Parenting tips : बच्चे की परवरिश में छोटी-छोटी बातों का ध्यान रखना पड़ता है जिससे बच्चे का शारीरिक और मानसिक विकास अच्छे ढंग से हो सके. मां-बाप को अपने लाडले और लाड़ली की हर हरकत पर नजर रखना पड़ता है जब तक की उसके अंदर अच्छे और बुरे के बीच फर्क ना समझ आ जाए. बहुत से पेरेंट्स एक सवाल अक्सर करते हैं कि वह बच्चे (child care tips) को कब से अलग सुलाएं या उसे सेपरेट कमरा दें, जिसका जवाब आपको इस आर्टिकल में मिल जाएगा.
बच्चे को अपने से अलग कब सुलाना चाहिए
अपने हिसाब से चुनेंआपको बता दें कि बच्चे को अलग सुलाने के पीछे पेरेंट्स का उद्देश्य उन्हें आत्मनिर्भर और निडर बनाना होता है ताकि उसके अंदर दूसरे पर निर्भर होने की आदत ना बने. लेकिन उन्हें कब से अलग सुलाना यह आप पर निर्भर करता है, क्योंकि आपको यह देखना पड़ेगा की वह इसके लिए कितना तैयार है.
कुछ सावधानियां- बच्चे को अलग सुलाने के लिए आपको कुछ बातों पर ध्यान देना होगा जैसे अगर बच्चा 01 से 03 महीने का है तो उसे अपने आस पास सुलाना ही बेहतर होगा.
- वहीं 06 महीने के बच्चे को पालने में सुलाने की आदत डाल सकती हैं. ऐसा आप तब करें जब उसकी सोने की रूटीन बन जाएं. आप दूध पिलाकर बेड से थोड़ी दूरी पर पालने में सुला सकती है.
- इसके अलावा जब बच्चा 01 से 02 साल का हो जाए तो उसे दूसरे बेड पर सुला सकती हैं. लेकिन आपको रात में उसपर नजर रखनी होगी क्योंकि कई बार बच्चे नींद में नीचे भी गिर जाते हैं. जिससे उन्हें चोट लग जाती है. इसलिए जब भी उन्हें अपने से अलग सुलाएं आस पास तकिया लगा दें.
- बच्चे को अलग सुलाने पर रात में उठकर चेक करें बिस्तर पर है भी की नहीं. उसे बाथरूम या भूख तो नहीं लगी है. कई बार बच्चे डर के कारण बिस्तर पर ही बाथरूम कर देते हैं ऐसे में आपको ज्यादा ध्यान रखने की जरूरत है.
अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए जिम्मेदारी का दावा नहीं करता है.
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