
Bache Muh Khol Kar Kyu Sote Hain: छोटे बच्चों की हर छोटी-छोटी बात पर खास ध्यान देने की जरूरत होती है. उनकी सेहत से जुड़ी बातों पर जरा सी भी लापरवाही आगे चलकर बड़ी परेशानी में बदल सकती है. एक ऐसी ही बात है मुंह खोलकर सोना. कई बार सोते समय बच्चे का मुंह खुला होता है. कभी-कभी ऐसा होना आम बात है, हालांकि अगर बच्चा रोज ही मुंह खोलकर सो रहा है, तो इसे नजरअंदाज न करें. आइए एक्सपर्ट्स से जानते हैं बच्चे मुंह खोलकर क्यों सोते हैं, इससे क्या नुकसान हो सकता है और इस आदत को छुड़ाने के लिए क्या किया जा सकता है.
क्या कहते हैं एक्सपर्ट?
मामले को लेकर NDTV संग हुई बातचीत के दौरान सर्वोदय हॉस्पिटल, ग्रेटर नोएडा वेस्ट में सीनियर कंसल्टेंट पीडियाट्रिक्स डॉक्टर अर्चना यादव ने बताया, बच्चे के मुंह खोलकर सोने के पीछे कई कारण जिम्मेदार हो सकते हैं. जैसे-
नाक बंद होनासर्दी, एलर्जी या साइनस की वजह से नाक में रुकावट आ जाती है और बच्चा मुंह से सांस लेने लगता है.
टॉन्सिल या एडेनोइड्स बढ़ जानागले के ये हिस्से अगर सूज जाएं या बड़े हो जाएं, तो सांस लेने में दिक्कत होती है. इस कंडीशन में भी बच्चा मुंह खोलकर सोने लगता है.
श्वसन संबंधी समस्याएंश्वसन संबंधी समस्याएं जैसे अस्थमा या ब्रोंकियोलाइटिस की वजह से भी बच्चा नाक की जगह मुंह से सांस ले सकता है.
अंगूठा चूसने की आदतइन सब से अलग अगर बच्चे को अंगूठा चूसने की आदत है, तो भी बच्चों में मुंह से सांस लेने की आदत बन जाती है.
क्या होते हैं नुकसान?डॉक्टर अर्चना यादव बताती हैं, लगातार मुंह खोलकर सोने से आगे चलकर बच्चे को कई परेशानियां झेलनी पड़ सकती हैं. जैसे-
दांतों की समस्याएंमुंह खोलकर सोने से बच्चे का मुंह सूखा रहता है, जिससे दांतों में सड़न और मसूड़ों में बीमारी हो सकती है.
नींद में परेशानीजब बच्चा मुंह खोलकर सोता है, तो इससे खर्राटे आना, बार-बार उठना, या सही नींद ना आना जैसी परेशानी बढ़ जाती हैं. इससे बच्चा दिन में थका हुआ रहता है या खुद को एक्टिव फील नहीं कर पाता है.
बोलने में दिक्कतइन सब से अलग मुंह खोलकर सोने से जुबान की स्थिति और मुंह की बनावट बदल सकती है, जिससे आगे चलकर बच्चे को बोलने में भी दिक्कत हो सकती है.
इस आदत को कैसे छुड़ाएं?इसके लिए डॉक्टर अर्चना कुछ जरूरी बातों पर ध्यान देने की सलाह देती हैं. जैसे-
नंबर 1- डॉक्टर से सलाह लेंसबसे पहले बाल रोग विशेषज्ञ या ENT स्पेशलिस्ट से संपर्क करें. वे सही जांच करेंगे कि परेशानी किस कारण हो रही है. जब आपको परेशानी का पता चलेगा, तभी आप इसका सही इलाज करा पाएंगे.
नंबर 2- नाक की सफाईअपने बच्चे को नाक साफ रखने की आदत डालें. बंद नाक होने के चलते भी बच्चे मुंह से सांस लेते हैं या मुंह खोलकर सोते हैं. वहीं, अगर जुकाम या एलर्जी के कारण नाक बंद है, तो डॉक्टर की सलाह से स्टीम दें या नेजल ड्रॉप्स का इस्तेमाल करें ताकि नाक खुली रहे.
नंबर 3- सही नींद की पोजिशनसोते समय बच्चे की पोजिशन पर भी ध्यान रखें. अगर बच्चा तकिया लगा रहा है, तो इसे ज्यादा ऊंचा न रखें. इसके साथ ही बच्चे को पीठ के बल सोने की आदत डालें.
नंबर 4- मुंह बंद रखने की आदतमुंह से सांस लेने पर बच्चे को तुरंत टोकें. उन्हें प्यार से समझाएं और रात से अलग दिन में भी खेल-खेल में बच्चे को मुंह बंद रखने की आदत डालें.
अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.
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