भारत ने दो दिन पहले 2036 में होने वाले ओलंपिक और पैरालंपिक खेलों की मेजबानी करने की दिशा में पहला बड़ा कदम उठाते हुए देश की इच्छा व्यक्त करने से संबंधित आशय पत्र अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति (आईओसी) को सौंप दिया है. खेल मंत्रालय के एक सूत्र के अनुसार भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) ने यह पत्र एक अक्टूबर को आईओसी को सौंपा था. IOC ने इसका स्वागत किया है और इस कोशिश को पीएम मोदी का विज़न माना जा रहा है. लेकिन मेजबानी हासिल करने से पहले भारत को सऊदी अरब, कतर, इंडोनेशिया, चिली और टर्की जैसे देशों की चुनौती का सामना करना पड़ सकता है.
India is all set to make history by hosting the 2036 Olympics! The Indian Olympic Association has taken a giant leap forward by submitting a Letter of Intent to the International Olympic Committee (IOC)
— Harsh Sanghavi (@sanghaviharsh) November 6, 2024
This move is a testament to PM Shri @narendramodi ji's vision of positioning… pic.twitter.com/flVodryFko
अपने वेल डेव्लप्ड इन्फ़्रास्ट्रक्चर के कारण बड़े ग्लाबल इवेंट्स के लिए भारत तैयार है ये दुनिया ने भारत की जी-20 प्रेसीडेंसी के दौरान भी देखा है. इसके दौरान 60 से अधिक देशों को आमंत्रित किया है. यह भारत की हर प्रकार की ऑरगेनाइजिंग कैपेसिटी का प्रमाण है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले साल सबसे पहले 2036 ओलंपिक की मेजबानी की अपनी सरकार की इच्छा के बारे में बात की थी. बता दें कि आशय पत्र सौंपने का मतलब है कि देश ओलंपिक का मेजबान चुनने की प्रक्रिया में अनौपचारिक संवाद से निरंतर संवाद के चरण में पहुंच गया है. इस चरण में आईओसी संभावित मेजबान की खेलों से जुड़ी परियोजनाओं की प्रगति का व्यवहारिक अध्ययन करता है.
🇮🇳 PT Usha shared insights on India's bid for the 2036 Olympic Games, furthering PM @narendramodi's vision. The Indian Olympic Association has submitted an official Letter of Intent to the IOC, marking a significant step towards hosting the Games. This incredible opportunity… pic.twitter.com/Uce3aI3GU2
— Doordarshan Sports (@ddsportschannel) November 6, 2024
आईओसी ने अपनी आधिकारिक वेबसाइट पर कहा,‘व्यवहारिक मूल्यांकन में कई चीजों पर ध्यान दिया जाता है जिनमें मानवाधिकार, सामाजिक उत्तरदायित्व के लिए व्यवसाय (बीएसआर) और अंतरराष्ट्रीय प्रकृति संरक्षण संघ (आईयूसीएन) से जुड़े तथ्य शामिल हैं.' प्रक्रिया का अगला चरण लक्षित संवाद होगा, जिसके लिए औपचारिक बोली जमा करने की आवश्यकता होगी. इसका मूल्यांकन भविष्य का मेजबान आयोग करेगा. यह प्रक्रिया आखिर में मेजबान देश के चुनाव के साथ समाप्त होगी.
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं