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मोबाइल पर रोज 3 या 6 कितने घंटे समय बिताते हैं आप, गंभीर बीमारियों से बचने के लिए ये लक्षण दिखते ही ऐसे करें कंट्रोल

स्मार्टफोन जरूरत से आगे बढ़कर लत में बदलती जा रही है. लगातार स्मार्टफोन पर एक्टिव रहने कीमत हम नींद, मेंटल हेल्थ और यहां तक कि पर्सनल रिलेशनशिप के बिगड़ने के रूप में चुकाने को मजबूर हो रहे हैं.

मोबाइल पर रोज 3 या 6 कितने घंटे समय बिताते हैं आप, गंभीर बीमारियों से बचने के लिए ये लक्षण दिखते ही ऐसे करें कंट्रोल
मोबाइल हर वक्त देखते रहते हैं, तो ये आदत ठीक नहीं है.

Know how to control smart phone addiction: आज की मॉर्डन लाइफस्टाइल में स्मार्टफोन जरूरत से आगे बढ़कर लत में बदलती जा रही है. बड़ी संख्या में लोग और खासकर टीन एजर्स मोबाइल के बगैर एक मिनट ही नहीं रह पाते हैं. स्मार्ट फोन की बढ़ती लत (Smartphone Addiction ) चुनौती बनती जा रही है. इस लत से हमारी लाइफ पर बहुत असर किया है. इसके कारण हमारे काम करने, आराम करने और लोगों से कनेक्ट करने के तरीके को पूरी तरह से बदल दिया है. लगातार स्मार्टफोन पर एक्टिव रहने कीमत हम नींद, मेंटल हेल्थ और यहां तक कि पर्सनल रिलेशनशिप के बिगड़ने के रूप में चुकाने को मजबूर हो रहे हैं. खासकर टीनएजर्स और यंग प्रोफेशनल्स इससे सबसे ज्यादा प्रभावित हो रहे हैं. दुनिया भर में अब इससे चिंता जताई जा रही है और लोगों को अवेयर करने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं. इस संबंध में स्पेन ने बोल्ड फैसला किया है और प्रस्ताव दिया गया है कि देश में बिकने वाले सभी स्मार्टफोन पर सिगरेट के पैकेटों की तर्ज पर हेल्थ Health संबंधी चेतावनी जरूरी किया जाएगा. इसका कदम का उद्देश्य बढ़ते स्क्रीन टाइम के खतरों के प्रति लोगों को आगाह करना है और सोच समझकर यूज करने के लिए प्रोत्साहित करना है. आइए जातने हैं स्मार्ट फोन के एडिक्शन से सेहत को होने वाले नुकसान और उससे बचाव के तरीके (How to control smart phone addiction) ….

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ज्यादा स्क्रीन टाइम से दिल की बीमारी का खतरा  (Risk of heart disease due to excessive screen time)

ऐसे लोग जो एक्टिव लाइफ नहीं जीते हैं और स्मार्टफोन पर बहुत ज्यादा वक्त गुजारते हैं  हार्ट संबंधी परेशानियों और स्ट्रोक का खतरा का काफी ज्यादा बढ़ जाता है. यह खतरा उन लोगों को भी रहता जिनका वजन और बीपी कंट्रोल में है. 1990 और 1991 में पैदा हुए 14,500 के बच्चों पर किए गए रिसर्च में पाया गया कि जो बच्चे ज्यादा फोन और टैब देखते हैं जिसकी वजह से उनकी फिजिकल एक्टिविटी कम होती है. ज्यादा वक्त फोन पर बिताते हैं.

इन बीमारियों का बढ़ता है खतरा (Risk of these diseases)

जो बच्चे फिजिकली कम एक्टिव होते हैं  उन्हें काफी कम उम्र में ज्यादा वजन  और टाइप-2 डायबिटीज का खतरा रहता है. इसके अलावा इन बच्चों में  न्यूरोडीजेनेरेटिव की बीमारी और दिल से जुड़ी बीमारी का खतरा भी बढ़ने लगता है. इसके अलावा अकेलापन, सामाजिक रूप से अलग थलग महसूस करने की भी परेशानी हो सकती है.  

स्मार्टफोन के ज्यादा यूज से होने की वाली समस्याएं (Problems caused by excessive use of smartphone)

कंप्यूटर विजन सिंड्रोम

रीढ़ की हड्डी पर गंभीर असर

स्किन से जुड़ी परेशानियां

नींद से जुड़ी परेशानियां

मेंटल स्ट्रेस बढ़ना

आत्मविश्वास की कमी

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इन उपायों की मदद से करें स्मार्ट फोन के यूज पर कंट्रोल  (How to control smart phone addiction)

 नोटिफिकेशन साइलेंट

स्मार्टफोन के नोटिफिकेशन को साइलेंट मोड मे सेट करें इससे बार बार मोबाइल देखने से बचेंगे.

कुछ देर के लिए बंद करें इंटरनेट

कुछ समय में इंटरनेट को बंद करने से भी मोबाइल से दूरी बनाने में मदद मिलेगी.

सोने से पहले और उठने के बाद मोबाइल से रहे दूर

अधिकतर लोग सोने से पहले और उठने पर सबसे ज्यादा देर मोबाइल पर बिताते हैं. इसके कारण नींद में कमी और सुबह हड़बड़ी का सामना करना पड़ता है. इन दोनों समय पर मोबाइल से दूरी बना लेने से इस लत से बचने में काफी मदद मिल सकत है.

व्यस्त रहें

जब भी आपको स्मार्ट फोन देखने का मन करें अपने आप को किसी काम में वयस्त कर लें. इससे आपका ध्यान मोबाइल से हट जाएगा.

फोन एडिक्शन के लक्षण (Symptoms of phone addiction)

-बगैर सोचे-समझे फोन पर ऐप्स चेक करना या इंटरनेट ब्राउज करना

-फोन एक्सेस नहीं कर पाने पर परेशान और बेचैन होना

-फोन पर समय गंवाने के कारण ऑफिस या घर का काम अधूरा रह जाना

- ड्राइविंग करते समय और रोड क्रॉस करते समय भी स्मार्ट फोन देखना

–किसी भी तरह का मैसेज या नोटिफिकेशन आने पर तुरंत देखने की आदत

–काम में बिजी होने पर भी बार-बार अपना फोन चेक करना

अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.

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