Parenting Tips: ऐसे बहुत से माता-पिता हैं जिनकी आदत होती है कि वे जहां भी बच्चे को लेकर कुछ बात करने लगते हैं तो यह सोचते-समझते नहीं कि वे जो कुछ कह रहे हैं उसका बच्चे पर कैसा असर पड़ रहा है. यही गलती पैरेंट्स (Parents) तब करते हैं जब वे बच्चों के अध्यापकों से मिलते हैं. अध्यापकों (Teachers) के सामने बच्चों की अलग पहचान होती है जिसे माता-पिता जाने-अनजाने बिगाड़ देते हैं. इससे बच्चे को खीझ होती है, ठेस लगती है और दुख भी होने लगता है जिसका परिणाम यह निकलता है कि बच्चे और माता-पिता के बीच दूरियां गहराने लगती हैं और आपसी रिश्तों में खटास पड़ जाती है. यहां ऐसी ही 5 बातों का जिक्र किया जा रहा है जिन्हें पैरेंट्स को बच्चे के टीचर से कभी शेयर नहीं करना चाहिए.
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पैरेंट्स को बच्चे के टीचर से नहीं कहनी चाहिए ये बातें | Things Parents Should Never Share With Child's Teacher
पैरेंट टीचर मीटिंग (Parent Teacher Meeting) में माता-पिता को बच्चों के बारे में काफी कुछ सुनने को मिलता है. बच्चों का प्रदर्शन कैसा है, वे कितने समझदार हैं या कक्षा में उनका व्यवहार कैसा है इसपर बातचीत होती है. ऐसे में जब टीचर बच्चे की सराहना करें तो बच्चे को बेहद खुशी होती है. लेकिन, पैरेंट्स का इस स्थिति में बुराइयां गिनवाना या उन बातों की शिकायत करना जो बच्चे की पढ़ाई या व्यवहार से नहीं जुड़ी हैं तुक की नहीं लगतीं. तारीफ की जगह आपका टीचर से यह अपेक्षा रखना की वे बच्चे को डांटे बच्चे के मन पर चोट कर सकता है.
टीचर से बच्चे को मारने के लिए कहना"यह कोई गलती करे तो आप इसे बेझिझक मारिए" जैसी बातें अक्सर ही पैरेंट्स टीचर को कहते सुनाई पड़ जाते हैं. लेकिन, क्या आपने कभी सोचने की कोशिश की है कि आपकी इन बातों का बच्चे के मन-मस्तिष्क पर क्या असर पड़ता होगा? बच्चों के मन में माता-पिता के प्रति गुस्सा (Anger) और टीचर से डर की भावना पैदा होने लगती है.
बच्चे घर जाकर टीचर के बारे में माता-पिता को बहुत सी बाते कहते हैं. कोई बच्चा टीचर की तारीफ करता है तो किसी के मुंह से गुस्से में बुराई भी निकल सकती है. बच्चे नहीं चाहते कि माता-पिता टीचर को ये बातें बताएं.
बच्चे और माता-पिता का रिश्ता अनूठा होता है. बच्चे हजार गलतियां (Mistakes) करते हैं और माता-पिता से ही उन गलतियों को ठीक करना सीखते हैं. पैरेंट्स और बच्चे में हंसना-गुदगुदाना चलता रहता है और वे बच्चे को चिढ़ाते भी हैं तो प्यार से बहला भी लेते हैं. लेकिन, टीचर के सामने बच्चे की ऐसी बातें कहना जिससे उसे शर्मिंदगी महसूस हो ठीक नहीं है. माता-पिता को कहने से पहले विचार करना चाहिए कि वे जो कुछ कह रहे हैं वह बच्चे को टीचर के सामने केवल हंसी का पात्र ही नहीं बना रहा बल्कि उसके लज्जित भी कर रहा है.
अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.
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