
Uttana Padasan to Loose Belly Fat: अगर आप घर बैठे आसान और असरदार तरीका ढूंढ रहे हैं पेट की चर्बी कम करने का, तो योग का एक पावरफुल आसन है – उत्तानपादासन (Benefits of Uttana pad asana). संस्कृत में 'उत्तान' का मतलब होता है ऊपर उठाना और 'पाद' यानी पैर. इस आसन में पैरों को ऊपर उठाकर पेट की मांसपेशियों (Yoga to Lose Belly Fat) पर काम किया जाता है. ये आसन ना सिर्फ पेट कम करने में मदद करता है, बल्कि शरीर की कोर ताकत (core strength Yoga) को भी मजबूत बनाता है.
क्यों करें उत्तानपादासन? (Why To Do Uttana padasan)
1. पेट की चर्बी घटाता है
इस आसन को करने से पेट की मांसपेशियों पर दबाव पड़ता है. जिससे वहां जमा फैट धीरे-धीरे कम होने लगता है. यह पेट को टोन करता है और मोटापे को कंट्रोल में लाता है.
2. पाचन में सुधारयह योगासन पाचन तंत्र को एक्टिव करता है जिससे कब्ज, गैस और एसिडिटी जैसी समस्याओं से राहत मिलती है.
3. रीढ़ की हड्डी मजबूत होती हैकमर और पीठ के निचले हिस्से पर काम करता है. जिससे स्पाइन स्ट्रॉन्ग होती है और बैक पेन में राहत मिलती है.
4. थकान और स्ट्रेस करता है दूरयह आसन करने से मन शांत होता है और स्ट्रेस दूर भागता है. ध्यान के साथ करने से यह मेडिटेशन जैसा असर देता है.
5. हार्मोन बैलेंस करता हैमहिलाओं के लिए ये आसन पीरियड्स में होने वाली परेशानी और हार्मोनल इम्बैलेंस को सुधारने में मददगार होता है.
कैसे करें उत्तानपादासन? (How to Do Uttana Padasan)
स्टेप-बाय-स्टेप समझें ये आसान कैसे किया जा सकता है.
1. सबसे पहले समतल जगह पर योगा मैट बिछाकर पीठ के बल लेट जाएं.
2. दोनों हाथ शरीर के किनारे रखें, हथेलियां नीचे की ओर हों.
3. अब धीरे-धीरे गहरी सांस लेते हुए दोनों पैरों को एक साथ 30 से 60 डिग्री तक ऊपर उठाएं.
4. पेट और पैरों पर ध्यान केंद्रित करें.
5. इस स्थिति में 10 से 30 सेकंड तक रहें (शुरुआत में जितना हो सके).
6. अब धीरे-धीरे सांस छोड़ते हुए पैरों को वापस नीचे ले आएं.
7. इस क्रिया को 3-5 बार दोहराएं.
अगर मुश्किल लगे तो करें ये मॉडिफिकेशन (Modifications of Uttana Padasan)
हर किसी की फिटनेस लेवल एक जैसी नहीं होती, इसलिए शुरूआती अभ्यासियों और कुछ विशेष परिस्थिति वाले लोगों के लिए उत्तानपादासन के कुछ सरल विकल्प नीचे दिए गए हैं:
1. एक पैर उठाना (Single Leg Raise)शुरुआत में दोनों पैरों को एक साथ उठाना मुश्किल हो सकता है. ऐसे में एक-एक पैर को बारी-बारी से उठाएं और कुछ सेकंड होल्ड करें.
2. घुटनों को मोड़कर (Bent Knees Version)अगर कमर में दर्द रहता है तो घुटनों को हल्का मोड़कर पैर उठाएं. इससे निचली कमर पर ज़्यादा दबाव नहीं पड़ेगा.
3. दीवार का सहारा लेंपैर उठाते समय पीठ के नीचे सपोर्ट देने के लिए कंबल या कुशन रखें और पैर उठाकर दीवार से टिकाकर प्रैक्टिस करें.
4. हाथों से पीठ को सपोर्ट देनाअगर निचली पीठ में खिंचाव महसूस हो, तो हाथों को पीठ के नीचे रखकर सपोर्ट दे सकते हैं.
इन बातों को रखें याद
• खाना खाने के कम से कम 3 घंटे बाद ही इस योग को करें.
• कमर दर्द, हाई ब्लड प्रेशर या हाल ही में सर्जरी हुई हो तो पहले डॉक्टर या योग प्रशिक्षक से सलाह लें.
• बहुत तेज झटके से पैरों को ऊपर न ले जाएं, हर स्टेप धीरे और नियंत्रित गति में करें.
प्रस्तुति: रोहित कुमार
अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.
(Except for the headline, this story has not been edited by NDTV staff and is published from a press release)
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