
हम सभी लोग अपनी-अपनी भूख के हिसाब से खाना खाते हैं, कुछ लोग कम तो कुछ लोगों की डाइट काफी ज्यादा होती है. ऐसे भी लोग हैं, जिन्हें पता ही नहीं चलता है कि वो कितना खा रहे हैं. ये आपके शरीर के लिए नुकसानदायक हो सकता है, प्रेमानंद महाराज ने भी कुछ यही बात बताई है. उन्होंने बताया कि एक स्वस्थ शरीर के लिए कितना भोजन लेना चाहिए और ये क्यों जरूरी है.
इंसान के लिए इतना भोजन काफी
प्रेमानंद महाराज ने बताया कि 24 घंटे में एक इंसान को कितना खाना चाहिए, इसकी एक सीमा है. 24 घंटे में इंसान को 390 ग्राम भोजन लेना चाहिए.इसका मतलब दो रोटी के साथ एक कटोरी दाल काफी है, ये किसी साधु की डाइट नहीं है. ये आम इंसान के लिए एक दिन का खाना है. प्रेमानंद महाराज ने बताया कि एक बार ईरान के बादशाह बहमन ने एक महान वैद्य को पूछा कि हम एक दिन में कितना खाएं, जिससे हमारा शरीर स्वस्थ रहे. वैद्य ने बताया कि केवल 39 तोला अन्न की इंसान को आवश्यकता है. वैद्य ने कहा कि इसके ऊपर जो भी खाया जाता है, वो एक बोझ की तरह है, इससे शरीर अस्वस्थ हो सकता है.
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भोजन में भी संयम जरूरी
कुल मिलाकर प्रेमानंद महाराज ने अपने प्रवचन में ये बताया कि आपको जरूरत से ज्यादा खाना नहीं खाना चाहिए. जितने अन्न की आपके शरीर को जरूरत है, उतना ही आपको खाना चाहिए. ऐसा नहीं करने पर आपका शरीर स्वस्थ नहीं रहेगा, ज्यादा खाना खाने से कई तरह की समस्याएं हो सकती हैं. महाराज का कहना है कि संयम काफी ज्यादा जरूरी है, आहार हमेशा ऐसा होना चाहिए कि दिनभर आपको एनर्जी रहे. कम भोजन करने का एक फायदा ये भी होता है कि ये आसानी से पच जाता है.
प्रभु को करें याद
प्रेमानंद महाराज ने बताया कि जब भी आप भोजन ग्रहण करते हैं तो आपको भगवान को जरूर याद करना चाहिए, क्योंकि कई लोगों को तीन चार दिन में ये नसीब हो पाता है. आप अच्छा खा रहे हैं तो भगवान आपके लिए कृपालु हैं. जो लोग तीन बार भोजन पाते हैं, उन्हें हमेशा प्रभु के प्रति समर्पण रखना चाहिए. इसके अलावा भोजन करने के बाद उसे पचाने के लिए पद्मासन में बैठने की सलाह भी महाराज देते हैं.
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