
Dhiraj Bommadevara-Ankita Bhakat: भारत के धीरज बोम्मादेवरा और अंकिता भकत की मिश्रित तीरंदाजी जोड़ी यहां पेरिस ओलंपिक में कांस्य पदक के मैच में अमेरिकी जोड़ी से हारकर पदक से चूक गई जिसके बाद उन्होंने कहा कि पहली बार सेमीफाइनल में पहुंचना ऐतिहासिक था लेकिन पदक से चूकना निराशाजनक रहा. बता दें कि बोम्मादेवरा और भक्त मिश्रित टीम कांस्य पदक मैच में संयुक्त राज्य अमेरिका से 2-6 से हार गए. जब धीरज और अंकिता की मिश्रित टीम जोड़ी ने नौ ओलंपिक में पहली बार अंतिम चार में प्रवेश किया तो भारत ने तीरंदाजी में यह एतिहासिक उपलब्धि हासिल की. लेकिन दक्षिण कोरियाई जोड़ी से हारने के बाद यह जोड़ी कांस्य पदक के प्लेऑफ में पहुंची जिसमें उन्हें अमेरिका से हार का सामना करना पड़ा. भले ही अंकिता-धीरज भारत को मेडल नहीं दिला पाईं लेकिन तीरंदाजी में सेमीफाइनल इवेंट तक पहुंचकर भारतीय तीरंदाजी ने फैन्स का दिल जीत लिया है. सोशल मीडिया पर अंकिता-धीरज की भरपूर तारीफ हो रही है.
Their backgrounds were humble.
— Kiran Kumar S (@KiranKS) August 2, 2024
Ankita is a milkman's daughter.
Dhiraj is an Archery technician's son.
Inspiring stories. They lost bronze at #ParisOlympics2024, but still gave India's best ever performance in the mixed archery category. pic.twitter.com/My6voA76BF
सोशल मीडिया पर भारतीय फैन्स दोनों को बधाई दे रहे हैं. भले ही दोनों भारत को मेडल नहीं दिला पाए लेकिन जिस तरह से सेमीफाइनल में पहुंचे, वह अपने आप में एक बड़ी बात है. बता दें कि पहली बार तीरंदाजी में भारतीय जोड़ी सेमीफाइनल में पहुंची थी.
हांग्झोउ एशियाई खेलों में रजत पदक जीतने वाली पुरुष रिकर्व टीम के सदस्य 22 वर्षीय धीरज ने कहा, ‘‘भले ही यह ओलंपिक सभी के लिए बहुत अलग मंच हो लेकिन हमने वैसा ही प्रदर्शन किया जैसा हम आमतौर पर विश्व कप में करते हैं. इस बार पदक जीतने में हमारी कमी रही. निश्चित रूप से हम अपनी कमियों पर काम करेंगे. उन्होंने कहा, ‘‘यह हार बहुत दर्दनाक है, लेकिन यह हमें अंदर से मजबूत करेगी. अंकिता ने कहा कि हालांकि वह दबाव संभालने में सफल रहीं लेकिन हवा के कारण टीम पदक से चूक गई

Photo Credit: Social media
एक साय बोम्मादेवरा खेल छोड़ने की कगार पर थे
बोम्मादेवरा, जो साल 2017 में खराब नतीजों के कारण खेल छोड़ने की कगार पर थे, और भकत, जिन्होंने खेल सीखने के लिए अपने दोस्तों से उपकरण उधार लिए थे. दोनों का संघर्ष काफी बड़ा रहा है. शुरुआती निराशाजनक नतीजों से उबरने की ज़रूरत के अलावा, भारतीय तीरंदाजी दल को अपने कोरियाई कोच बेक वूंग की की अनुपस्थिति से भी जूझना पड़ा, जिनकी मान्यता भारतीय महासंघ की कथित प्रशासनिक त्रुटियों के कारण संसाधित नहीं हो पाई थी. बेक को भारत से वावस अपने घर लौटने के लिए मजबूर होना पड़ा था. इस विवाद के बावजूद, अंकिता-धीरज ऑफ़ 16 के मैच में शानदार प्रदर्शन करने में सफल रहे थे.चौथे स्थान पर आना भारतीय खेल के लिए कोई नई बात नहीं है, लेकिन भारतीय तीरंदाजी के लिए यह परिणाम बहुत मायने रखता है.
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