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एक्सपर्ट ने बताया कोदो मिलेट डाइट में लेना कर दीजिए शुरू, वेट लॉस से लेकर डायबिटीज में मिलेगी मदद

कोदो मिलेट एक मोटा अनाज है जो न केवल पोषण से भरपूर है, बल्कि स्वास्थ्य के लिए भी कई लाभ प्रदान करता है. यह अनाज भारत के विभिन्न हिस्सों के साथ-साथ एशिया और अफ्रीका के कई देशों में भी उगाया और खाया जाता है.

एक्सपर्ट ने बताया कोदो मिलेट डाइट में लेना कर दीजिए शुरू, वेट लॉस से लेकर डायबिटीज में मिलेगी मदद
कोदो मिलेट में कैल्शियम और फॉस्फोरस प्रचुर मात्रा में होते हैं.

Kodo Millets Benefits: कोदो मिलेट, जिसे हिंदी में 'कोदो' और अंग्रेजी में 'Kodo Millet' के नाम से जाना जाता है, भारत में प्राचीन काल से उगाई जाने वाली एक प्रमुख फसल है. इसे वैज्ञानिक रूप से Paspalum scrobiculatum कहा जाता है. कोदो मिलेट (Kodo Millet) एक मोटा अनाज है जो न केवल पोषण (Nutrients से भरपूर है, बल्कि स्वास्थ्य (Health) के लिए भी कई लाभ प्रदान करता है. यह अनाज भारत के विभिन्न हिस्सों के साथ-साथ एशिया और अफ्रीका के कई देशों में भी उगाया और खाया जाता है. कई सेलिब्रिटीज भी इसकी बनी रोटी खाना पसंद कर सकते हैं. दरअसल इसके इतने सारे फायदे हैं कि आप जानकर चौंक जाएंगे. एक्सपर्ट की मानें तो कोदो मिलेट अगर आप डाइट में शामिल करते हैं तो इससे कई गंभीर बीमारियों से राहत पाई जा सकती है. 

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कोदो मिलेट में पाए जाने वाले पोषक तत्व
कोदो मिलेट पोषक तत्वों से भरपूर होता है. इसमें कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, फाइबर, और कई महत्वपूर्ण खनिज पाए जाते हैं जैसे कि आयरन, कैल्शियम, मैग्नीशियम और फॉस्फोरस. इसका ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम होता है, इसलिए यह ब्लड शुगर के स्तर को नियंत्रित करने में मदद करता है. कोदो मिलेट में बी विटामिन्स और एंटीऑक्सीडेंट्स भी होते हैं जो शरीर को स्वस्थ रखने में सहायक होते हैं.

Millets can be a great substitute for oatmeal.

Millets can be a great substitute for oatmeal.
Photo Credit: iStock


कोदो मिलेट के स्वास्थ्य लाभ

डायबिटीज के रोगियों के लिए फायदेमंद: कोदो मिलेट का सेवन मधुमेह रोगियों के लिए बहुत लाभकारी माना जाता है क्योंकि इसका ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम होता है. यह ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित करने में मदद करता है और इंसुलिन प्रतिरोध को भी कम कर सकता है.

वजन घटाने में सहायक: कोदो मिलेट में फाइबर की उच्च मात्रा होती है जो पेट को लंबे समय तक भरा रखता है और भूख को नियंत्रित करता है. इसका सेवन वजन घटाने में सहायक हो सकता है और मेटाबॉलिज्म को भी बढ़ावा देता है.

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पाचन तंत्र को बेहतर बनाता है: फाइबर से भरपूर होने के कारण कोदो मिलेट पाचन तंत्र को बेहतर बनाता है और कब्ज की समस्या से राहत दिलाता है. यह आंतों को भी स्वस्थ रखता है.

हड्डियों को मजबूत करता है: कोदो मिलेट में कैल्शियम और फॉस्फोरस प्रचुर मात्रा में होते हैं जो हड्डियों के विकास और मजबूती के लिए जरूरी हैं.

एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर: कोदो मिलेट में एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं जो शरीर को फ्री रैडिकल्स से बचाने में मदद करते हैं. ये एंटीऑक्सीडेंट्स कोशिकाओं की रक्षा करते हैं और हृदय रोगों का खतरा कम करते हैं.
 

कहां-कहां पाया और खाया जाता है कोदो मिलेट
कोदो मिलेट मुख्यतः भारत के मध्य, दक्षिणी और पूर्वोत्तर हिस्सों में उगाया जाता है. छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, तमिलनाडु और कर्नाटक में यह फसल लोकप्रिय है. भारत के बाहर भी, यह अनाज श्रीलंका, नेपाल और अफ्रीकी देशों में उगाया और खाया जाता है.

भारत के विभिन्न इलाकों में कोदो मिलेट के नाम
भारत के विभिन्न क्षेत्रों में इसे अलग-अलग नामों से जाना जाता है. उदाहरण के लिए:

तमिलनाडु में: वरगु (Varagu)
कर्नाटक में: हरका (Harka)
महाराष्ट्र में: कोद्रा (Kodra)
हिंदी क्षेत्र: कोदो या कोदरा
तेलुगु में: अरिकेलु (Arikelu)

कोदो मिलेट की खेती
कोदो मिलेट की खेती बहुत कठिन नहीं होती है और यह कम संसाधनों में भी आसानी से उगाई जा सकती है. यह सूखे क्षेत्रों में अच्छी तरह से उगता है और इसे कम पानी की आवश्यकता होती है. इसकी खेती सामान्यतः वर्षा ऋतु में की जाती है, और यह जुलाई-अगस्त में बोया जाता है. इसकी फसल को अक्टूबर-नवंबर तक काटा जा सकता है.

कोदो मिलेट का पौधा और इसके अनुकूल वातावरण
कोदो मिलेट का पौधा एक घास जैसा दिखता है और इसकी ऊंचाई लगभग 90 से 120 सेंटीमीटर तक होती है. इसके पत्ते लंबे होते हैं. इस फसल के लिए सबसे अच्छा वातावरण वह होता है जहां मध्यम से कम वर्षा होती है. यह गर्म और सूखी जलवायु में भी पनप सकता है और खराब मिट्टी में भी इसकी पैदावार अच्छी होती है.

कोदो मिलेट का उपयोग और लोकप्रियता
हाल के वर्षों में कोदो मिलेट की लोकप्रियता तेजी से बढ़ी है, खासकर स्वास्थ्य के प्रति जागरूक लोगों के बीच. इसका उपयोग रोटी, खिचड़ी, दलिया, और सूप जैसी व्यंजन बनाने में किया जाता है. भारत में पारंपरिक भोजन के रूप में कोदो मिलेट को खास जगह दी जाती है. इसके साथ ही, इसे अब ग्लूटेन-फ्री डाइट का भी हिस्सा माना जा रहा है और अंतर्राष्ट्रीय बाजार में भी इसकी मांग बढ़ रही है.

अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.

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