विज्ञापन

9 महीनों तक चीन का रहस्‍यमयी स्‍पेस प्‍लेन अंतरिक्ष में क्‍या कर रहा था? चल गया पता

इस स्‍पेस प्‍लेन ने पूरी दुनिया को चिंता में डाला हुआ है। इसकी वजह है कि चीन ने स्‍पेस प्‍लेन से जुड़े मिशन के बारे में बहुत कम जानकारी साझा की है।

  • चीन के रहस्‍यमयी स्‍पेस प्‍लेन (Space Plane) ने इस महीने की शुरुआत में सुर्खियां बटोरी थीं। करीब 9 महीनों तक अंतरिक्ष में अपनी कक्षा में रहने के बाद यह मई महीने की शुरुआत में धरती पर लौट आया। इस स्‍पेस प्‍लेन ने पूरी दुनिया को चिंता में डाला हुआ है। इसकी वजह है कि चीन ने स्‍पेस प्‍लेन से जुड़े मिशन के बारे में बहुत कम जानकारी साझा की है। अब अमेरिका के हाथ एक इन्‍फर्मेशन लगी है। इससे चीन के इरादों का पता चलता है!
  • रहस्‍यमयी स्‍पेस प्‍लेन ने चीन को एक और तकनीक से लैस किया है। चीन दुनिया के उन चुनिंदा देशों में शामिल हो गया है, जिनके पास ऐसा स्‍पेसक्राफ्ट है, जिसे रीयूज किया जा सकता है। चीन ने अपने स्‍पेस प्‍लेन को सफलता के साथ लॉन्‍च और दोबारा लैंड कराया है।
  • चीन अपने रहस्‍यमयी प्‍लेन को दो बार लॉन्‍च और लैंड करा चुका है। बावजूद इसके उसने दुनिया को इसके बारे में ज्‍यादा नहीं बताया है। इस प्‍लेन की क्‍या क्षमताएं हैं। डिजाइन कैसा है और परफॉर्मेंस के बारे में जानकारी का अभाव है। इससे दुनियाभर के देशों की चिंता बढ़ी है। उसका प्रतिद्वंदी अमेरिका भी इस बारे में बहुत कम जानता है।
  • एक्‍सपर्ट का मानना है कि चीन का स्‍पेस प्‍लेन अमेरिका के बोइंग X-37B की तरह है। यह अमेरिका का स्‍पेस प्‍लेन है, जो साल 2010 में सामने आया था। सेंटर फॉर नेवल एनालिसिस के एक रिसर्च साइंटिस्‍ट केविन पोलपेटर ने नेचरडॉटकॉम को इस बारे में बताया है। उन्‍होंने कहा कि अमेरिकी स्‍पेस प्‍लेन ने चीन को भी ऐसा प्‍लेन तैयार करने के लिए प्रेरित किया। उनका मानना है कि चीन का स्‍पेस प्रोग्राम देश की सेना के काफी करीब है।
  • चीन के रहस्‍यमयी स्‍पेस प्‍लेन ने पहली बार सितंबर 2020 में उड़ान भरी थी। स्‍पेसडॉटकॉम ने बताया है कि तब शायद प्‍लेन 2 दिनों तक स्‍पेस में रहा। इसका हालिया मिशन पिछले साल अगस्‍त में शुरू हुआ। चीन के लॉन्‍ग मार्च 2F रॉकेट की मदद से चीनी स्‍पेस प्‍लेन ने उड़ान भरी। लेकिन चीन ने इस मिशन का मकसद नहीं बताया।
  • सेंटर फॉर स्‍ट्रैटिजिक एंड इंटरनेशनल स्‍टडीज (CSIS) की एक हालिया रिपोर्ट में बताया गया है कि‍ स्‍पेस प्‍लेन ने पिछले साल अक्‍टूबर में कक्षा में एक ‘ऑब्‍जेक्‍ट' छोड़ा था। वह ऑब्‍जेक्‍ट जनवरी में गायब हो गया और मार्च में सैटेलाइट ट्रैकिंग रडार पर फ‍िर नजर आने लगा। रिपोर्ट में ऐसे संकेत दिए गए हैं कि चीनी स्‍पेस प्‍लेन में सैटेलाइट को हटाने की कोई क्षमता है, जैसे कोई रोबोटिक आर्म। हालांकि इस बारे में कोई पुख्‍ता सबूत नहीं है। तस्‍वीरें, साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्‍ट, वीबो, Pixabay व अन्‍य से।
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com