Child care : बच्चे जब छोटे होते हैं तो अपनी भावनाएं मां-बाप तक नहीं पहुंचा पाते हैं. ऐसे में वह कुछ ऐसी हरकतें करते हैं जिससे पेरेंट्स का ध्यान अपनी ओर खींच सकें, जैसे चीखना, चिल्लाना, सामान फेंकना, रोना शुरू कर देना आदि. लेकिन कभी-कभी उनका ऐसा करना बहुत ज्यादा हो जाता है. बच्चों का ऐसा व्यवहार सामान्य नहीं होता है. तब माता-पिता होने के नाते आपको थोड़ा सतर्क हो जाने की जरूरत होती है. आइए जानते हैं उनके ऐसा करने के पीछे की वजह क्या होती है.
बच्चों के चिल्लाने की वजह | reason behind child screaming
टॉडलर बच्चेछोटे बच्चे जिनकी उम्र 18 से 24 महीने होती है उनका चिल्लाना सामान्य होता है. उनका रोना और टैंट्रम दिखाना कुछ सेकेंड का होता है. ऐसा इसलिए वो करते हैं क्योंकि उनके पास शब्द नहीं होते हैं अपनी बात कहने के लिए जिस वजह से वह इसका सहारा लेते हैं.
तनाव होती है वजहबच्चे अगर बहुत ज्यादा चीखते चिल्लाते हैं, तो इसकी वजह किसी तरह का मानसिक या शारीरिक तनाव हो सकता है. जब कोई काम उनके हिसाब से नहीं होता है तो भी वह ऐसी हरकतें करने लगते हैं. भूख लगना, थकान, बीमारी और दर्द में भी बच्चे रोने लगते हैं. ऐसे में वह अपनी तकलीफ मां बाप से बोलकर व्यक्त नहीं कर सकते जिसके कारण भी वह चिल्लाना और रोना शुरू कर देते हैं. ऐसा करके वह अटेंशन पाने की कोशिश करते हैं.
बच्चे के चिल्लाने पर क्या करें | what to do when baby cries
जब बच्चे के व्यवहार में इस तरह का बदलाव नजर आए तो उसे समझने की कोशिश करें की बच्चे को कोई तकलीफ तो नहीं है. उसे बुखार इंफेक्शन किसी तरह का तो नहीं हो गया है. हां लेकिन बच्चा अगर आपका ध्यान खींचने के लिए ऐसा कर रहा है तो उसको किसी और एक्टिविटी में लगा दें. यह सबसे आसान तरीका होता है बच्चों के चींखने चिल्लाने से निपटने का.
अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए जिम्मेदारी का दावा नहीं करता है.
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