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बिहार के कौन से प्रसिद्ध मंदिर हैं? बिहार में सबसे पुराना मंदिर कौन सा है, जाएं तो जरूर करें दर्शन, जान‍िए वहां का पुराना इत‍िहास

बिहार का सबसे प्रसिद्ध मंदिर कौन सा है? ब‍िहार जाएं तो यहां 2000 साल पुरानी परंपरा, बौद्ध, हिंदू और जैन धर्म की अलग-अलग श्रद्धा और मन को शांति देने स्‍प्र‍िचुअल माहौल आपको म‍िलेगा.

बिहार के कौन से प्रसिद्ध मंदिर हैं? बिहार में सबसे पुराना मंदिर कौन सा है, जाएं तो जरूर करें दर्शन, जान‍िए वहां का पुराना इत‍िहास
बिहार के कौन से प्रसिद्ध मंदिर हैं?

Bihar Spiritual Heritage Temples: बिहार का नाम आते ही सबसे पहला ख्याल वहां की सियासत, बौद्ध धर्म का उद्गम, ज्ञान का संगम और नालंदा के खंडहर का आता है. लेकिन बिहार का असली खजाना इसके प्राचीन मंदिर हैं, जहां 2000 साल से भी ज्यादा समय से पूजा होती आ रही है. यहां के मंदिर न सिर्फ धार्मिक, बल्कि वास्तुकला और इतिहास की नजर से भी बेहद खास हैं. बोधगया का महाबोधि मंदिर, कैमूर की मां मुंडेश्वरी, पटना के शक्तिपीठ और पावापुरी के जैन स्थल बिहार की समृद्ध धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहर हैं. तो चलिए जानते हैं बिहार के 8 सबसे पुराने और खूबसूरत मंदिर, जिन्हें देखने के लिए दूर-दूर से श्रद्धालु आते हैं..

1. महाबोधि मंदिर, बोधगया (Mahabodhi Temple, Bodh Gaya)

महाबोधि मंदिर वह पवित्र स्थल है, जहां सिद्धार्थ गौतम ने बोधि वृक्ष के नीचे ज्ञान प्राप्त किया. मंदिर परिसर में प्रवेश करते ही आपको एक शांत और ध्यानमय वातावरण का अनुभव होता है. यहां के बौद्ध भिक्षु वृक्षों के नीचे ध्यान करते दिखाई देते हैं, प्रार्थना झंडे हवा में लहराते हैं और मंदिर की ऊंचाई से आसपास के उद्यान एक अलग ही माहौल पैदा करते हैं. शाम के समय मंदिर में दीप प्रज्वलित होते हैं और मंत्रों की मधुर आवाज वातावरण को और भी आध्यात्मिक बना देती है. अगर आप बुद्ध पूर्णिमा के समय आते हैं तो आपको दुनियाभर से आए तीर्थयात्रियों की भीड़ के साथ इसका अनुभव करने का मौका मिलेगा. गया एयरपोर्ट से यह मंदिर करीब 12 किलोमीटर दूर है, जबकि गया जंक्शन से 16 किलोमीटर की दूरी पर है.

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2. विष्णुपद मंदिर, गया (Vishnupad Temple, Gaya)

फाल्गु नदी के किनारे स्थित विष्णुपद मंदिर में भगवान विष्णु का एक पैरों का निशान रखा गया है, जिसे पूजा के लिए अत्यंत पवित्र माना जाता है. स्थानीय मान्यता के अनुसार, भगवान विष्णु ने यहां दानव गायासुर को पराजित किया था. मंदिर की वास्तुकला 18वीं सदी में महारानी अहिल्याबाई होलकर ने फिर से बनवाया था. इसमें माराठा और लोकल शैली का मिश्रण देखने को मिलता है. पितृ पक्ष में नदी के किनारे परिवार पितृ दान के लिए आते हैं और यह नजारा बेहद इमोशनल और स्प्रिचुअल एक्सपीरिएंस देता है. गया एयरपोर्ट से मंदिर 10 किलोमीटर और गया जंक्शन से 3 किलोमीटर की दूरी पर है.

