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झालावाड़ में इको टूरिज्म को लगेंगे पंख, 2 करोड़ की लागत से यहां बनाई गई लव-कुश वाटिका

Updated: 10 फ़रवरी, 2024 02:01 PM

झालावाड़ वन विभाग द्वारा 71 हेक्टर जमीन पर 2 करोड़ रुपये की लागत से लव कुश वाटिका (Luv Kush Vatika) का निर्माण करवाया गया है, जिसके शुरू होने के बाद यकीनन झालावाड़ में इको टूरिज्म (Jhalawar Eco Tourism) को पंख लगेंगे. देखिए रियाज खान की ये रिपोर्ट...

बजट 2024-25 में हुई थी घोषणा

मुख्यमंत्री बजट घोषणा 2022 में सभी जिलों में लवकुश वाटिकाओं के निर्माण की घोषणा की गई थी. इसी के अंतर्गत झालावाड़ जिले में सरकार द्वारा घोषित किए गए वेटलैंड, बड़बेला तालाब के समीप के स्थान को लव कुश वाटिका के निर्माण के लिए चुना गया, क्योंकि इस तालाब पर पहले ही प्रवासी और अप्रवासी पक्षियों का डेरा लगा रहता था, जिसको देखने के लिए काफी लोग आते हैं.

विभिन्न बगीचे और गतिविधियां

ऐसे में लव कुश वाटिका और बड़बेला तालाब दोनों मिलकर एक बड़ा केंद्र बन रहे हैं जो पक्षी प्रेमियों, पर्यावरण प्रेमियों एवं पर्यटकों को अपनी तरफ लुभाने ने लगे हैं. लव कुश वाटिका में विद्यार्थियों और पर्यटकों के लिए काफी कुछ बनाया गया है, विभिन्न प्रकार के बगीचे और गतिविधि केंद्र यहां बनाए जा रहे हैं जो पूरी तरह आकार लेने के बाद बेहद लुभावने होने वाले हैं.

पंचवटी और नक्षत्र वाटिकाओं का निर्माण

लव कुश वाटिका में बहुत सारी चीजे खास होने वाली हैं. यहां पर विद्यार्थियों के लिए पंचवटी और नक्षत्र वाटिकाओं का निर्माण किया गया है. वही मेडिटेशन हेतु भी वाटिका बनाई गई है, जिसमें विभिन्न प्रकार के उपयोगी पेड़ पौधों का इस्तेमाल किया गया है.

पक्षियों की 30 से अधिक प्रजातियां

लव कुश वाटिका जिस इलाके में बनाई गई है यहां पर पूर्व से ही वन्य जीवों की लगभग दो दर्जन प्रजातियां निवास करती हैं. जिन में नीलगाय, जरख, सियार, जंगली बिल्लियां और विभिन्न प्रकार के वन्य जीव शामिल हैं. लव कुश वाटिका में स्थित बड़बेला के तालाब पर प्रवासी पक्षियों की 30 से अधिक प्रजातियां चार से 8000 किलोमीटर का सफर करके पहुंचती है, जो आने वाले समय में यहां का सबसे बड़ा आकर्षण रहने वाली है. यहां पहुंचने वाले प्रवासी और अप्रवासी पक्षियों में अपनी सुंदरता के लिए प्रसिद्ध पक्षी सुर्खाब भी देखा जा सकता है इसके कुछ जोड़े हैं यहां पर रहते हैं.

वीडियो डेमोंसट्रेशन की सुविधा

लव कुश वाटिका में आने वाले विद्यार्थियों एवं अन्य लोगों के लिए यहां एक इंटरप्रिटेशन सेंटर यानी व्याख्या केंद्र का भी निर्माण किया गया है जिसके माध्यम से यहां आने वाले लोगों को यहां पर आने वाले प्रवासियों प्रवासी पक्षियों, वनस्पति की विभिन्न प्रजातियों एवं वनों के बारे में जानकारी उपलब्ध करवाई जाएगी. यहां पर वीडियो डेमोंसट्रेशन एवं अन्य प्रकार की प्रेजेंटेशन के माध्यम से आगंतुकों को वन्य जीव, पक्षियों एवं वन विभाग की अन्य गतिविधियों से अवगत करवाया जाएगा ताकि लोगों को ठीक जानकारी मिलता है.

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