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This Article is From Apr 12, 2017

केजरीवाल ने दिल्ली चुनाव आयोग से कहा- MCD चुनाव के लिए मत मंगाओ राजस्थान से EVM, वो टैंपर्ड हैं

केजरीवाल ने दिल्ली चुनाव आयोग से कहा- MCD चुनाव के लिए मत मंगाओ राजस्थान से EVM, वो टैंपर्ड हैं
दिल्‍ली के मुख्‍यमंत्री अरविंद केजरीवाल (फाइल फोटो)
नई दिल्‍ली: दिल्‍ली में नगर निगम के चुनाव के लिए 23 अप्रैल को वोटिंग होनी है. ईवीएम मशीनों की विश्‍वसनीयता पर सवाल उठाने वाले दिल्‍ली के मुख्‍यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने राज्‍य चुनाव आयोग को चिट्ठी लिखी है. अपनी चिट्ठी में उन्‍होंने तीन मांगें रखी हैं. पहली मांग है कि एमसीडी चुनावों में वोटिंग के लिए राजस्‍थान से जो ईवीएम मशीनें मंगाई जा रही हैं वो टैंपर्ड हैं इसलिए उनका इस्‍तेमाल नहीं किया जाए. दूसरी मांग है कि राष्ट्रीय और राज्य स्तर की पार्टियों को कुछ EVM की जांच करने का मौका मिले और तीसरी मांग है कि MCD चुनाव सिर्फ VvPAT मशीनों से करवाये जाएं.

दिल्ली के मुख्य निर्वाचन आयुक्त एस. के. श्रीवास्तव को लिखी चिट्ठी में केजरीवाल ने दिल्ली निकाय चुनावों में राजस्थान से पहली पीढ़ी के पुराने पड़ चुके बेकार वोटिंग मशीनें मंगवाए जाने पर हैरानी जताई है. केजरीवाल ने चिट्ठी में लिखा है, 'पहली पीढ़ी की ईवीएम मशीनें सबसे ज्‍यादा असुरक्षित हैं, क्योंकि इनमें सबसे कम सुरक्षा इंतजाम होते हैं. हम इस बात पर बेहद हैरान हैं कि आयोग ने वीवीपीएटी मशीनें तक नहीं मंगवाई हैं. आपने वीवीपीएटी मशीनें मंगवाने की बिल्कुल भी कोशिश आखिर क्यों नहीं की?'

केजरीवाल ने कहा है कि दिल्ली में दूसरी पीढ़ी की ईवीएम मशीनें पर्याप्त संख्या में हैं, जो वीवीपीएटी तकनीक को सपोर्ट करती हैं. केजरीवाल ने कहा, 'एमसीडी चुनाव करवाने के लिए आप राजस्थान से ही ईवीएम मशीनें मंगवाने पर क्यों जोर दे रहे हैं, जबकि यह स्पष्ट है कि उन ईवीएम मशीनों के साथ छेड़छाड़ की गई है.' केजरीवाल ने इसी सप्ताह इससे पहले आरोप लगाया है कि राजस्थान के धौलपुर में बीते रविवार को हुए उप-चुनाव के दौरान 18 ईवीएम मशीनें ऐसी पाई गईं जिनमें किसी भी अन्य दल के लिए निर्धारित बटन दबाने पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को ही वोट गया. इससे पहले, मध्य प्रदेश के भिंड में परीक्षण मतदान के दौरान भी इस तरह की ईवीएम मशीन का मामला सामने आया था. केजरीवाल ने कहा, 'हमारी मांग है कि राजस्थान से मंगवाई गई सभी ईवीएम मशीनें तत्काल वापल ली जाएं.'

केजरीवाल ने निर्वाचन आयोग द्वारा राजनीतिक दलों को ईवीएम मशीनों की जांच करने की चुनौती से वापस हटने का आरोप भी लगाया. उन्होंने कहा, 'अब आप हमें ईवीएम मशीनों की तकनीकी जांच करने की इजाजत से पीछे हट रहे हैं और इसके लिए मुख्य निर्वाचन आयुक्त से इजाजत लेने का बहाना कर रहे हैं.' केजरीवाल ने कहा कि मुख्य निर्वाचन आयुक्त ने उन्हें बताया है कि राज्य निर्वाचन आयोग एक स्वतंत्र इकाई है और इसके लिए उसे मुख्य निर्वाचन आयोग की इजाजत की जरूरत नहीं है. केजरीवाल का दावा है कि 2006 से पहले निर्मित ईवीएम मशीनें पहली पीढ़ी की मशीनें हैं, 2006 से 2013 के बीच निर्मित मशीनें दूसरी पीढ़ी की और 2013 के बाद निर्मित वोटिंग मशीनें तीसरी पीढ़ी की मशीनें हैं. उनका यह भी दावा है कि 2006 से पहले निर्मित पहली पीढ़ी की वोटिंग मशीनों में पर्याप्त सुरक्षा इंतजाम नहीं हैं.

लेकिन चूंकि मतदान में अब केवल 10 दिनों का वक्‍त बचा है ऐसे में केजरीवाल की ये मांगें मानी जाएंगी, ऐसा लगता नहीं है क्‍योंकि चुनावी तैयारियों के लिए आयोग को भी वक्‍त चाहिए होता है. गौरतलब है कि मार्च महीने में पांच राज्‍यों के विधानसभा चुनावों के नतीजे आने के बाद से ही केजरीवाल ईवीएम मशीनों की विश्‍वसनीयता पर सवाल उठाते रहे हैं.

(इनपुट आईएएनएस से...)

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