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3. पाटन देवी मंदिर, पटना (Patan Devi Temple, Patna)

पाटन देवी पटना का सबसे पुराना और प्रतिष्ठित मंदिर है, जिसे शाक्ति पीठों में से एक माना जाता है. यह मंदिर देवी सती के शरीर का हिस्सा गिरने की जगह के रूप में प्रसिद्ध है. मंदिर में दुर्गा, काली, लक्ष्मी और सरस्वती की मूर्तियां रखी गई हैं, जो काले पत्थर और धातु से बनी हैं. नवरात्रि के समय मंदिर में भक्ति गीतों और दीपों की रौशनी से माहौल जीवंत और ऊर्जावान हो जाता है, जबकि आम दिनों में यह जगह शांत है. पटना एयरपोर्ट से मंदिर तक लगभग 12 किलोमीटर और पटना जंक्शन से 6 किलोमीटर की दूरी है.

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4. मां मुंडेश्वरी मंदिर, कैमूर (Maa Mundeshwari Temple, Kaimur)

मां मुंडेश्वरी मंदिर भारत के सबसे पुराने मंदिर में से एक है. यह मंदिर कैमूर पहाड़ियों की चोटियों पर है और इसकी आठ कोनों वाली संरचना इसे खास बनाती है. मंदिर में चार मुख वाला शिवलिंग है. इसकी नक्काशी गुप्त शैली की कमाल की मिसाल है. पहाड़ी पर होने के कारण मंदिर से आसपास के जंगल और मैदानों का नजारा मनोरम दिखाई देता है. पूरे क्षेत्र में घंटियों की मधुर आवाज वातावरण को शांत और आध्यात्मिक बना देती है. वाराणसी एयरपोर्ट से मंदिर करीब 90 किलोमीटर और भभुआ रोड रेलवे स्टेशन से 20 किलोमीटर दूर है.

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5. मंगल गौरी मंदिर, गया (Mangal Gauri Temple, Gaya)

मंगल गौरी मंदिर विवाह, संतान और समृद्धि के लिए प्रसिद्ध है. यह मंदिर मंगल गौरी हिल पर है. मंदिर तक करीब 100 सीढ़ियां चढ़नी पड़ती हैं. छोटे आंगन में देवी की शांति भरी मूर्ति की पूजा की जाती है. शाम के समय मंदिर में रोशनी और आरती का आयोजन बहुत ही खास माहौल बनाता है. यह मंदिर विष्णुपद और महाबोधि मंदिर के पास होने के कारण गयावासियों के लिए आध्यात्मिक यात्रा का अहम हिस्सा है.

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6. महावीर मंदिर, पटना

महावीर मंदिर पटना जंक्शन के पास है और उत्तर भारत का प्रमुख हनुमान मंदिर माना जाता है. यहां रोजाना भारी भीड़ रहती है और प्रसाद में मिलने वाले लड्डू बहुत प्रसिद्ध हैं. भक्त खासकर मंगलवार और शनिवार को दर्शन के लिए आते हैं. मंदिर में लगातार भजन, घंटियां और फूलों की सजावट के साथ पूजा का माहौल बना रहता है. यह मंदिर पाटन देवी के दर्शन के साथ जोड़कर देखने पर यात्रा को शानदार बनाता है.

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7. जलमंदिर, पावापुरी (Jal Mandir, Pawapuri)

जलमंदिर पावापुरी में है और भगवान महावीर के निर्वाण स्थल के रूप में जाना जाता है. यह मंदिर कमल से भरे तालाब के बीच बना है और सफेद संगमरमर का निर्माण इसे बेहद सुंदर और ध्यानमय बनाता है. यहां का शांत वातावरण और शांति भरी हवा शहर की हलचल से बिल्कुल अलग अनुभव देता है. सूर्योदय के तुरंत बाद आने पर आप जलमंदिर का सटीक अनुभव और बेहतरीन फोटोग्राफी कर सकते हैं. पावापुरी पटना से करीब 90 किलोमीटर दूर है और टैक्सी या बस से आसानी से पहुंचा जा सकता है.

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8. बैद्यनाथ ज्योतिर्लिंग, देवघर (Baidyanath Jyotirlinga, Deoghar)

यह मंदिर वैसे तो झारखंड में है, लेकिन बैद्यनाथ धाम बिहार के तीर्थ यात्रा मार्गों से जुड़ा हुआ है. यह ज्योतिर्लिंग सावन मास में विशेष रूप से श्रद्धालुओं को आकर्षित करता है. मंदिर में स्थित काले पत्थर का लिंगम भगवान शिव की भक्ति का प्रतीक है. लगातार मंत्रों और भक्तों की आवाज मंदिर के वातावरण को बेहद आध्यात्मिक बनाती है. देवघर एयरपोर्ट और जसिदीह जंक्शन से आसानी से पहुंचा जा सकता है.

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