऐसी कहानी का हिस्सा बनना जो डरावनी होने के साथ-साथ भावनात्मक रूप से भी परतदार हो, एक अविस्मरणीय अनुभव रहा है. मुझे सच में इंतज़ार है उस पल का जब दर्शक इस रहस्यमयी दुनिया में कदम रखेंगे और देखेंगे कि ये कहानी धीरे-धीरे कैसे सामने आती है".
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